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गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए, गरुड़ पुराण क्यों नहीं पढ़ना चाहिए?

गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए – गरुड़ पुराण को हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण महापुराणों में एक माना गया है। गरुड़ पुराण हिंदू धर्म का एक ग्रंथ है, जो मृत्यु के बाद की घटनाओं के बारे में बताता है। इसलिए, आमतौर पर परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु के बाद घर पर इसका पाठ किया जाता है।

हिंदू धर्म में गरुड़ पुराण ग्रंथ का विशेष महत्व है जिसके अधिपति श्रीहरि हैं। गरुड़ पुराण में मृत्यु, जन्म, नर्क, स्वर्ग, अधोगति, पुनर्जन्म आदि के बारे में बताया गया है। इसके साथ ही इसमें धर्म, व्रत, पूजा और विधि-विधान के बारे में भी बताया गया है। इसलिए हर व्यक्ति को गरुड़ पुराण अवश्य पढ़ना चाहिए और उसमें बताए गए नियमों का पालन करना चाहिए।

आज के इस लेख में हम आपको गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए, गरुड़ पुराण क्यों नहीं पढ़ना चाहिए आदि के बारे में जानकारी देने वाले है। तो आइये जानते है –

गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए (Garud Puran Kab Padhna Chahiye)

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हिंदू धर्म में परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु के बाद घर में गरुड़ पुराण का पाठ किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि 13 दिनों तक घर में गरुड़ पुराण का पाठ करने से मृतक की आत्मा को मोक्ष मिलता है।

लेकिन गरुड़ पुराण का पाठ परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु से पहले या उसके बाद कभी भी पढ़ा जा सकता है। जो भी इसे पढ़ना चाहे वो पढ़ सकता है। गरुड़ पुराण का पाठ पवित्रता और पवित्र मन से किया जा सकता है। इसका पाठ करने से आम आदमी को यह पता चलता है कि कौन सा मार्ग धार्मिक है और कौन सा अधर्म है।

गरुड़ पुराण क्यों नहीं पढ़ना चाहिए (Garud Puran Kyon Nahi Padhna Chahiye)

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गरुण पुराण हमेशा किसी की मृत्यु के बाद पढ़ा जाता है, इसीलिए ऐसा माना जाता है कि गरुण पुराण हमेशा किसी की मृत्यु के बाद पढ़ा जाता है। लेकिन आप इसे कभी भी पढ़ सकते हैं। इसलिए आपको गरुड़ पुराण को पढ़ना चाहिए। इससे आपको मृत्यु, आत्मा, कर्म, मोक्ष, स्वर्ग आदि के बारें में पता चलता है, और सदैव धर्म के मार्ग पर चलते है।

गरुड़ पुराण का महत्व (Garud Puran Ka Mahtav)

गरुण पुराण में कर्मों के अनुसार मृत्यु के बाद की स्थिति का वर्णन किया गया है। इसके इष्टदेव भगवान विष्णु हैं। गरुण पुराण में भगवान विष्णु अपने वाहन गरुड़ से बात करते हैं। कहा जाता है कि एक बार गरुण ने प्राणियों की मृत्यु, यमलोक, स्वर्ग, नकार, सद्गति आदि से संबंधित रहस्यमय प्रश्न पूछे, तब भगवान विष्णु ने इन सभी प्रश्नों का विस्तारपूर्वक उत्तर दिया। इन्हीं प्रश्नों के उत्तर के आधार पर गरुड़ पुराण की रचना की गई है।

गरुड़ पुराण हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। यह 18 महापुराणों में से एक है। गरुड़ पुराण में 19 हजार श्लोक हैं, जिनमें से सात हजार श्लोक जीवन से जुड़ी गूढ़ बातें बताते हैं। इसमें ज्ञान, धर्म, नीति, रहस्य, आत्मा, स्वर्ग और नर्क का वर्णन है। गरुड़ पुराण को पढ़ने या सुनने से व्यक्ति को आत्मज्ञान, सदाचार, भक्ति, ज्ञान, यज्ञ, तपस्या और तीर्थयात्रा आदि के महत्व के बारे में पता चलता है। इसलिए हर व्यक्ति को इसके बारे में अवश्य जानना चाहिए।

गरुड़ पुराण के नियम (Garud Puran Ke Niyam In Hindi)

गरुड़ पुराण अन्य 17 पुराणों से भिन्न है। इसलिए इसे पढ़ते समय आपको विशेष सावधानी बरतने और कुछ नियमों का पालन करने की जरूरत है। इसलिए इसका पाठ विशेष रूप से मृतक के घर पर किया जाता है।

अगर आप गरुड़ पुराण में बताई गई बातों के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको अपने परिवार के सदस्यों के साथ बैठकर गरुड़ पुराण का पाठ जरूर सुनना चाहिए।

गरुड़ पुराण को लेकर लोगों के मन में यह शंका भी रहती है कि इस ग्रंथ को घर में रखना चाहिए या नहीं। क्योंकि ऐसी भ्रांतियां हैं कि गरुड़ पुराण मृत्यु के बाद पढ़ी जाने वाली पुस्तक है। अत: इसे घर में नहीं रखना चाहिए, जो सर्वथा अनुचित है।

आपको बता दें कि गरुड़ पुराण मोक्ष प्राप्ति का एक साधन है। इसलिए आप इसे घर में रख सकते हैं। गरुड़ पुराण ग्रंथ को घर में रखने से नकारात्मक शक्तियां और ऊर्जाएं कम होती हैं और रोग-दोष भी दूर रहते हैं।

FAQs

गरुण पुराण क्यों नहीं पढ़ना चाहिए?
गरुण पुराण पढ़ना चाहिए, इससे धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है।

क्या गरुड़ पुराण घर में रखना चाहिए?
हाँ, गरुड़ पुराण घर में रखना चाहिए।

गरुड़ पुराण पढ़ने में कितना समय लगता है?
आमतौर पर गरुड़ पुराण 13 दिन का पाठ होता है।

क्या होता है जब कोई जीवित मनुष्य गरुड़ पुराण पढ़ना है?
जब कोई जीवित मनुष्य गरुड़ पुराण पड़ता है, तो अंत में उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

मैं गरुड़ पुराण कहां पढ़ सकता हूं?
आप अपने घर पर गरुड़ पुराण पढ़ सकते है।

निष्कर्ष (Conclusion)

आज के इस लेख में हमने आपको गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए, गरुड़ पुराण क्यों नहीं पढ़ना चाहिए आदि के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए (Garud Puran Kab Padhna Chahiye) अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।

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