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फेसबुक की खोज किसने की | Facebook Ki Khoj Kisne Ki

Facebook Ki Khoj Kisne Ki Thi | फेसबुक की खोज किसने की: फेसबुक दुनिया की सबसे बड़ी सोशल वेबसाइट है जहां आप अपने नए दोस्त बना सकते हैं, उन्हें मैसेज कर सकते हैं, कॉल कर सकते हैं। आप अपनी तस्वीरें, वीडियो भी साझा कर सकते हैं। आप अपने बारे में कुछ भी साझा कर सकते हैं। आप पूरी दुनिया में किसी को भी दोस्त बना सकते है जो फेसबुक पर हो। लेकिन इसके साथ ही फेसबुक एक बहुत ही उपयोगी चीज है इसकी मदद से आप अपने बिजनेस को बढ़ा सकते हैं। तो आज हम आपको इसी के बारे में बताएंगे कि फेसबुक को कब और किसने बनाया।

Facebook Ki Khoj Kisne Ki Thi | फेसबुक की खोज किसने की

Included

  • फेसबुक क्या है?
  • फेसबुक की खोज किसने की?
  • फेसबुक का इतिहास
  • फेसबुक के बारे में रोचक तथ्य
  • फेसबुक मोबाइल वर्जन और फेसबुक मोबाइल ऐप कब बनाया गया था?
  • प्रश्नोत्तरी

Facebook Ki Khoj Kisne Ki Thi | फेसबुक की खोज किसने की

फेसबुक क्या है?

फेसबुक एक अमेरिकी ऑनलाइन सोशल मीडिया और सोशल नेटवर्किंग साइट है। इसका मुख्यालय कैलिफोर्निया के मालोनेओ पार्क में स्थित है। इसे इंटरनेट से कनेक्ट करके सभी डिवाइस, मोबाइल, टैबलेट, कंप्यूटर या डेस्कटॉप पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें आप फ्री में अपना प्रोफाइल (मतलब अपने बारे में जानकारी) बनाकर दूसरे लोगों से जुड़ सकते हैं। इसमें आप अपनी पोस्ट को दूसरों के साथ शेयर कर सकते हैं।

फेसबुक के बिजनेस पेज और ग्रुप हैं। फेसबुक से जुड़ने से हमें अपने सामान को ऑनलाइन बेचने और खरीदने की सुविधा मुफ्त में मिलती है। फेसबुक के जरिए आप अपने फेसबुक फ्रेंड्स की एक्टिविटी का नोटिफिकेशन भी चेक कर सकते हैं।

फेसबुक की खोज किसने की?

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फेसबुक वेबसाइट की शुरुआत 4 फरवरी 2004 को मार्क जुकरबर्ग ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर की थी। उसके दोस्त उसके साथ पढ़ते थे और उसके क्लासमेट भी थे। एडुआर्डो सेवरिन (Eduardo Saverin), एंड्रयू मैककॉलम (Andrew McCollum), डस्टिन मोस्कोविट्ज़ (Dustin Moskovitz) और क्रिस ह्यूजेस (Chris Hughes)जो हार्वर्ड कॉलेज के छात्र थे।

जुकरबर्ग ने 28 अक्टूबर 2003 को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में “फेसमैश” नाम से एक कंप्यूटर प्रोग्राम बनाया, अपने कंप्यूटर साइंस स्किल्स की मदद से जुकरबर्ग ने हार्वर्ड के सिक्योरिटी नेटवर्क को हैक कर लिया और जहां से उन्होंने स्टूडेंट की फोटो और आईडी कॉपी की। और इस जानकारी का उपयोग अपनी वेबसाइट को लोकप्रिय बनाने के लिए किया। उनकी नई वेबसाइट पर एक “हॉट ऑर नॉट” गेम था। जिसमें वेबसाइट के विज़िटर किन्हीं 2 छात्रों में से एक के फोटो को हॉट और दूसरे को नॉट के रूप में बताते थे।

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फेसमैश की शुरुआत 28 अक्टूबर 2003 को हुई थी, लेकिन कुछ समय बाद हार्वर्ड एडमिनिस्ट्रेशन ने इसे यह कहते हुए बंद कर दिया कि जुकरबर्ग ने छात्र की फोटो और आईडी चुरा ली और उनके नियमों का उल्लंघन किया।

4 फरवरी 2004 को जुकरबर्ग ने Thefacebook नाम से एक नई वेबसाइट बनाई। लेकिन 6 दिन बाद, उन्हें एक और समस्या का सामना करना पड़ा। जब हार्वर्ड कॉलेज में उनके सीनियर कैमरन विंकलेवोस (Cameron Winklevoss), टायलर विंकलेवोस (Tyler Winklevoss) और दिव्य नरेंद्र (Divya Narendra) ने जुकरबर्ग पर उनका आईडिया चोरी करने का आरोप लगाया। जो की सोशल नेटवर्क वेबसाइट हार्वर्डकनेक्शन बनाना था। लेकिन कोर्ट जुकरबर्ग के खिलाफ था और उन्होंने 2008 में कोर्ट के बाहर मामले को सुलझा लिया। और उसके बाद उन्होंने वेबसाइट को बनाने और चलाने के लिए कुछ अन्य छात्रों की मदद ली।

इस नई वेबसाइट Thefacebook के बनने के 24 घंटे के भीतर 1200 छात्रों ने पंजीकरण किया था और 4 महीने के भीतर 150,000 लोगों ने फेसबुक का उपयोग करना शुरू कर दिया था। 2004 में सीन पार्कर (Sean Parker) इस कंपनी के प्रेजिडेंट बने। उसके बाद कम समय में फेसबुक के और अधिक लोकप्रिय होने के कारण अगस्त 2005 में इसका नाम सिर्फ Facebook कर दिया गया। लेकिन फेसबुक का डोमेन 200,000 डॉलर में खरीदा गया था। क्योंकि यह डोमेन AboutFace Corporation से संबंधित था।

मई 2005 में, Accel Partners ने Facebook कंपनी में $12.7 मिलियन का निवेश किया। इसके बाद सितंबर 2005 में हाई स्कूल के छात्रों के लिए फेसबुक को लॉन्च किया गया। जिसे मार्क जुकरबर्ग ने नेक्स्ट लॉजिकल स्टेप नाम दिया था, लेकिन हाई स्कूल के छात्रों के पंजीकरण के लिए आमंत्रण की आवश्यकता थी। और 2009 में एक वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार फेसबुक दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट बन गई।

फेसबुक का इतिहास

  • 22 अगस्त 2006 में फेसबुक ने नोट्स विकल्प पेश किया।
  • 6 सितंबर, 2006 न्यूज फीड फीचर की शुरुआत की गई। जिसके द्वारा आप होमपेज पर अन्य यूजर के शेयर फोटो स्टेटस को देख सकते हैं।
  • 6 अप्रैल, 2008 फेसबुक चैट का फीचर आया जिसके साथ यूजर्स इंस्टेंट मैसेजिंग कर सकते थे।
  • फेसबुक बीटा वर्जन को 20 जुलाई 2008 में लॉन्च किया गया था। जिसमें फेसबुक के डिजाइन में बदलाव किया गया था। मिनी-फीड स्थापित किया गया था। फेसबुक ने यूजर को इस डिजाइन का इस्तेमाल करने का विकल्प दिया था, अगर यूजर नए वर्जन का इस्तेमाल करना चाहता है तो वह नए वर्जन का इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन सितंबर 2008 के बाद सभी यूजर्स को नया वर्जन दिया गया।
  • 13 जून 2009 को फेसबुक ने यूजरनेम की सुविधा शुरू की, जिसकी मदद से आप एक सिंपल यूजरनेम के साथ अपना आईडी खोल सकते हैं।
  • फेसबुक लाइक बटन 21 अप्रैल 2010 को स्थापित किया गया था।
  • 6 जुलाई, 2011 में, फेसबुक ने स्काई के साथ मिलकर लाइव कॉल की सुविधा शुरू की।

फेसबुक के बारे में रोचक तथ्य

  • आप फेसबुक को 70 अलग-अलग भाषाओं में इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • फेसबुक के नीले रंग में रंगे जाने के पीछे एक कारण है। इसके संस्थापक मार्क जुकरबर्ग कलर ब्लाइंड हैं। वे हरे और लाल में अंतर नहीं लगा पाते है।
  • अगर आप फेसबुक पर किसी से तंग आ चुके हैं या कोई आपको परेशान करता है तो आप उसे ब्लॉक कर सकते हैं लेकिन फेसबुक के मालिक को ब्लॉक नहीं कर सकते।
  • मार्क ने पहले फेसबुक के ‘लाइक’ बटन का नाम ‘Awesome’ रखने का फैसला लिया था। लेकिन मार्क की किसी ने नहीं सुनी।
  • फेसबुक पर कई फीचर्स की तरह एक पोक भी है। लेकिन अगर आप किसी से इसका मतलब पूछेंगे तो शायद ही कोई इसका मतलब बता पाएगा। क्योंकि खुद फेसबुक ने भी इसका मतलब या इसका काम तय नहीं किया है। लेकिन अगर आप इसका ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो आप ब्लॉक हो सकते हैं।
  • अगर फेसबुक का सर्वर डाउन हो जाता है तो उसे हर मिनट 25 हजार डॉलर का नुकसान होगा।
  • फेसबुक हर महीने सिर्फ होस्टिंग पर 30 मिलियन डॉलर खर्च करता है।
  • 2009 में, फेसबुक ने व्हाट्सएप के सह-संस्थापक ब्रायन एक्टन को काम पर रखने से इनकार कर दिया।
  • आप Facebook के ओनर के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को स्थायी रूप से ब्लॉक कर सकते हैं।
  • आप शायद नहीं जानते होंगे, लेकिन फेसबुक ग्लोब (नोटिफिकेशन टैब) यूजर्स की लोकेशन के हिसाब से बदल जाता है। फेसबुक प्रोफाइल पर मार्क जुकरबर्ग के पेज तक पहुंचने के लिए एक विशेष शॉर्टकट भी है।

फेसबुक मोबाइल वर्जन और फेसबुक मोबाइल ऐप कब बनाया गया था?

सबसे पहले, जब फेसबुक बनाया गया था, तब लोगों के पास इतना खास स्मार्टफोन नहीं था। तब फेसबुक केवल कंप्यूटर वेब ब्राउज़र में ही खुलता था। लेकिन धीरे-धीरे मोबाइल फोन के इस्तेमाल में आए बदलाव के चलते पहली बार 2007 में m.facebook.com को लॉन्च किया गया। जिसके इस्तेमाल से कोई भी मोबाइल यूजर अपने मोबाइल ब्राउजर से फेसबुक खोल सकता था, अब भी मोबाइल में यही यूआरएल ओपन होता है।

मोबाइल संस्करण 2007 में निकाला गया था लेकिन तब भी मोबाइल ऐप लॉन्च नहीं हुआ था, लेकिन उसके बाद 2009 में फेसबुक का मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया गया था। जिसमें ऐप्पल, नोकिया, आईएनक्यू, एचटीसी, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स, मोटोरोला, पाम, रिम, सैमसंग, सोनी एरिक्सन, टी-मोबाइल साइडकिक और विंडोज मोबाइल शामिल थे। इन सभी मोबाइल में सपोर्ट करता था।

प्रश्नोत्तरी

फेसबुक का आविष्कारक कौन है?
वैसे तो आप अब तक जान ही गए होंगे कि फेसबुक को “मार्क जुकरबर्ग” ने बनाया था। लेकिन फेसबुक बनाने के पीछे 4 और लोग थे ” एंड्रयू मैककॉलम, डस्टिन मोस्कोविट्ज़, एडुआर्डो सेवरिन, क्रिस ह्यूजेस” ।

फेसबुक का आविष्कार किस देश ने किया?
इसका जवाब है अमेरिका (संयुक्त राज्य अमेरिका) क्योंकि फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग अमेरिका से हैं, इसलिए फेसबुक भी अमेरिका का है।

फेसबुक किसने और कब बनाया?
फेसबुक को कुल 5 लोगों ने बनाया था “मार्क जुकरबर्ग, एंड्रयू मैककॉलम, डस्टिन मोस्कोविट्ज़, एडुआर्डो सेवरिन, क्रिस ह्यूजेस” लेकिन फेसबुक के मालिक की बात करें तो फेसबुक का स्वामित्व मार्क जुकरबर्ग के पास है।

निष्कर्ष

उम्मीद है की आपको यह जानकारी (Facebook Ki Khoj Kisne Ki Thi | फेसबुक की खोज किसने की) पसंद आयी होगी। अगर आपको यह लेख (Facebook Ki Khoj Kisne Ki Thi | फेसबुक की खोज किसने की) मददगार लगा है तो आप इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें । और अगर आपका इस आर्टिकल (Facebook Ki Khoj Kisne Ki Thi | फेसबुक की खोज किसने की) से सम्बंधित कोई सवाल है तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।

लेख के अंत तक बने रहने के लिए आपका धन्यवाद

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