https://www.fapjunk.com https://fapmeister.com

एबीएस क्या है? एबीएस वाली गाड़ी लेनी चाहिए या नहीं – (ABS System In Hindi)

What Is ABS In Hindi: एबीएस सिस्टम का पूरा नाम एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम है। और ये सिस्टम गाडी और बाइक के पहिए (टायर) को जाम होने से बचाता है। इस सिस्टम में जब आप अचानक अपनी गाडी के ब्रेक दबाते हैं या कभी गाडी को अचानक से रोकने की कोशिश करते हैं तो आपकी गाडी डिस-बैलेंस (अन-कंट्रोल) नहीं होती है। आप वाहन को आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं।

दरअसल, कार-बाइक में अचानक ब्रेक लगाने पर वाहन फिसलने, ड्राइवर का हैंडल से कंट्रोल हटने जैसी घटनाओं से बचने के लिए वाहनों में एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) दिया गया है। अचानक ब्रेक लगाने की स्थिति में यह तकनीक काफी मददगार होती है। ABS की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह ब्रेकिंग के दौरान कार या बाइक को स्किड होने से रोकता है और साथ ही उसे कंट्रोल में भी रखता है।

आज के इस लेख में हम आपको एबीएस क्या है, एबीएस कैसे काम करता है, एबीएस के प्रकार और एबीएस के फायदे और एबीएस के नुकसान के बारे में जानकारी देने वाले है। अगर आप एबीएस के बारे में पूरी जानकारी जानना चाहते है तो इस लेख को अंत तक जरुर पढ़े।

- Advertisement -

तो चलिए आपका ज्यादा समय न लेते हुए इस लेख को शुरू करते है और जानते है की एबीएस क्या होता है (ABS Kya Hota Hai)

एबीएस क्या है? (ABS Kya Hai In Hindi)

ABS एक व्हीकल टेक्नोलॉजी है इसे हम ऑटोमोबाइल सेफ्टी सिस्टम भी कह सकते हैं। इस तकनीक की मदद से हम दुर्घटना को होने से रोक सकते हैं। अगर आपकी कार में ABS है तो समझ लीजिए आप सुरक्षित हैं।

- Advertisement -

जब आप अचानक ब्रेक दबाते हैं तो कई बार आपका वाहन झटके के साथ रुक जाता है या फिसलता हुआ चला जाता है। और कई बार पलट भी जाता है। यह तकनीक इन सब को रोकने में मदद करती है। एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) की मदद से आपके व्हील कभी भी लॉक हो जाएंगे।

आप अपनी कार से 100 किमी/घंटा की रफ्तार से जा रहे हैं और अचानक कोई आपके सामने आ जाए तो आप क्या करेंगे, क्या आप उसे ठोक दोगे, बिल्कुल नहीं। आप उस वक्त एक ही काम करेंगे, जोर से ब्रेक लगाएंगे।

ऐसा करते ही आपकी गाड़ी के ब्रेक लॉक हो जाएंगे। आपकी गाड़ी फिसल भी सकती है या फिर उसे बचाने के चक्कर में आपकी गाड़ी का बैलेंस भी बिगड़ सकता है। अंत में दुर्घटना होगी और जान भी जा सकती है।

लेकिन अगर आपकी गाड़ी में ABS है तो आप बैलेंस बना करके साइड से निकाल सकते हैं या कार के टकराने से पहले आप अपनी कार को थोड़ी दूरी पर रोक सकते हैं।

इसमें कुछ ऐसे सेंसर्स लगे होते हैं जो आपकी ड्राइविंग को एक्सीडेंट फ्री बना देते हैं। बिना एबीएस वाली कार ब्रेक दबाने पर काफी दूर जाके रूकती है, लेकिन एबीएस वाली कार कम ही दूरी पर रुक जाती है।

एबीएस का फुल फॉर्म क्या है? (What Is ABS Full Form In Hindi)

एबीएस का फुल फॉर्म होता है “एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम” (Anti Lock Braking System)।

एबीएस टेक्नोलॉजी का इतिहास (History Of ABS In Hindi)

एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम कई सालों से हमारे साथ है। कब से है ये आप सोच भी नहीं सकते। इस तकनीक का इस्तेमाल 1929 में एयरक्राफ्ट में किया गया था। 1966 में इसे एक कार में इस्तेमाल किया गया और लोगों के सामने लाया गया। जेन्सेन फर्ग्यूसन फॉर्मूला में पहली बार यात्रियों ने इसका अनुभव किया।

धीरे-धीरे इस तकनीक का विकास हुआ और 1980 तक यह लोगों के सामने आने लगी। लेकिन आज हर नई कार में यह तकनीक होती है। अब ये बाइक्स में भी है जिसके लिए ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते हैं।

एबीएस कैसे काम करता है? (How Does ABS Work In Hindi)

एबीएस कोई कॉम्पोनेन्ट नहीं है। इसके कई अलग-अलग कॉम्पोनेन्ट हैं जो एक सिस्टम की तरह काम करते हैं। अब से पहले इसमें “गति संवेदक (Speed Sensor)” नामक एक उपकरण लगा होता था जो पहियों की गति पर लगातार नज़र रखता था। अब यह सेंसर कंट्रोलर डिवाइस के पास डेटा भेजता है।

अब आपके मन में एक और सवाल होगा कि यह कैसा डेटा है जो सेंसर कंट्रोलर डिवाइस के पास भेजता है। इसमें डेटा निम्न प्रकार के होते हैं – गति (Speed), वेग (Velocity), गति में मंदी (Deceleration In Speed)। अब इन डाटा से कंट्रोलर को पता लगता है कि क्या स्पीड में अचानक से कमी आई है और ऐसा तभी होगा जब आप एक्सीडेंट जैसी स्थिति में ब्रेक दबाएंगे।

जब अचानक से ब्रेक दबाया जाता है तो यही वो समय होता है जब ABS एक्टिवेट हो जाता है। और यह पता लगा ने की कोशिश करता है की कोनसा व्हील तेजी से स्लो हो रहा है इस प्रक्रिया को Deceleration कहा जाता है। अब वॉल्व उस व्हील के ब्रेक प्रेशर को कम कर देता है जिसकी गति गिर रही है मतलब जिसकी स्पीड में गिरावट हो रही है।

पुनः उस व्हील की गति में ACCELERATION होता है और चारों व्हील्स की गति समान हो जाती है। फिर से कंट्रोलर व्हील को DECELERATION करता है, अब स्पीड कम हो जाती है और स्पीड को फिर से ACCELERATION करता है। यह ACCELERATION और DECELERATION 1 सेकंड में लगभग 20 बार रिपीट होता है।

आपको कुछ करने की जरूरत नहीं है, एबीएस अपना काम आपसे बेहतर कर रहा है। इस प्रक्रिया की मदद से आप वाहन को आसानी से नियंत्रित और रोक सकते हैं।
तो ये ऐसे काम करता है।

लेकिन अगर आपको समझ नहीं आया की ये Anti Lock Braking System कैसे काम करता है तो मैं आपको उदाहरण से समझाते है –

आपके पास एक कार है जिसमें यह तकनीक है। आप टहलने निकले हैं, आपकी कार की गति 100 किमी/घंटा है। अचानक एक मोड़ पर सामने से एक कार आई। अब आप बिना कुछ सोचे तुरंत ब्रेक दबा देंगे (अब आपके व्हील लॉक नहीं होंगे क्योंकि आपकी कार में ABS है)।

अब व्हील बहुत तेजी से धीमा होने लगेंगे, जैसे ही एबीएस को यह खबर मिलती है, वह व्हील को वाल्व के माध्यम से लॉक होने से फ्री करेगा और फिर से लॉक फिर से स्पीड, यह प्रक्रिया बार-बार बहुत तेजी से होती है। आपकी कार उस कार से टकराने से पहले ही रुक जाएगी या आप बैलेंस बनाकर कार को साइड से निकाल सकते हैं।

जब आप बाइक चलाते हैं और अगर सामने से कोई जानवर आ जाए तो क्या आप पूरी ताकत से दोनों ब्रेक दबाते है नहीं बल्कि ब्रेक दबाते हैं फिर छोड़ते हैं फिर दबाते हैं और इस तरह आप बाइक का संतुलन बनाए रखते हैं। एबीएस भी कुछ इसी तरह काम करता है।

बाइक में एबीएस (ABS In Bike In Hindi)

कारों और अन्य चार पहिया वाहनों के साथ-साथ बाइक्स में भी ABS का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब बारिश में सड़क गीली हो जाती है तो आमतौर पर बाइक्स में इस्तेमाल होने वाला डिस्क ब्रेक काम नहीं आता क्योंकि आपकी बाइक इसमें फिसल सकती है।

वहीं अगर आपकी बाइक में ABS का इस्तेमाल किया गया है तो तेज रफ्तार में भी आपकी बाइक न फिसलेगी और न ही गिरेगी। वहीं, सामान्य ब्रेकिंग सिस्टम के विपरीत यह आपकी बाइक को उसी जगह रोक देगा, जहां आपने ब्रेक का इस्तेमाल किया है।

एबीएस के घटक (Components ABS In Hindi)

एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम में कुल चार घटक होते हैं। आइए एक-एक करके हर कंपोनेंट के बारे में जानते हैं।

  • Speed Sensor
  • Valve
  • Electronic Control Unit
  • Hydraulic Control Unit

1. स्पीड सेंसर (Speed Sensor)

यह सेंसर हर व्हील्स की गति पर लगातार नजर रखता रहता है। और त्वरण और मंदी (ACCELERATION और Deceleration) को निर्धारित करता है। सेंसर में ट्रिगर रहता है और वायर कॉइल/चुंबक असेंबली, जो इलेक्ट्रिक पल्स उत्पन्न करती है।

2. वाल्व (Valve)

जब एबीएस सक्रिय होता है, तो वाल्व का एकमात्र कार्य ब्रेक में हवा के दबाव (Air Pressure) को नियंत्रित करना होता है। प्रत्येक ब्रेक वाल्व से जुड़े रहते है और प्रत्येक वाल्व को ABS द्वारा नियंत्रित किया जाता है।

पहली स्तिथि में, ब्रेक के वाल्व खुले रहते है और प्रेशर मास्टर सिलेंडर से ब्रेक की और गुजरता है।

दूसरी स्तिथि में, वाल्व बंद रहता है और मास्टर सिलेंडर से दबाव सीमित रहता है।

तीसरी स्थिति में, वाल्व कुछ दबाव बनाए रखता है। और जब कार नहीं रुकती है तो तीसरे चरण का कदम बार-बार जारी रहता है।

3. इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट (Electronic Control Unit)

ECU ABS की कंट्रोल यूनिट है। जिसका काम सेंसर्स के सिग्नल को रिसीव करना, बढ़ाना और बाद में फिल्टर करना होता है। इन सभी डेटा को एनालाइज करने के बाद व्हील की रोटेशनल स्पीड और एक्सलरेशन का आकलन किया जाता है।

प्रेशर के दबाव को निर्धारित करने के लिए रोटेशनल गति और त्वरण के डेटा की आवश्यकता होती है।

4. हाइड्रोलिक कंट्रोल यूनिट (Hydraulic Control Unit)

एंटी लॉक कंडीशन के समय हाइड्रोलिक कंट्रोल यूनिट इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट से सिग्नल प्राप्त करता है और उसके अनुसार कभी – कभी ब्रेक को छोड़ता है तो कभी ब्रेक पर दबाव बनाता है।

हाइड्रोलिक कंट्रोल यूनिट हाइड्रोलिक दबाव बढ़ाकर ब्रेक को नियंत्रित करता है या पेडल बल का उपयोग करके ब्रेकिंग पावर को कम करता है।

एबीएस के प्रकार (Types Of ABS In Hindi)

आम तौर पर, ABS में इस्तेमाल किए गए सेंसर की संख्या और ब्रेक के प्रकार के अनुसार वर्गीकृत किया जाता है। चैनल्स की संख्या के अनुसार ब्रेक्स को अलग प्रकार में विभाजित किया गया है। आइए अब जानते हैं ABS के प्रकार के बारे में –

  • Four-Channel, Four-Sensor ABS
  • Three-Channel, Three-Sensor ABS

चार-चैनल, चार-सेंसर एबीएस (Four-Channel, Four-Sensor ABS)

इसे सबसे अच्छा ABS कहा जाता है। हर व्हील में एक सेंसर लगा रहता है और हर पहिए में एक वॉल्व भी लगा रहता है। अधिकतम ब्रेकिंग फोर्स का अनुमान लगाने के लिए कंट्रोलर इन सेंसर्स की मदद से सभी पहियों को मॉनिटर करते रहता है।

तीन-चैनल, तीन-सेंसर एबीएस (Three-Channel, Three-Sensor ABS)

इस प्रकार के ABS का उपयोग पिक अप ट्रक में किया जाता है। इसमें आगे के पहिये में दो सेंसर और दो वाल्व लगे होते हैं और पिछले दो पहियों में एक सेंसर और एक वाल्व लगा होता है।

इसलिए इसे थ्री-चैनल, थ्री-सेंसर ABS कहा जाता है। वैसे, दो-चैनल (Two Channel) और एक-चैनल (One Channel) ABS भी है। और इतने मजबूत भी नहीं हैं।

एबीएस के फायदे (Advantages Of ABS In Hindi)

आज की तेज रफ्तार दुनिया में आपको हर रोज हर जगह हादसे देखने और सुनने को मिल जाएंगे। आप कितनी भी सेफ्टी से चला लें, लेकिन आप यह नहीं बता सकते कि सामने वाला ठीक से गाड़ी चला रहा है या नहीं।

लेकिन क्या आप जानते हैं, एक शोध के अनुसार यह बात सामने आई है कि जितनी भी कार दुर्घटनाएं हो रही हैं, उनमें से दुर्घटनाएं उन कारों में कम होती हैं, जिनमें एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम टेक्नोलॉजी होती है।

हम इसके फायदों के बारे में बात करेंगे। जिससे आपको अपने आप पता चल जाएगा कि क्या आपको ABS वाली कार खरीदनी चाहिए या नहीं –

  • कार दुर्घटना के दौरान आप स्टीयरिंग को आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं।
  • दुर्घटना होने से पहले आप अपने वाहन को नियंत्रित कर सकते हैं।
  • आपकी कार के फिसलने के चांस बहुत कम होते हैं।
  • ब्रेक आपके कंट्रोल में रहेंगे।
  • एबीएस वाली गाड़ी किसी वस्तु से टकराने से पहले कुछ ही दूरी पर रुक जाती है।
  • एक्सीडेंट के दौरान ब्रेक दबाने से गाड़ी के पहिए कभी लॉक नहीं होंगे।
  • इस तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते हैं।
  • अब आपको तय करना है कि आप एबीएस वाली इस कार को खरीदना चाहते हैं या नहीं।

एबीएस के नुकसान (Disadvantages Of ABS In Hindi)

  • ऑफ रोड (मिट्टी या ऊबड़ खाबड़ इलाके में) चलाते वक्त ये उतना अच्छा काम नहीं करते।
  • एबीएस की बंद करने की सुविधा कुछ कार और बाइकों में ही है।

एबीएस का फायदा क्या है?

एबीएस का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप चाहे कितनी भी स्पीड में हों और अगर अचानक आपको ब्रेक दबाना पड़े तो आपकी मोटरसाइकिल या कार कभी स्किड नहीं होगी। एबीएस फीचर, अचानक ब्रेक लगाने पर पहियों को लॉक होने से रोकता है। यही कारण है कि ड्राइवर का कार पर नियंत्रण बना रहता है और कार दिशा बदलती है बिना फिसले और असंतुलित हुए रुक जाती है।

क्या एबीएस सभी वाहनों में अनिवार्य है?

साल 2020 में देश के सभी वाहनों में ABS को अनिवार्य कर दिया गया था और इस बात की पुष्टि परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने की थी। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस ABS फीचर की वजह से पिछले कुछ सालों में सड़क हादसों की संख्या में काफी हद तक कमी आई है।

FAQs For ABS In Hindi

एबीएस का पूरा नाम क्या है?
एबीएस का पूरा नाम एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम है।

एबीएस का सबसे बड़ा फायदा क्या है?
एबीएस का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप चाहे कितनी भी स्पीड में हों और अगर अचानक आपको ब्रेक दबाना पड़े तो आपकी मोटरसाइकिल या कार कभी स्किड नहीं होगी।

क्या एबीएस सभी वाहनों में अनिवार्य है?
साल 2020 में देश के सभी वाहनों में ABS को अनिवार्य कर दिया गया था।

एबीएस वाली गाड़ी लेनी चाहिए या नहीं!
एबीएस वाली गाड़ी लेनी चाहिए।

यह भी पढ़े –

निष्कर्ष

हमे उम्मीद है कि आपको यह लेख एबीएस क्या है (ABS Kya Hota Hai) जरूर पसंद आया होगा। हमारा हमेशा से यह प्रयास रहा है कि पाठकों को सम्बंधित लेख के बारे में पूरी जानकारी प्रदान की जाए, ताकि उन्हें किसी अन्य साइट या इंटरनेट पर उस लेख के संदर्भ में खोज न करनी पड़े।

इससे उनका समय भी बच जाएगा और उन्हें सारी जानकारी एक ही जगह मिल जाएगी। यदि आपको इस लेख के बारे में कोई संदेह है या आप चाहते हैं कि इसमें कुछ सुधार होना चाहिए तो इसके लिए आप कमेंट में सुझाव या राय दे सकते हैं।

यदि आपको यह लेख एबीएस क्या है, कैसे काम करता है से कुछ सीखने को मिला है तो इस लेख को सोशल नेटवर्क्स और अन्य सोशल मीडिया साइट पर शेयर जरूर करे।

लेख के अंत तक बने रहने के लिए आपका धन्यवाद

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay in Touch

spot_img

Related Articles

You cannot copy content of this page