गरुड़ पुराण किसने लिखा है, गरुड़ पुराण में क्या लिखा है?

गरुड़ पुराण किसने लिखा है – गरुड़ पुराण हिंदू धर्म के 18 महापुराणों में से एक है। गरुड़ पुराण का पाठ आमतौर पर घर में किसी परिजन की मृत्यु के बाद कराया जाता है। गरुड़ पुराण के 16 हजार अध्यायों में केवल जीवन और मृत्यु के चक्र का ही विस्तार से वर्णन किया गया है। इसके अलावा यह मृत्यु के बाद होने वाली घटनाओं, विभिन्न प्रकार के नरक, प्रेत कल्प, पुनर्जन्म, श्राद्ध और पितृ संस्कार के बारे में भी बताता है। इसके अलावा गरुड़ पुराण में जीवन को बेहतर और सही तरीके से जीने और ज्ञान प्राप्त करने के गूढ़ रहस्य भी बताए गए हैं, जो व्यक्ति को उचित मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

आज के इस लेख में हम आपको गरुड़ पुराण किसने लिखा है, गरुड़ पुराण में क्या लिखा है आदि के बारे में जानकारी देने वाले है। तो आइये जानते है –

गरुड़ पुराण किसने लिखा है (Garud Puran Kisne Likha Hai)

गरुड़ पुराण को महाभारत के लेखक वेदव्यास जी ने लिखा है। गरुड़ पुराण को वैष्णव पुराण भी कहा जाता है। गरुड़ पुराण में 19 हजार श्लोक हैं, जिनमें भगवान विष्णु के 24 अवतारों का वर्णन किया गया है।

गरुड़ पुराण में क्या लिखा है (Garud Puran Me Kya Likha Hai)

गरुड़ को भगवान विष्णु का वाहन माना जाता है। एक बार गरुड़ ने विष्णु जी से पूछा कि मृत्यु के बाद प्राणियों का क्या होता है, वे यमलोक कैसे पहुंचते हैं, स्वर्ग या नरक की गति कैसे होती है। तब भगवान विष्णु ने गरुड़ को मृत्यु के बाद के रहस्यों से संबंधित प्रश्नों के उत्तर दिए।

गरुड़ पुराण दो भागों में विभाजित है। प्रथम भाग को पूर्वखण्ड कहा जाता है। गरुड़ पुराण की अधिकांश सामग्री इसी खंड में है। इसमें पूजा, उपासना, उपचार, ज्ञान और त्याग से संबंधित जानकारी शामिल है। जबकि, दूसरे हिस्से को उत्तरखंड कहा जाता है। इसे प्रेतकल्प भी कहा जाता है। इस भाग में मृत्यु और यमलोक से संबंधित जानकारी है। इसमें मरने वाले व्यक्ति और मरने के बाद किये जाने वाले कार्यों का जिक्र है।

हिंदू धर्म में मृत्यु के बाद गरुड़ पुराण का पाठ करने की परंपरा है। यदि किसी की अकाल मृत्यु हो जाती है तो उसकी आत्मा भटकती रहती है। उन्हें मोक्ष दिलाने के लिए घर में गरुड़ पुराण का पाठ किया जाता है। दरअसल, गरुड़ पुराण का पाठ आप कभी भी कर सकते हैं, क्योंकि इसमें सिर्फ मृत्यु ही नहीं बल्कि जीवन को बेहतर बनाने के भी रहस्य छिपे हैं। लेकिन मृत्यु के बाद इसे पढ़ना एक परंपरा बन गई है। आम दिनों में लोग गरुड़ पुराण का पाठ भी नहीं करते, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इसे पढ़ते समय आत्मा स्वयं वहां मौजूद रहती है।

गरुड़ पुराण में मृत्यु के उपरांत क्या होता है?

गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जब कोई आत्मा शरीर छोड़ती है तो सबसे पहले यमलोक जाती है। वहां यमदूत आत्मा को 24 घंटे अपने पास रखते हैं और व्यक्ति के कर्म दिखाते हैं। 24 घंटे पूरे होने के बाद आत्मा को 13 दिनों के लिए उसके परिवार के पास वापस भेज दिया जाता है, जहां उसने अपना पूरा जीवन बिताया। 13 दिन के बाद आत्मा आखिरी बार यमलोक के लिए प्रस्थान करती है।

गरुड़ पुराण में बताया गया है कि यमलोक के रास्ते में 13 दिन के बाद आत्मा को तीन रास्ते मिलते हैं- स्वर्ग, नर्क और पितृ लोक। कर्मों के आधार पर व्यक्ति की आत्मा को इन तीनों लोकों में से किसी एक लोक में स्थान मिलता है। यदि कोई व्यक्ति अपने जीवनकाल में धर्म और आध्यात्म के मार्ग पर चलता है तो उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है। जो व्यक्ति अपने जीवनकाल में बुरे कर्म करता है और भक्ति से दूर रहता है उसे नर्क में जगह मिलती है।

FAQs

गरुड़ पुराण किसने लिखा था?
गरुड़ पुराण को वेदव्यास जी ने लिखा था।

गरुण पुराण का लेखक कौन है?
गरुण पुराण का वेदव्यास जी है।

गरुड़ पुराण कौन पढ़ सकता है?
गरुड़ पुराण कोई भी पढ़ सकता है।

गरुण पुराण क्यों नहीं पढ़ना चाहिए?
गरुण पुराण सभी को पढ़ना चाहिए।

क्या गरुड़ पुराण सत्य है?
हाँ, गरुड़ पुराण सत्य है।

निष्कर्ष (Conclusions)

आज के इस लेख में हमने आपको गरुड़ पुराण किसने लिखा है, गरुड़ पुराण में क्या लिखा है आदि के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख गरुड़ पुराण किसने लिखा है (Garud Puran Kisne Likha Hai) अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।

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