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भगवान तुमरुका जी कौन है, तुमरुका जी कौन थे, तुमरुका जी की कथा – Tumruka Ji Ki Katha In Hindi

Tumruka Ji Kaun Hai: अगर आपने शिव पुराण पढ़ी है तो आपको तुमरुका जी के बारे में जरूर पता ही होगा। अगर नहीं तो कोई बात नहीं, क्योकि आज के इस लेख में हम आपको तुमरुका जी कौन है, तुमरुका जी कौन थे, तुमरुका जी की कथा, तुमरुका जी के उपाय आदि के बारे में जानकारी देने वाले है। इसलिए इस लेख के अंत तक बने रहे। तो आइये जानते है तुमरुका जी कौन थे (Tumruka Ji Kaun The) –

तुमरुका जी कौन है (Tumruka Ji Kon Hai)

घोड़े के समान मुख और मनुष्य के समान सुंदर शरीर वाले तुमरुका जी हैं। तुमरुका जी नारद जी की भाँति ही हाथ में वीणा धारण करते हैं। कहा जाता है कि तुमरुका जी ने शिव महापुराण की कथा देवी चंचला (Chanchala Devi) को सुनाई थी।

तुमरुका जी की एक प्रचलित कथा है जिसमें बताया गया है कि कोई भी स्त्री जो गर्भवती नहीं हो रही है, उसे कई वर्ष हो गए हैं और उसे संतान नहीं प्राप्त हो रही है। तो एक बार भगवान शिव शंकर जी पर विश्वास करके रजस्वला धर्म के सातवें दिन दिन श्वेत आंकड़े की जड़ लेकर उस जड़ को भगवान शंकर जी के मंदिर में ले जाकर तुमरुका जी का नाम लेकर 21 बार परिक्रमा करें और फिर उसके बाद अपना नाम और गोत्र बोलें और पति का नाम लें और शिव शंकर से विनती करें कि मेरे घर में भी एक संतान दें, ऐसा कर उस जड़ को मंदिर के अंदर अपनी कमर में लाल धागे में बांध दें। ऐसा करने से कुछ ही दिनों में भगवान शंकर की कृपा से संतान की प्राप्ति होगी साथ ही आपका घर खुशियों से भर जाएगा।

तुमरुका जी की कथा (Tumruka Ji Ki Katha)

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तुमरुका जी एक बहुत प्रसिद्ध और विख्यात गायक थे, उस समय जब लाखों गायक और सुंदरियाँ भगवान इंद्र के दरबार में आती थीं और भगवान इंद्र का दरबार लगाया करते थे, उस समय तुमरुका जी ही एकमात्र ऐसे गायक थे, जिनके सुर से स्वयं भगवान विष्णु जी बहुत प्रसन्न हुए थे। और तुमरुका जी को प्रमुख गायक का पुरस्कार भी दिया था।

तुमरुका जी को पुरस्कार मिलने के बाद कई गायक भगवान तुमरुका जी से ईर्ष्या करने लगे, नारद मुनि भी उन्हीं ईर्ष्यालु गायकों में से एक थे। लेकिन भगवान विष्णु जी ने नारद मुनि सहित सभी गायकों को समझाया कि कभी किसी से डरना नहीं चाहिए, बल्कि उससे सीख लेकर आगे बढ़ना चाहिए। तो दोस्तों ये थी तुमरुका जी की कहानी जो शिव पुराण में भी बताई गई है।

तुमरुका जी भगवान कौन थे (Tumruka Ji Kon The)

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घोड़े के समान मुख और मनुष्य के समान सुंदर शरीर वाली तुम्रुका जी हैं। तुम्रुका जी नारद जी की भाँति हाथ में वीणा धारण करते हैं। कहा जाता है कि शिव महापुराण की कथा तुमरुका जी ने देवी चंचला (Devi Chanchala) को सुनाई थी।

तुमरुका जी किसके पुत्र थे (Tumruka Ji Kiske Putra The)

तुमरुका जी शिव भक्त थे। जिनका शरीर मनुष्य जैसा था लेकिन उनका चेहरा घोड़े जैसा था और उनके हाथ में देवर्षि नारद जैसी वीणा थी। तुमरुका जी के पिता कश्यप और माताजी प्रधा थी। तुमरुका के 4 भाई थे।

तुमरुका जी के उपाय (Tumruka Ji Ke Upay)

शिव पुराण के अनुसार जिस स्त्री का गर्भ न गिर रहा हो, उसे कई वर्ष हो गए हो और उसे संतान नहीं हो रही हो तो एक बार भगवान शिव शंकर जी पर विश्वास करके रजस्वला धर्म यानि की मासिक धर्म के सातवें दिन श्वेत आंकड़े की जड़ लेकर उस जड़ को भगवान शंकर जी के मंदिर में ले जाकर तुमरुका जी का नाम लेकर शिवलिंग पर से 21 बार घुमाएं और फिर उसके बाद अपना नाम और गोत्र बोलें और पति का नाम बोले और बाबा से विनती करें कि मेरे घर में भी एक संतान दें, ऐसा करके उस जड़ को मंदिर के अंदर लाल कपड़े में लपेट कर लाल धागे से अपनी कमर में बांध दें। ऐसा करने से कुछ ही दिनों में भगवान शंकर की कृपा से संतान की प्राप्ति होगी, साथ ही आपका घर खुशियों से भर जाएगा।

लेकिन जब तक आप गर्भवती न हो जाए, तब तक आपको इसे बांधे रखना है और जब आप गर्भवती हो जाए, उसके बाद भी उस आंकड़े की जड़ को खोलना नहीं है। आंकड़े की जड़ को गर्भवती होने के तीन महीने बाद तक अपनी कमर में बांधे रखना है, ततपश्चात इस जड़ को खोलकर किसी भी वृक्ष के नीचे रख आए।

FAQs For Tumruka Ji In Hindi

तुमरुका जी के माता पिता कौन थे?
तुमरुका जी के माता प्रधा पिता कश्यप थे।

तुमरुका जी कैसे दीखते थे?
तुमरुका जी का मुख घोड़े के समान और शरीर मनुष्य जैसा था।

तुमरुका जी ने शिव महापुराण की कथा किसे सुनाई थी।
शिव महापुराण की कथा तुमरुका जी ने चंचला देवी (Chanchala Devi) को सुनाई थी।

निष्कर्ष

आज के इस लेख में हमने आपको भगवान तुमरुका जी कौन है, तुमरुका जी की कथा के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख ज्ञानवर्धक लगा होगा। अगर आपको यह लेख (तुमरुका जी की कथा – Tumruka Ji Ki Katha In Hindi) जानकारीपूर्ण लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।

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8 COMMENTS

  1. I m grateful to know the history of TUMRUKA JI. I also pray to him to make my wish / prayer becomes successful as it is related to my 75 years old mother, one anti social man kept locked my mother house which i need to get free for my mother sake. Hey Tumrukaji mera pronaam swikar kijiye aur humko sahara dijiye. Jay Sankarji Mahadev.

  2. Upay to bta diya lekin fir us jad ko kab nikalna h..or jad ka kitna portion kamar me bandhna h..direct bandhna h ya kapde me.. please explain better

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