https://www.fapjunk.com https://fapmeister.com

स्वामी विवेकानंद की मृत्यु का कारण, स्वामी विवेकानंद की मृत्यु कब और कैसे हुई थी इन हिंदी – पूरी जानकारी

स्वामी विवेकानंद की मृत्यु का कारण – स्वामी विवेकानंद को कौन नहीं जानता। उन्होंने भारत की सभ्यता, संस्कृति और अध्यात्म को पूरी दुनिया से परिचित कराया था। उन्होंने अमेरिका के शिकागो में आयोजित विश्व धर्म सम्मेलन में भाग लिया और अपने विचारों से पूरी दुनिया को अवगत कराया। लेकिन क्या आप जानते है स्वामी विवेकानंद की मृत्यु का कारण, स्वामी विवेकानंद की मृत्यु किस कारण हुई थी, अगर नहीं तो हमारे इस लेख के अंत तक बने रहे।

आज के इस लेख में हम आपको स्वामी विवेकानंद की मृत्यु किस कारण हुई थी, स्वामी विवेकानंद की मृत्यु कैसे हुई थी, स्वामी विवेकानंद की मृत्यु कब हुई थी, स्वामी विवेकानंद की मृत्यु कहां हुई थी के बारे में जानकारी देने वाले है। तो आइये शुरू करते है और जानते है स्वामी विवेकानंद की मृत्यु कब और कैसे हुई थी –

स्वामी विवेकानंद के बारे में (Information About Swami Vivekananda In Hindi)

स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कोलकाता (पहले कलकत्ता) में हुआ था। उनका घर का नाम नरेंद्र दत्त था। वह बहुत तेज दिमाग के थे । जब उन्होंने रामकृष्ण परमहंस की प्रशंसा सुनी तो वे कुछ तर्क करने के उद्देश्य से उनके पास गए, लेकिन रामकृष्ण जी ने पहचान लिया कि यह वह शिष्य है जिसकी वे लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे थे। बाद में, रामकृष्ण विवेकानंद के गुरु बने। स्वामी विवेकानंद ने 25 वर्ष की आयु में भगवा वस्त्र धारण किया और उसके बाद उन्होंने पूरे भारत की पैदल यात्रा की। स्वामी विवेकानंद का दृढ़ विश्वास था कि अध्यात्म और भारत दर्शन के बिना दुनिया अनाथ हो जाएगी। उन्होंने भारत और विदेशों में रामकृष्ण मिशन की कई शाखाओं की स्थापना की। इस बात को लेकर कोई रहस्य नहीं है कि स्वामी विवेकानंद की मृत्यु 1902 ई. में हुई थी। लेकिन हम सभी उनकी मौत के असली कारणों को नहीं जानते हैं। इस लेख में हम स्वामी विवेकानंद की मृत्यु से जुड़े विभिन्न सिद्धांतों के साथ-साथ उनके जीवन के कुछ अज्ञात पहलुओं को जानने का प्रयास कर रहे हैं।

स्वामी विवेकानंद की मृत्यु किस कारण हुई थी (Swami Vivekananda Death In Hindi)

- Advertisement -

स्वामी विवेकानंद को 31 से भी ज्यादा बीमारियां थीं, जिनमें से एक थी उनकी नींद की बीमारी (निद्रा रोग)। उनके शिष्यों के अनुसार उन्होंने अपने जीवन के अंतिम दिन 4 जुलाई 1902 को भी अपनी ध्यान करने की दिनचर्या में परिवर्तन नहीं किया और प्रात: दो-तीन घंटे ध्यान किया और ध्यान में ही अपने ब्रह्मरंध्र को भेदकर महासमाधि ले ली। उनकी मृत्यु का कारण तीसरी बार दिल का दौरा था। बेलूर में गंगा के तट पर चंदन की चिता पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। विवेकानंद अपनी मृत्यु के समय 39 वर्ष के थे।

विवेकानंद ने अपनी मृत्यु के बारे में पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी कि वे चालीस वर्ष तक जीवित नहीं रहेंगे। इस प्रकार उन्होंने महासमाधि लेकर अपनी भविष्यवाणी पूरी की।

- Advertisement -

मशहूर बांग्ला लेखक शंकर की किताब ‘द मॉन्क ऐज मैन’ में बताया गया है कि स्वामी विवेकानंद को नींद, लिवर, किडनी, मलेरिया, माइग्रेन, डायबिटीज और हार्ट समेत 31 बीमारियों से जूझना पड़ा था। शंकर ने स्वामी विवेकानंद के रोगों का उल्लेख संस्कृत के एक श्लोक ‘शरियाम ब्याधिकमंदिरम’ से किया है। इसका अर्थ है कि ‘शरीर रोगों का मंदिर है।’

इतनी सारी बीमारियों का सामना करते हुए विवेकानंद ने शारीरिक शक्ति पर जोर दिया। उन्होंने कहा था कि गीता पढ़ने से बेहतर फुटबॉल खेलना है। विवेकानंद मधुमेह से भी पीड़ित थे और उस समय इस रोग की कारगर दवा उपलब्ध नहीं थी। शंकर लिखते हैं कि विवेकानंद ने रोगों से मुक्ति पाने के लिए अनेक उपचारों का सहारा लिया।

लेखक के अनुसार अत्यधिक तनाव और भोजन की कमी के कारण 1887 में स्वामी विवेकानंद बहुत बीमार हो गए। साथ ही वह पित्त पथरी और दस्त से भी पीड़ित थे। कई बीमारियों से लड़ते हुए विवेकानंद का 39 साल की उम्र में 4 जुलाई 1902 को निधन हो गया। उनकी मृत्यु का कारण तीसरी बार दिल का दौरा था।

शंकर ने यह भी खुलासा किया कि स्वामी विवेकानंद ने भारत लौटने के लिए मिस्र की अपनी यात्रा को बीच में क्यों टाल दिया। उन्होंने कहा कि उनकी मृत्यु के समय, वह भारत में अपने गुरु भाइयों के पास रहना चाहते है।

स्वामी विवेकानंद की मृत्यु कब हुई थी इन हिंदी (Swami Vivekananda Ki Mrityu Kab Hui Thi)

स्वामी विवेकानंद की मृत्यु 4 जुलाई 1902 को हुई थी। बेलूर में गंगा के तट पर चंदन की चिता पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। विवेकानंद अपनी मृत्यु के समय 39 वर्ष के थे।

स्वामी विवेकानंद की मृत्यु कहां हुई थी इन हिंदी (Swami Vivekananda Ki Mrityu Kaha Hui Thi)

स्वामी विवेकानंद की मृत्यु 04 जुलाई 1902 को बेलूर मठ के एक शांत कमरे में हुई थी। उनके शिष्यों के अनुसार उन्होंने महासमाधि ली थी। जिस समय स्वामी विवेकानंद की मृत्यु थी उनकी उम्र 39 वर्ष 05 महीने और 24 दिन थी।

FAQs

विवेकानंद की मृत्यु का मुख्य कारण क्या था?
विवेकानंद की मृत्यु का मुख्य कारण दिल का दौरा (हार्ट अटैक) था।

स्वामी विवेकानंद की मृत्यु कब और कैसे हुई थी
स्वामी विवेकानंद की मृत्यु 4 जुलाई 1902 को दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुई थी। स्वामी विवेकानंद के शिष्यों के अनुसार उन्होंने महासमाधि ली थी।

स्वामी विवेकानंद को कौन कौन सी बीमारियां थी?
31 से भी अधिक बीमारियां स्वामी विवेकानंद जी को थीं, जिनमे यकृत, निद्रा, गुर्दे, मलेरिया, माइग्रेन, मधुमेह आदि सम्मिलित है।

स्वामी विवेकानंद कितने घंटे ध्यान करते थे?
स्वामी विवेकानंद तीन घंटे ध्यान करते थे।

क्या स्वामी विवेकानंद ने उनकी मृत्यु की भविष्यवाणी की थी?
हाँ, स्वामी विवेकानंद ने उनकी मृत्यु की भविष्यवाणी की थी, जो सच साबित हुई।

निष्कर्ष

आज इस लेख के माध्यम से हमने आपको स्वामी विवेकानंद की मृत्यु का कारण, स्वामी विवेकानंद की मृत्यु कब और कैसे हुई थी के बारे में जानकारी मुहैया कराई है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा, अगर आपको यह लेख स्वामी विवेकानंद की मृत्यु किस कारण हुई थी, स्वामी विवेकानंद की मृत्यु कैसे हुई थी अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay in Touch

spot_img

Related Articles

You cannot copy content of this page