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अमावस्या के दिन पितरों को कैसे खुश करें, घर में पितरों का स्थान कहाँ होना चाहिए, जानें

अमावस्या के दिन पितरों को कैसे खुश करें – अमावस्या के दिन पितरों से जुड़े कार्य करने की परंपरा है। इस दिन पितरों से संबंधित कार्य करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। शास्त्रों के अनुसार अमावस्या के दिन कुछ उपाय करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है।

आज के इस लेख में हम आपको अमावस्या के दिन पितरों को कैसे खुश करें, घर में पितरों का स्थान कहाँ होना चाहिए के बारे में जानकरी देने वाले है।

अमावस्या के दिन पितरों को कैसे खुश करें (Amavasya Ke Din Pitro Ko Khush Kaise Kare)

अमावस्या के दिन पितरों को खुश करने के लिए आप निम्न उपाय कर सकते है –

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अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से पितर प्रसन्न होते हैं। इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और फिर पीपल के पेड़ को स्पर्श उसकी पूजा करनी चाहिए। पूजा के लिए तांबे के लोटे में गंगाजल, दूध, काले तिल, शहद और घी मिलाकर पूजा की जाती है। इसके बाद ब्राह्मण को भोजन कराने से परिवार की सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।

शाम के समय पुराने पीपल के पेड़ के नीचे गाय के घी और आटे का दीपक जलाना चाहिए। पीपल में देवी लक्ष्मी का वास होता है और शाम के समय भी पीपल में ही वास होता है। शाम के समय दीपक जलाने से शनि दोष से संबंधित दोषों से भी राहत मिलेगी।

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इस दिन गाय को भोजन अवश्य कराएं। ध्यान रखें कि आपको गाय को सात्विक भोजन ही खिलाना है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गाय को भोजन कराने से पितृ दोष दूर हो जाता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

अगर आप पितृ पक्ष के दौरान तर्पण नहीं कर पाते हैं तो सर्वपितृ अमावस्या के दिन तर्पण कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं रहती है।

अमावस्या के दिन दान करना बहुत शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

अमावस्या के दिन पितरों के नाम पर भोजन निकालें। इसे किसी खुले स्थान पर रखें, और अमावस्या के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं। मान्यता है कि ऐसा करने से पितर आशीर्वाद देते हैं।

इस दिन गाय, कुत्ते, बिल्ली, कौवे और चींटियों को भी भोजन खिलाना चाहिए। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और सारे काम पूरे होते हैं।

अमावस्या के दिन चींटियों को चीनी मिला आटा खिलाएं, गाय को हरा चारा खिलाएं और मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं। पितृ पक्ष के दौरान पशु-पक्षियों को भोजन और पानी देना बहुत लाभकारी बताया गया है।

अमावस्या के दिन तर्पण और श्राद्ध कर्म करने के बाद गरीब और जरूरतमंद लोगों को भोजन कराना चाहिए। साथ ही पितरों के नाम पर अपनी क्षमता के अनुसार दान भी करना चाहिए। ऐसा करने से पितर बहुत प्रसन्न होते हैं और अपने परिवार के सदस्यों की सभी परेशानियां दूर कर देते हैं। साथ ही यह उपाय आर्थिक समस्याओं से भी मुक्ति दिलाता है।

घर में पितरों का स्थान कहाँ होना चाहिए (Ghar Me Pitro Ka Sthan Kaha Hona Chahiye In Hindi)

पितरों का स्थान हमेशा घर की उत्तर दिशा में होना चाहिए। घर में पितरों के मुख की दिशा हमेशा दक्षिण दिशा की ओर होनी चाहिए। घर में एक से अधिक पूर्वजों की तस्वीरें नहीं रखनी चाहिए। एक से अधिक पूर्वजों की तस्वीरें लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।

इसके अलावा भूलकर भी मंदिर में पूर्वजों की तस्वीरें नहीं रखनी चाहिए। लिविंग रूम और बेडरूम में भी पूर्वजों की तस्वीरें नहीं रखनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस स्थान पर पूर्वजों की तस्वीरें रखने से परिवार के सदस्य बार-बार बीमार पड़ते हैं और इससे परिवार में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसके साथ ही रसोईघर में भूलकर भी पूर्वजों की तस्वीरें नहीं रखनी चाहिए।

निष्कर्ष (Conclusion)

आज के इस लेख में हमने आपको अमावस्या के दिन पितरों को कैसे खुश करें, घर में पितरों का स्थान कहाँ होना चाहिए के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा, अगर आपको यह लेख अमावस्या के दिन पितरों को कैसे खुश करें अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।

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