चाणक्य नीति के अनुसार जो महिलाएं चौड़े दातं वाली होती हैं वो चाणक्य के हिसाब से अपने जीवन में दुख झेलती हैं और इस वजह से वो गुस्सैल और चिड़चिड़ी हो जाती हैं।
ऐसी महिलाओं की जिंदगी अक्सर दुख के साथ घिरी होती है और सुख न मिल पाने के कारण ये परिवार को ठीक से नहीं रख पाती हैं।
ऐसी कई महिलाए हैं जिनकी गर्दन लंबी होती है और उन्हें भी चाणक्य ने सही नहीं बताया है। लंबी गर्दन वाली महिलाओं को लोग अक्सर चालाक बोलते हैं और साथ ही शातिर भी कहते हैं।
चाणक्य नीति के अनुसार, जिन महिलाओं की गर्दन 4 उंगलियों से ज्यादा लंबी होती है, उनसे दूर रहना चाहिए। इनका ज्यादा दिमाग ही इनके परिवार की बर्बादी का कारण बनता है। वहीं, छोटी गर्दन वाली महिलाएं शांत और निर्मल स्वभाव की होती हैं।
महिलाओं के लकी-अनलकी होने को उनके पैरों की उंगलियों से भी जाना जा सकता है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिन स्त्रियों के पैरों की उंगलियां अंगूठे की उंगलियों से ज्यादा लंबी होती हैं।
वह घर में दुर्भाग्य लाती हैं। इनका स्वभाव गुस्सैल होता है और उसपर कंट्रोल भी नहीं रख पाती हैं।
आचार्य चाणक्य का मानना है कि अहंकार हर मानव के लिए विनाशकारी होता है। वहीं अहंकार अगर किसी स्त्री में है तो उससे मां सरस्वती और मां लक्ष्मी दोनों नाराज रहती हैं।
ऐसी महिलाएं ना तो अपने ज्ञान-बुद्धि का उपयोग कर पाती है और न ही सही दिशा में कोई कार्य कर पाती है, ये अपने अहंकार के कारण घर की सुख-समृद्धि को पूरी तरह से खत्म कर देती हैं।