इन आदतों से कर लें तौबा तौबा नहीं तो होगा बुरा बुरा 

आचार्य चाणक्य ने श्लोक में कहा है कि जिस व्यक्ति का मन स्थिर नहीं रहता, उस व्यक्ति के कार्य भी सफल नहीं होते हैं।

इसलिए अगर सफलता पाना है तो सबसे पहले योग व ध्यान से अपने मन को स्थिर रखें।

आचार्य चाणक्य ने आगे कहा है कि ऐसा व्यक्ति समाज में भी अपना स्थान सही से नहीं बना पाता है, जो लोगों की सफलता को देखकर जलन की भावना रखता है।

जलन की भावना के साथ ऐसा व्यक्ति ना तो समाज के साथ खुश रह पाता है और अकेले में भी सुखी रह पाता है।

चाणक्य ने श्लोक के अंत में कहा है कि ऐसे व्यक्ति को ऐसा लगता है कि मेरे साथ कोई नहीं है और पूरा दुनिया मेरे खिलाफ काम कर रही है।

ऐसे लोगों को मन को शांत रखने की जरूरत होती है और ध्यान व योग में समय बिताना चाहिए।

आचार्य चाणक्य ने कहा है कि जो व्यक्ति इधर उधर की बातों से अलग अपने काम पर ध्यान देता है, और मन लगाकर काम करता है तो उसे जल्द ही सफलता मिलती है।

काम में सफलता हासिल करने से लिए मन को शांत रखना बेहद जरूरी है और उसके बाद जीवन में अनुशासन में रखना।

इन चीजों को अपनाने सही जीवन में अच्छी सफलता प्राप्त कर सकते हैं।