बिगड़े रिश्तों को सुधारने के लिए ये नीतियां हैं बहुत कारगर

चाणक्य का मानना था कि कोई भी रिश्ता भरोसे और इज्जत पर टिका होता है। जो व्यक्ति अपने पार्टनर या साथी का सम्मान नहीं करता है उनके रिश्ता ज्यादा लंबा नहीं चलता है। 

किसी भी व्यक्ति की अगर आप बार-बार समाज में बेइज्जती करते हैं तो उसके आत्मसम्मान को ठेस पहुचंता है, जो रिश्तों के खराब होने का कारण बन जाता है। 

चाणक्य के अनुसार जिस रिश्ते में अहंकार की भावना आ जाती है उसमें दरार आना स्वाभाविक है। 

अहंकार की भावना आने से रिश्तों की अहमियत खत्म होने लगती है जिसके कारण तनाव भी पैदा होने लगता है, कोशिश करें कि कभी भी रिश्तों में अहंकार न लाएं। 

आचार्य चाणक्य का मानना था कि जो व्यक्ति बुरे व्यक्ति में भी अच्छाई ढूंढ ले, उसे धनी बनने से कोई नहीं रोक सकता। 

बुरे व्यक्ति से भी अच्छी व्यवहार करना चाहिए, इससे आपके ही व्यक्तित्व में निखार आता है और लोग आपका सम्मान करते हैं। 

ऐसे लोगों को जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए कई बड़े मौके मिलते हैं। 

चाणक्य का मानना था कि व्यक्ति को हमेशा अपने स्वभाव और अपनी बोली में विनम्रता रखनी चाहिए। 

मधुरभाषी लोग जल्दी सफलता प्राप्त करते हैं. वहीं, कटु वचन बोलने वाले लोगों से कोई भी इंसान रिश्ता नहीं रखना चाहता, और न ही उससे बात करना चाहता है। 

ऐसे में उनके जीवन में आने वाले अवसर दूर चले जाते हैं और उन्हें जीवन में उपलब्धि नहीं मिलती है।