Surya Gochar 2025: सूर्य का मेष राशि में गोचर, जानें सभी 12 राशियों पर क्या होगा असर?

Surya Gochar 2025: 14 अप्रैल को सूर्य मेष राशि में प्रवेश कर चुके हैं। सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करते ही चल रहा खरमास समाप्त हो गया है। जब सूर्य बृहस्पति की राशि धनु या मीन में होते हैं तो खरमास शुरू हो जाता है। खरमास को अच्छा नहीं माना जाता है और इसमें कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है। सूर्य 14 मई तक मेष राशि में रहेंगे, उसके बाद वृष राशि में प्रवेश करेंगे। वैदिक ज्योतिष में सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है। मेष राशि में सूर्य उच्च के होते हैं। यानी मेष राशि में सूर्य की स्थिति अच्छी और शक्तिशाली मानी जाती है, आइए जानते हैं कि सूर्य के मेष राशि में गोचर का सभी 12 राशियों पर क्या असर होगा।

मेष राशि

सूर्य आपकी कुंडली के पांचवें भाव का स्वामी है और मेष राशि में गोचर आपके पहले भाव में हुआ है। ऐसे में आपके आत्मविश्वास और व्यक्तित्व में वृद्धि होगी। आपके लिए सूर्य पंचम भाव का स्वामी होकर उच्च का होगा, जिसके कारण आपको सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। प्रेम संबंधों में अनुकूलता देखने को मिल सकती है।

वृषभ राशि

वृषभ लग्न वालों के लिए सूर्य कुंडली के चौथे भाव का स्वामी है और मेष राशि में सूर्य का गोचर आपके बारहवें भाव में हुआ है। चतुर्थ भाव में सूर्य यानि चतुर्थ भाव का स्वामी होकर बारहवें भाव में उच्च का होना विदेश से जुड़े मामलों में लाभ दिला सकता है। लेकिन बारहवां भाव व्यय का भी होता है। ऐसे में व्यय के लिहाज से इसे अच्छा नहीं कहा जा सकता। आपको काफी भागदौड़ का सामना करना पड़ेगा। विवाद, लड़ाई-झगड़े और कोर्ट-कचहरी के मामलों में भी सावधान रहें। इस दौरान किसी को भी ज्यादा पैसा उधार न दें, अन्यथा वह पैसा समय पर नहीं मिल पाएगा।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य तीसरे भाव का स्वामी है और 14 अप्रैल को इसका गोचर आपके लाभ भाव यानि एकादश भाव में भी हो चुका है, जिसके कारण यह आपके लिए बहुत अच्छी स्थिति है। आर्थिक मामलों के लिहाज से सूर्य का गोचर आपके लिए आय के कई स्रोत बनाएगा। मेष राशि में सूर्य का गोचर आपके लिए शुभ साबित होगा। राशि से एकादश लाभ भाव में गोचर करते हुए सूर्य आपको कई अप्रत्याशित सुखद परिणामों से रूबरू करवाएगा। आय के साधनों में वृद्धि होगी। लंबे समय से दिया गया धन भी वापस मिलने की उम्मीद है। लेकिन इस दौरान आपको गलत लोगों की संगति से बचना चाहिए। साथ ही किसी भी तरह के नशे से भी बचें। परिवार के वरिष्ठ सदस्यों और बड़े भाइयों से मतभेद न बढ़ने दें।

कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य आपके दूसरे भाव का स्वामी होकर अब दशम भाव यानि कर्म भाव में गोचर कर चुका है। सूर्य का यह गोचर कर्क राशि के जातकों के लिए बहुत शुभ और उत्तम है। दशम भाव में सूर्य का गोचर उत्तम सफलता देने वाला है। राशि से दशम कर्म भाव में गोचर करते हुए सूर्य उत्तम सफलता प्रदान करेंगे। कार्य एवं व्यापार में उन्नति होगी, यदि किसी प्रकार का नया अनुबंध करना है तो उस दृष्टि से भी समय अनुकूल रहेगा। सामाजिक प्रतिष्ठा एवं प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। परिवार में शुभ कार्यों का अच्छा अवसर प्राप्त होगा। भूमि एवं संपत्ति से संबंधित मामले निपटेंगे।

सिंह
सिंह राशि के जातकों के लिए सूर्य लग्न का स्वामी होकर अब लगभग एक माह तक नवम भाव यानि भाग्य भाव में उच्च अवस्था में रहेगा। सामान्यतः भाग्य भाव में सूर्य का गोचर अच्छा नहीं माना जाता है, लेकिन लग्न का स्वामी होकर भाग्य भाव में उच्च अवस्था में होने से मिश्रित परिणाम मिलने तय रहेंगे। राशि से भाग्य भाव में गोचर करते हुए सूर्य का प्रभाव आपको कई अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव का सामना करवाएगा, धर्म एवं आध्यात्म के मामलों में रुचि बढ़ेगी। आप धार्मिक कार्यों एवं अनाथालय आदि में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे तथा दान-पुण्य करेंगे।

कन्या
कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य कुंडली के बारहवें भाव का स्वामी होकर आपके अष्टम भाव में गोचर कर चुका है। राशि से अष्टम भाव आयु में गोचर करने से सूर्य का प्रभाव बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता है। स्वास्थ्य के प्रति अत्यधिक सावधान रहने की आवश्यकता है। अग्नि, विष और दवाओं के रिएक्शन से बचें। आपके अपने ही लोग आपको नीचा दिखाने की कोशिश करेंगे, सावधान रहें। अपने अदम्य साहस और पराक्रम के बल पर आप कठिन से कठिन परिस्थितियों पर भी नियंत्रण पा लेंगे, लेकिन कहीं-न-कहीं असफलता का सामना भी करना पड़ सकता है।

तुला
तुला राशि के लिए सूर्य एकादश भाव का स्वामी है और मेष राशि में सूर्य का गोचर होने से यह आपके सप्तम भाव में और उच्च अवस्था में होगा। सप्तम भाव यानि वैवाहिक भाव में सूर्य का गोचर अच्छा नहीं माना जाता है। राशि से सप्तम वैवाहिक भाव में गोचर करते हुए सूर्य का प्रभाव बहुत अच्छा तो नहीं कहा जा सकता है लेकिन मिले-जुले परिणाम देगा। कार्य और व्यापार में उन्नति होगी। यदि आप किसी प्रकार का नया अनुबंध करना चाहते हैं तो उस दृष्टि से भी ग्रह गोचर अनुकूल रहेगा। विवाह संबंधी बातचीत में थोड़ा और समय लगेगा।

वृश्चिक
वृश्चिक राशि वालों के लिए सूर्य आपकी कुंडली के दशम भाव का स्वामी है और मेष राशि में सूर्य का गोचर आपके छठे भाव में हुआ है। कर्म भाव के स्वामी का छठे भाव यानि शत्रु भाव में उच्च अवस्था में गोचर अच्छा माना जाता है। ऐसे में आपको अपने शत्रुओं पर विजय मिलेगी। इस दौरान नौकरीपेशा लोगों को लाभ और पदोन्नति के योग बन रहे हैं।

धनु राशि

धनु राशि के जातकों के लिए कुंडली के भाग्य भाव का स्वामी होकर आत्मा का ग्रह सूर्य अब एक महीने के लिए पंचम भाव में विराजमान रहेगा। राशि से पंचम शिक्षा भाव में गोचर करते हुए सूर्य का प्रभाव सामान्य रहेगा। रचनात्मक कार्यों में सफलता मिलेगी। प्रतियोगिता में शामिल होने वाले विद्यार्थियों और छात्रों को परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए अधिक प्रयास करने होंगे।

मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए सूर्य आपकी कुंडली के अष्टम भाव का स्वामी है और अब जब सूर्य मेष राशि में गोचर कर चुका है तो यह आपके चतुर्थ भाव में होगा। कुंडली के चतुर्थ भाव में सूर्य का गोचर अच्छा नहीं माना जाता है। अष्टम भाव के स्वामी का चतुर्थ भाव में गोचर अच्छी स्थिति नहीं है। इस दौरान आपको मानसिक अशांति का सामना करना पड़ सकता है। मित्रों और रिश्तेदारों से भी अप्रिय समाचार मिलने की संभावना है। माता-पिता के स्वास्थ्य के प्रति विचारशील रहें। यात्रा सावधानी से करें।

कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों के लिए सूर्य सप्तम भाव का स्वामी है और आपकी राशि में इसका गोचर तृतीय भाव में हुआ है। राशि से पराक्रम के तीसरे भाव में सूर्य के गोचर का प्रभाव बहुत सकारात्मक रहेगा लेकिन परिवार में छोटे भाइयों से मतभेद बढ़ सकते हैं। कार्य और व्यापार में उन्नति होगी। लिए गए और किए गए निर्णयों की सराहना होगी।

मीन राशि –
मेष राशि में सूर्य के गोचर से आपके दूसरे भाव यानि धन भाव पर प्रभाव पड़ेगा। आमतौर पर दूसरे भाव में सूर्य का गोचर अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसे में स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढ़ सकती हैं। सूर्य के प्रभाव से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं, खासकर दाहिनी आंख से संबंधित। अचानक धन लाभ के योग बन रहे हैं।

Leave a Comment