घर के मुखिया को इन बातों का रखना चाहिए ख्याल

घर के मुखिया का हर फैसला न सिर्फ उसके बल्कि पूरे परिवार को प्रभावित करता है, इसलिए उसे हर फैसला सोच-समझकर लेना चाहिए. साथ ही सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए। 

जब बात परिवार के हित-अहित से जुड़ी हो तो घर के मुखिया को फैसला लेने में लापरवाही नहीं करना चाहिए वरना एक आपका एक फैसला बहुत कुछ नुकसान करा सकता है। 

एक अच्छा मुखिया घर की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए खर्चा करता है।  फिर चाहे वो निजी हो या परिवार से जुड़ा खर्च क्यों न हो। 

अगर परिवार का मुखिया ही खर्चीला होगा तो इसका असर बाकी के सदस्यों पर भी पड़ेगा और धीरे-धीरे घर बर्बादी की राह पर चला जाएगा। 

फिजूल खर्चे से बचें। धन संचय करके रखें ताकि मुसीबत के समय यही पैसा परिवार के काम आ सके। 

परिवार का मुखिया अगर अनुशासित हो तो बाकी सदस्य भी डिसिप्लिन में रहते हैं।  कहते हैं ना बड़ों की अच्छी और बुरी आदत दोनों का असर बच्चों पर भी पड़ता है। 

उसी प्रकार घर का मुखिया के अनुशासन परिवार पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। घर में अनुशासन नहीं होगा तो परिवार के सदस्य कभी एक दूसरे का सम्मान नहीं करेंगे।  साथ ही घर के बच्चे गलत मार्ग पर चले जाएंगे। 

घर के मुखिया पर जिम्मेदारियों का बोझ रहता है, इसलिए अक्सर वो व्यस्त रहता है।  चाणक्य कहते हैं कि कितनी ही व्यस्तता क्यों न हो लेकिन परिवार को समय जरूर दें। उनकी बातों को सुनें और समझें। 

इससे परिवार के हर सदस्य के साथ मुखिया का तालमेल बना रहेगा, रिश्ता मजबूत होगा और उनकी समस्या का हल भी कर पाएंगे।  बातचीत से हर समस्या का हल निकलता है, ऐसे में अगर घर के सदस्यों में मनमुटाव होने से रोक सकते हैं।