भूलकर भी किसी को न बताएं ये बातें

कभी भी और किसी को भी अर्थनाशं अर्थात धन की हानि के बारे में किसी को नहीं बताना चाहिए। कई बार धन की हानि होने पर दुखी होकर दूसरों को बता देते हैं, जो कि गलत है।

क्योंकि अगर किसी को भी यह पता चल जाए कि आपकी आर्थिक स्थिति खराब हो रही है तो कोई भी मदद नहीं करता है इसलिए दूसरों को नुकसान बताने के बजाय यह प्रयास करें कि जो नुकसान हुआ है, उसको किस तरह पूरा किया जाए।

कभी भी किसी को अपने परेशानियों और दुखों के बारे में नहीं बताना चाहिए।

अगर आप किसी को अपनी समस्याओं के बारे में बताते हैं तो दूसरे इसका मजाक बना सकते हैं।

क्योंकि हर दौर में समाज में कुछ ऐसे लोग होते हैं जो सामने तो अच्छे होते हैं लेकिन पीठ पीछे आपके मन की व्यथा को सुनकर खुश होते हैं इसलिए अपने दुखों को अपने ही अंदर रखने में ही आपकी भलाई है।

अपने घर की महिलाओं के अच्छे और बुरे व्यवहार और लक्ष्णों के बारे में भी किसी को नहीं बताना चाहिए। समझदार पुरुष वही होता है, जो घर की बातों केवल घर में ही रखता हो।

अगर आप घर की जरूरी बातों, लड़ाई-झगड़े या फिर सुख-दुखों के बारे में बताते हैं तो भविष्य में आपको भयंकर परिणाम झेलने पड़ सकते हैं। चाणक्य ने कहा है कि महिला हो या पुरुष उनके अपने पार्टनर के बारे में भी कभी दूसरों को नहीं बताना चाहिए।

आर्चाय ने श्लोक के अंत में कहा है कि अगर किसी बुरे इंसान ने आपको गलत शब्द कहे हैं या फिर अपमान किया है तो सबसे पहले उनकी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए और इस घटना बारे में कभी किसी को नहीं बताना चाहिए।

बुरी प्रवृति के इंसान हमेशा दुख पहुंचाने का ही काम करते हैं। अगर ऐसी घटना के बारे में लोगों को बताएंगे तो आगे चलकर आपका मजाक बना सकते हैं, जिससे आपके सम्मान में कमी आ सकती है।