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इंटरनेट का खोज किसने और कब थी, जानिये इसका इतिहास और भारत में इंटरनेट की शुरुवात

Internet Ki Khoj Kisne Ki Thi | Internet Ka Avishkar Kisne Kiya Tha: आज इस लेख में आप जानेंगे कि इंटरनेट की खोज किसने की। आज के समय में इंटरनेट हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है। आज पूरी दुनिया इंटरनेट के जरिए आपस में जुड़ी हुई है। अगर आज के समय में इंटरनेट थोड़े समय के लिए बंद कर दिया जाए तो पूरी दुनिया का काम ठप हो जाएगा। इंटरनेट दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क है। यहां सभी नेटवर्क एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। यह एक वैश्विक कंप्यूटर नेटवर्क है जो कई प्रकार की सूचना और संचार सुविधाएं प्रदान करता है। आपको बता दें कि इंटरनेट को किसी एक व्यक्ति ने नहीं बनाया था बल्कि इसे बनाने में कई वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और प्रोग्रामर्स का योगदान था। आज दुनिया में करोड़ों लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन शायद बहुत से इंटरनेट उपयोगकर्ता यह नहीं जानते कि इंटरनेट का आविष्कार किसने किया? बता दें कि इंटरनेट की खोज किसने की?

अगर आप इन सभी सवालों के जवाब ढूंढ रहे हैं तो इन सभी सवालों के जवाब आपको इस लेख में मिल जाएंगे। सरल भाषा में लिखे गए इस लेख को आखिरी तक पढ़ें ताकि आपको इसके बारे में पूर्ण जानकारी मिल सके।

Internet Ki Khoj Kisne Ki Thi | Internet Ka Avishkar Kisne Kiya Tha

Included

  • इंटरनेट का प्रयोग और इस्तेमाल
  • इंटरनेट का आविष्कार कैसे हुआ?
  • इंटरनेट का फुल फॉर्म क्या है?
  • सबसे पहले इंटरनेट का प्रयोग किस देश में किया गया था?
  • भारत में इंटरनेट का आविष्कार कब हुआ था?
  • इंटरनेट किसने बनाया?
  • इंटरनेट की खोज किसने की?
  • WWW का आविष्कार किसने किया?
  • इंटरनेट शब्दावली
  • इंटरनेट से सम्बंधित कुछ रोचक तथ्य
  • प्रश्नोत्तरी

Internet Ki Khoj Kisne Ki Thi | Internet Ka Avishkar Kisne Kiya Tha

इंटरनेट की खोज सबसे पहले विंट सेर्फ़ और बॉब कान (रॉबर्ट इलियट कान) ने की थी। आपको बता दें कि इंटरनेट को किसी एक व्यक्ति ने नहीं बनाया था बल्कि इसे बनाने में कई वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और प्रोग्रामर्स का योगदान था। इंटरनेट की शुरुआत सबसे पहले अमेरिकी सेना ने पेंटागन अमेरिकी रक्षा विभाग में की थी। 1969 में ARPANet (Advanced Research Project Agency) नाम से एक नेटवर्किंग प्रोजेक्ट लॉन्च किया गया था। 1978 में, रॉबर्ट कान और विंटन सेर्फ़ ने TCP/IP (ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल/इंटरनेट प्रोटोकॉल) बनाया। टीसीपी/आईपी एक प्रोटोकॉल है जो यह निर्धारित करता है कि एक नेटवर्क में दो या दो से अधिक कंप्यूटर एक दूसरे के साथ संपर्क कैसे स्थापित करेंगे। 1983 में, ARPAnet ने TCP/IP मॉडल को अपनाया और डेटा ट्रांसफर करने के लिए कई कंप्यूटरों का एक नेटवर्क बनाया, जिसने इंटरनेट युग की शुरुआत को चिह्नित किया।

इंटरनेट का प्रयोग और इस्तेमाल

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इंटरनेट का प्रयोग सर्वप्रथम 1969 में किया गया था। इंटरनेट का इस्तेमाल सबसे पहले DOD यानी रक्षा विभाग ने किया था। इंटरनेट का उपयोग सबसे पहले अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा यूसीएलए और स्टैंडफोर्ड रिसर्च के Computer Network के माध्यम से किया गया था।

इंटरनेट पर सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए एक नियम या यूँ कहे कि एक नियम बनाया गया था, जिसे टीसीपी या आईपी के नाम से जाना जाता था। इसके बाद पहली बार इस इंटरनेट का इस्तेमाल ब्रिटिश पोस्ट ऑफिस में किया गया।

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इस नेटवर्क को 1980 में ARPN यानी एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट एंड एजेंसी द्वारा लॉन्च किया गया था। इसके बाद 1980 में बिल गेट्स ने IBM के कंप्यूटरों पर एक माइक्रोसॉफ्टऑपरेटिंग सिस्टम स्थापित करने का सौदा किया और 1984 में Apple ने इन्टरनेट का सही से उपयोग करने के लिए पहली बार फ़ाइलों और फ़ोल्डरों, ड्रॉप डाउन मेनू, माउस, ग्राफिक्स का प्रयोग आदि से युक्त “आधुनिक सफल कम्प्यूटर” लांच किया।

इंटरनेट का आविष्कार कैसे हुआ?

इंटरनेट को सरल शब्दों में कम्प्यूटरो का जाल कहते है। जो कई कंप्यूटरों को एक साथ जोड़ने का काम करता है। कंप्यूटर के आने से दुनिया में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में क्रांति आ गई थी। कंप्यूटर का आविष्कार तेजी से फैल रहा था। और रक्षा समेत तमाम विभाग और कारोबार भी इसका इस्तेमाल करने लगे थे।

कंप्यूटर का क्षेत्र लगातार आगे बढ़ रहा था। लेकिन एक ऐसी व्यवस्था की जरूरत थी। जिससे दो या दो से अधिक कंप्यूटर को एक साथ जोड़ा जा सके। ताकि कम्युनिकेशन और डाटा ट्रांसफर अच्छी दूरी से भी संभव हो सके। यह इंटरनेट के आविष्कार की शुरुआत थी।

शायद ये जानकर आपको हैरानी होगी कि इंटरनेट का आविष्कार रक्षा के क्षेत्र से शुरू हुआ। अमेरिकी रक्षा विभाग ने कंप्यूटर को अपनाना शुरू कर दिया था। इसलिए अब उन्हें ऐसी व्यवस्था की जरूरत थी। जिससे कंप्यूटर से डेटा और सूचना को स्थानांतरित किया जा सके। ऐसे में सरकार ने इसके लिए फंडिंग शुरू कर दी है।

इसी फंड की वजह से ARPANET की शुरुआत हुई थी। ARPANET की शुरुआत 19 अक्टूबर 1959 को हुई थी। यह एक ऐसी प्रणाली थी जिसके द्वारा कंप्यूटरों को आपस जोड़ा जा सकता था। लेकिन यह बहुत एडवांस नहीं था। इसमें सुधार हुआ। जब बॉब कान और विंट सर्फ ने टीसीपी/आईपी की स्थापना की। और यहीं से इंटरनेट की शुरुआत हुई।

इंटरनेट का फुल फॉर्म क्या है?

इंटरनेट का फुल फॉर्म “इंटरकनेक्टेड नेटवर्क” है।

सबसे पहले इंटरनेट का प्रयोग किस देश में किया गया था?

इंटरनेट की खोज सबसे पहले अमेरिकी रक्षा विभाग में की गई थी, जिसके बाद इसका इस्तेमाल किया गया। वैसे, खोज के अनुसार, अमेरिका में पहली बार इंटरनेट का उपयोग किया गया था। सबसे पहले सफल आधार पर उपयोग किया जाने वाला कार्य यूके पोस्ट ऑफिस में किया गया था।

भारत में इंटरनेट का आविष्कार कब हुआ था?

अगर हम बात करें कि भारत में इंटरनेट का आविष्कार कब हुआ था, तो इसके संदर्भ में आपको बता दें कि भारत में पहली बार इंटरनेट की सुविधा 14 अगस्त 1995 को शुरू की गई थी। विदेश संचार निगम लिमिटेड पहली कंपनी थी। जिसने भारत के लोगो को इन्टरनेट की सौगात दी थी।

देश में पहली बार इस कंपनी ने ब्रॉडबैंड के जरिए कंप्यूटर को कनेक्ट किया था। इस समय शुरुआत में कुछ ही ओग इंटरनेट से जुड़ पाते थे क्योंकि उस समय इंटरनेट की स्पीड बहुत कम थी। फिलहाल यह स्पीड एमबीपीएस में आती है लेकिन शुरुआत में यह स्पीड केबीपीएस या बीपीएस में आती थी।

इंटरनेट किसने बनाया?

वैसे तो इंटरनेट बनाने का श्रेय अमेरिका के रक्षा विभाग को ही जाता है, लेकिन आपको उन महान लोगों के बारे में भी पता होना चाहिए। जिनके पास इसे बनाने के लिए दिमाग था।

इसका पूरा श्रेय अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक विंटन सेर्फ़ (Vinton cerf) और बॉब कान (Bob Kahn) को जाता है। ये दोनों ही अमेरिका के मशहूर कंप्यूटर वैज्ञानिक थे जिन्होंने दुनिया को इंटरनेट का दीवाना बना दिया।

इंटरनेट की खोज किसने की?

वैसे तो हम इंटरनेट का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं और इसके लिए बहुत से लोगों को धन्यवाद देते हैं। लेकिन जब बात आती है इंटरनेट की खोज किसने की, तो सबसे पहले विंटन सेर्फ़ (Vinton cerf) और बॉब कान (Bob Kahn) का नाम आता है।

कान और सेर्फ़, जिन्होंने इंटरनेट के उन फ्रेमवर्क का आविष्कार किया। जिनका इस्तेमाल आज भी किया जा रहा हैं। उन्होंने नियम निर्धारित किए और अदृश्य बुनियादी ढांचे का निर्माण शुरू किया, जिस पर हम सभी भरोसा करते हैं।

जबकि 1989 में बर्नर्स-ली ने वर्ल्ड वाइड वेब की खोज की। यह वही प्लेटफॉर्म है जिसका उपयोग हम आज इंटरनेट एक्सेस करने के लिए कर रहे हैं। लेकिन एक बात आपको माननी होगी कि ARPANET और Vinton Cerf जैसे लोगों के बिना आज का इंटरनेट वह नहीं होता जो वह है।

इसलिए किसी एक व्यक्ति को इंटरनेट के आविष्कार का पूरा श्रेय देना ठीक नहीं होगा, बल्कि हम सभी को उनके कार्यों को उचित दर्जा देना चाहिए। इन सभी महान लोगों की कड़ी मेहनत के कारण ही आज इंटरनेट संभव हुआ है।

WWW का आविष्कार किसने किया?

1991 में, ब्रिटिश वैज्ञानिक टिम बर्नर्स ली ने WWW (वर्ल्ड वाइड वेब) का आविष्कार किया। WWW एक ऐसी तकनीक है जिसके माध्यम से हम इंटरनेट पर वेबसाइटों और हाइपरलिंक्स तक पहुंच सकते हैं।

इंटरनेट शब्दावली

इंटरनेट से जुड़े कुछ सामान्य शब्द जिनका प्रयोग हम अक्सर बोलचाल की भाषा में करते हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही शब्द

एफ़टीपी – एफ़टीपी एक सामान्य शब्द है जिसका मतलब है फ़ाइल स्थानांतरण प्रोटोकॉल। इसका उपयोग फाइलों को स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है। यह एक मानक नेटवर्क है। इस सॉफ्टवेयर और इस शब्दावली का उपयोग क्लाइंट और सर्वर के बीच डेटा का आदान-प्रदान करने के लिए किया जाता है।

आईपी पता – आईपी का पूरा नाम इंटरनेट प्रोटोकॉल है| आईपी कंप्यूटर का एक पता है जिससे सर्वर के लोकेशन को पहचाना जाता है।

आईएसपी – इंटरनेट की दुनिया में एक और बोलचाल का शब्द आईएसपी है। आईएसपी का पूरा नाम इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर है। एक सेवा कंपनी जो यूजर को इंटरनेट एक्सेस करने वाले होस्ट-कंप्यूटर पर एक खाता प्रदान करती है।

लैन – लैन का पूरा नाम लोकल एरिया नेटवर्क है। यह एक ऐसा स्थानीय समूह है जो इंटरनेट की पहुंच एक निश्चित सीमा तक सुनिश्चित करता है। हम हर रोज इस का इस्तेमाल करते हैं लेकिन हम इस शब्द का अर्थ नहीं जानते हैं। हालांकि यह एक सामान्य शब्द है।

इंटरनेट से सम्बंधित कुछ रोचक तथ्य

  • हम जिस इंटरनेट का उपयोग करते हैं वह पूरे इंटरनेट का केवल 5% है।
  • इंटरनेट पूरी तरह से मुफ़्त है और हम जो शुल्क देते हैं, वह इसके मैंटनेंस का खर्चा है।
  • विश्व का पहला E-mail 1971 में अमेरिका के कैम्ब्रिज में एक ही कमरे में रखे दो कंप्यूटरों के मध्य रे टॉमलिंसन नाम के एक इंजीनियर ने भेजा था।
  • दुनिया का पहला वायरस लता क्रीपर पर खोजा गया था? यह 1970 के दशक की शुरुआत में इंटरनेट से पहले आया था।
  • ईमेल वर्ल्ड वाइड वेब से पहले बनाया गया था।
  • आज भी दुनिया की कुल आबादी का 40% इंटरनेट का इस्तेमाल करता है।

प्रश्नोत्तरी

भारत में इंटरनेट की शुरुआत कब हुई थी?
भारत में इंटरनेट सेवाओं की शुरुआत 15 अगस्त 1995 को विदेश संचार निगम लिमिटेड द्वारा की गई थी।

भारत में इंटरनेट की शुरुआत कहाँ से हुई थी?
भारत में इंटरनेट की शुरुआत कोलकाता में हुई थी। यहां इंटरनेट का सबसे पहला आम इस्तेमाल किया गया।

भारत में इंटरनेट का प्रयोग कब शुरू हुआ?
देश में पहली बार इंटरनेट का इस्तेमाल 15 अगस्त 1995 को किया गया था।

इंटरनेट को हिंदी में क्या कहते हैं?
इंटरनेट को हिन्दी में ‘अंतरजाल’ कहते हैं।

World Wide Web का आविष्कार किसने किया था?
ब्रिटिश वैज्ञानिक टिम बर्नर्स ली ने WWW यानी वर्ल्ड वाइड वेब का आविष्कार किया था।

इंटरनेट का मुख्यालय कहाँ है ?
इसका मुख्यालय अमेरिका के लॉस एंजिल्स में स्थित है। ICANN का उद्देश्य स्थिर और सुरक्षित इंटरनेट सेवा सुनिश्चित करना है। यह इंटरनेट प्रोटोकॉल आदि के समन्वय का कार्य भी करता है।

इंटरनेट का पहला सॉफ्टवेयर कौन सा है?
यह माइक्रोसॉफ्ट कंपनी द्वारा 1995 से जारी और चालू विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम लाइन का एक सॉफ्टवेयर है। जिसका नाम इंटरनेट एक्सप्लोरर है।

भारत में इंटरनेट पत्रकारिता की शुरुआत कब मानी जाती है?
भारत में इंटरनेट पत्रकारिता की शुरुआत 1993 से मानी जाती है। हमारे देश में इंटरनेट की शुरुआत इसी साल हुई थी। इसका दूसरा चरण 2003 से हुआ।

निष्कर्ष

उम्मीद है की आपको यह जानकारी (Internet Ki Khoj Kisne Ki Thi | Internet Ka Avishkar Kisne Kiya Tha) पसंद आयी होगी। अगर आपको यह लेख (Internet Ki Khoj Kisne Ki Thi | Internet Ka Avishkar Kisne Kiya Tha) मददगार लगा है तो आप इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें । और अगर आपका इस आर्टिकल (Internet Ki Khoj Kisne Ki Thi | Internet Ka Avishkar Kisne Kiya Tha) से सम्बंधित कोई सवाल है तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।

लेख के अंत तक बने रहने के लिए आपका धन्यवाद

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