इस तरह से कमाया हुआ धन देता है अशुभ फल

आचार्य चाणक्य ने बताया है कि मां लक्ष्मी चंचल होती हैं। ऐसे में यदि व्यक्ति चोरी, जुआ, अन्याय और धोखा देकर धन कमाता है, तो वह धन शीघ्र नष्ट हो जाता है।

इसलिए व्यक्ति को कभी भी गलत तरीके से धन अर्जित नहीं करना चाहिए।

चाणक्य नीति में से बताया गया है कि निर्धनता, रोग, दुख, बंधन और बुरी आदतें ये सभी मनुष्य के कर्मों का ही फल होती हैं। 

चाणक्य नीति के अनुसार, जो जैसा बीज बोता है उसे वैसा ही फल प्राप्त होता है। इसलिए व्यक्ति को सदैव अच्छे ही कर्म करने चाहिए।

आचार्य चाणक्य ने बताया है कि किसी भी व्यक्ति को कभी धनहीन नहीं समझना चाहिए। व्यक्ति अज्ञान से हीन होता है न कि धन से।

जो व्यक्ति विद्या के रत्न से हीन होता है वस्तुतः वही सभी प्रकार के सुख-सुविधाओं से हीन हो जाता है।

इसलिए व्यक्ति को कभी भी विद्या अर्जित करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।