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उपमा अलंकार किसे कहते है, उपमा अलंकार की परिभाषा और उपमा अलंकार के उदाहरण

Upma Alankar Kise Kahate Hain – आज के इस लेख में हम आपको उपमा अलंकार किसे कहते है, उपमा अलंकार की परिभाषा और उपमा अलंकार के उदाहरण के बारे में जानकारी देने वाले है। इसके अलावा इस विषय से सम्बंधित अन्य जानकारी भी देने वाले है। तो आइये जानते है –

उपमा अलंकार किसे कहते हैं हिंदी में (Upma Alankar Kise Kahate Hain In Hindi)

उपमा शब्द का अर्थ होता है – तुलना है। जब दो अलग-अलग वस्तु या व्यक्ति को उनके रूप, गुण, धर्म, आकृति और स्वभाव आदि में अंतर रहते हुए भी समानता दिखाई जाए, तो वहाँ उपमा अलंकार होता है। उपमा अलंकार हिंदी व्याकरण में अलंकार के प्रकारों में से एक है।

उपमा अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित हिंदी में (Upma Alankar Ki Paribhasha Udaharan Sahit Hindi Mein)

जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना दूसरे व्यक्ति या वस्तु से की जाए तो वंहा उपमा अलंकार होता है। अर्थात् जब किन्हीं दो वस्तुओं के गुण, आकार, धर्म, स्वभाव आदि में अंतर होते हुए भी समानता दिखाई जाए अथवा दो भिन्न (अलग-अलग) वस्तुओं की तुलना की जाए तो वहाँ उपमा अलंकर होता है।

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सरल शब्दों में – जब दो अलग-अलग वस्तुओं को एक जैसा बताने का प्रयास किया जाता है तो वहां उपमा अलंकार होता है।

उदाहरण – हरि पद कोमल कमल।

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इस उदाहरण में हरि के चरणों यानी पैरों की तुलना कमल के फूल से की गई है। हरि के चरणों को कमल के फूल के समान कोमल बताया गया है।

उपमा अलंकार के अंग हिंदी में (Upma Alankar Ke Ang)

उपमा अलंकार के चार अंग होते है जिनके नाम है – उपमेय, उपमान, वाचक शब्द
और साधारण धर्म।

1) उपमेय

अगर किसी वस्तु की तुलना किसी अन्य वस्तु से की जाए तो वंहा उपमेय होता है। सरल शब्दों में – जिसकी तुलना की जाए।

2) उपमा

जिससे उपमेय की उपमा दी जाती है उसे उपमान कहा जाता है। सरल शब्दों में – जिससे तुलना की जाए।

3) वाचक शब्द

जब उपमेय और उपमान में समानता दिखाई जाती है तो प्रयुक्त शब्द को उपमेय शब्द कहते हैं। सरल शब्दों में – जो उपमेय और उपमान की समानता बताए।

4) सरल धर्म

दो वस्तुओं में समानता दिखाने के लिए जब किसी गुण या धर्म की सहायता ली जाती है तो वही गुण या धर्म सामान्य धर्म कहलाता है। सरल शब्दों में – उपमेय और उपमान में पाए जाने वाला गुणधर्म।

उपमा अलंकार के भेद (Upma Alankar Ke Bhed)

उपमा अलंकार के दो भेद होते है जिनके नाम है – पूर्णोपमा अलंकार और लुप्तोपमा अलंकार।

1) पूर्णोपमा अलंकार

इसमें उपमेय, उपमान, सूचक शब्द, सरल धर्म आदि उपमा के सभी अंग होते हैं। जैसे –

राधा बदन चंद सो सुंदर।

उपमेय – राधा बदन, उपमान – चंद, समान गुणधर्म – सुंदर, वाचक शब्द – सो। इसमें चारों अंग मौजूद है। अतः यह एक पूर्णोपमा अलंकार है।

2) लुप्तोपमा अलंकरण

इसमें उपमा के चार भागों में से एक या दो या तीन का अभाव (न हो) हो तो वंहा लुप्तोपमा अलंकार होता है। जैसा –

उपमेय – मुख, उपमान – चन्द्रमा, वाचक शब्द – सा, समान गुणधर्म – अभाव (नहीं है)। जैसा कि इसमें कोई उपमा नहीं है, अंत: यह लुप्तोपमा अलंकार है।

उपमा अलंकार के उदाहरण हिंदी में (Upma Alankar Ke Udaharan)

1) कर कमल-सा कोमल हैं।
2) पीपर पात सरिस मन ड़ोला।
3) मुख चन्द्रमा-सा सुन्दर है।
4) नील गगन-सा शांत हृदय था रो रहा।
5) उर विहग सा उड़ रहा है, नील गगन के बीच।
6) माणिक समान नयन प्रभु के हैं दिख रहे।
7) फूलों सा चेहरा तेरा, कलियों सी मुस्कान है।
8) पर्वत सा खड़ा पथिक अपनी बाट जोह रहा।
9) चाँद जैसे मुखड़े पे बिंदिया सितारा।
10) पर्वत सा खड़ा पथिक अपनी बाट जोह रहा।

FAQs

उपमा अलंकार का उदाहरण क्या है?
उपमा अलंकार का उदाहरण है – हरि पद कोमल कमल।

उपमा अलंकार की पहचान कैसे करें?
जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना दूसरे व्यक्ति या वस्तु से की जाए या जब किन्हीं दो वस्तुओं के गुण, आकार, धर्म, स्वभाव आदि में अंतर होते हुए भी समानता दिखाई जाए तो वंहा उपमा अलंकार होता है।

उपमा अलंकार के भेद कितने होते हैं?
उपमा अलंकार के दो भेद है – पूर्णोपमा अलंकार और लुप्तोपमा अलंकार।

निष्कर्ष (Conclusion)

आज के इस लेख में हमने आपको उपमा अलंकार किसे कहते है, उपमा अलंकार की परिभाषा और उपमा अलंकार के उदाहरण आदि के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख उपमा अलंकार इन हिंदी (Upma Alankar In Hindi) अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर जरूर करे।

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