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मॉनिटर क्या है? प्रकार, फायदे और नुकसान – (Monitor Kya Hota Hai)

What Is Monitor In Hindi: आपने कंप्यूटर में काम करने वाले डिस्प्ले यूनिट मॉनिटर को देखा होगा और उसमें वीडियो गेम, मूवी या कोई अन्य काम भी किये होंगे।

लेकिन क्या आप जानते हैं मॉनिटर क्या होता है, मॉनिटर का फुल फॉर्म क्या है, मॉनिटर की खोज किसने की, मॉनिटर कितने प्रकार के होते हैं, मॉनिटर के कार्य और विशेषताएं क्या हैं।

यदि आपको ऊपर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर नहीं पता है तो इस लेख को अंत तक पढ़ें। इसमें हमने आपको आसान शब्दों में मॉनिटर क्या है के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से दी है। जिसे पढ़ने के बाद आपको इसके बारे में उपयोगी जानकारी मिल जाएगी। तो चलिए इस लेख की शुरु करते हैं और जानते हैं कि मॉनिटर क्या है –

मॉनिटर क्या है? (Monitor Kya Hai In Hindi)

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मॉनिटर कंप्यूटर का एक आउटपुट डिवाइस है जो कंप्यूटर में इनपुट किए गए डेटा को कंप्यूटर स्क्रीन में दिखाता है। मॉनिटर को विजुअल डिस्प्ले यूनिट के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि यह स्क्रीन में सूचना को दिखाता है।

मॉनिटर कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण उपकरण है। इसके बिना कंप्यूटर अधूरा है क्योंकि जब तक हमें यह पता नहीं चलेगा कि कंप्यूटर में क्या चल रहा है, तब तक हम कंप्यूटर में काम नहीं कर पाएंगे।

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मॉनिटर सीपीयू से जुड़ा होता है, जब यूजर डाटा इनपुट करता है या कीबोर्ड या माउस के माध्यम से कंप्यूटर को निर्देश देता है, तो कंप्यूटर आउटपुट डिवाइस मॉनिटर में उसी समय परिणाम दिखाता है, जिस समय काम किया जाता है। मॉनिटर इमेज, वीडियो और टेक्स्ट के रूप में उपयोगकर्ता को सभी जानकारी दिखाता है।

मॉनिटर को बहुत से लोग स्क्रीन या डिस्प्ले भी कहते हैं, लेकिन इसका असली नाम मॉनिटर है।

मॉनिटर का फुल फॉर्म क्या है? (What Is Monitor Full Form In Hindi)

मॉनिटर का फुल फॉर्म होता है – मशीन आउटपुट नंबर ऑफ़ इनफार्मेशन तो आर्गेनाइज रिपोर्ट (Machine Output Number Of Information To Organize Report)

मॉनिटर की खोज किसने की थी? (Who Invented Monitor In Hindi)

मॉनिटर का आविष्कार जर्मन वैज्ञानिक कार्ल फर्डिनेंड ब्रौन ने 1897 ई. में किया था। यह कैथोड रे मॉनिटर (CTR) था।

मॉनिटर के प्रकार क्या है? (Types Of Monitor In Hindi)

आज के समय में मॉनिटर बनावट, आकार और डिजाइन के आधार पर कई प्रकार के आते हैं। मॉनिटर के कुछ प्रमुख प्रकार इस प्रकार हैं –

  • CTR
  • LCD
  • LED
  • SED
  • Plasma Monitor

CTR (Cathode Ray Tube)

सीटीआर सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले आउटपुट डिवाइस हैं। यह मॉनिटर इमेज को प्रदर्शित करने के लिए कैथोड रे ट्यूब तकनीक का उपयोग करता है। CTR तकनीक का उपयोग टेलीविजन स्क्रीन बनाने में भी किया जाता है।

कैथोड रे ट्यूब मुख्य रूप से एक वैक्यूम ट्यूब है। जिसके एक तरफ इलेक्ट्रॉन की गन होती है और दूसरी तरफ फ्लोरेसेंट स्क्रीन होती है।

आज के समय में इनका प्रयोग धीरे-धीरे कम होता जा रहा है, इसका मुख्य कारण यह है कि ये बहुत भारी और महंगे होते हैं। इनकी जगह हल्के और सस्ते मॉनिटर्स का इस्तेमाल किया जा रहा है।

LCD (Liquid Crystal Display)

जैसा कि हम जानते हैं कि सीटीआर मॉनिटर बहुत भारी होते थे और अधिक जगह घेरते थे, लेकिन धीरे-धीरे तकनीक के विकास के साथ मॉनिटर के आकार में भी बदलाव होने लगा। CTR के स्थान पर LCD का प्रयोग बढ़ने लगा।

LCD को बनाने में लिक्विड क्रिस्टल का प्रयोग किया जाता है यह आकार में पतला तथा वजन में हल्का होता है। इसलिए इन्हें रखने के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती है।

LCD CTR की तुलना में कम बिजली की खपत करता है और यह कम गर्मी भी पैदा करता है। पहले LCD का उपयोग लैपटॉप में किया जाता था लेकिन अब LCD का उपयोग डेस्कटॉप कंप्यूटर के लिए भी किया जाता है।

LED (Light Emitting Diode)

LCD की तरह LED भी फ्लैट पैनल डिस्प्ले है और किनारों से थोड़ा घुमावदार है, जो आज बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं।

लाइट एमिटिंग डायोड का उपयोग एलईडी बैक लाइटिंग के लिए किया जाता है। यह CTR और LCD की तुलना में कम बिजली की खपत करता है, और इनसे अधिक टिकाऊ भी है।

SSD (Surface Conducted Electron Emitting Display)

SSD हाई रेजोल्यूशन और फ्लैट पैनल डिस्प्ले वाले मॉनिटर हैं। कैनन और तोसिबा ने मिलकर इसे बनाया है। SSD, CTR मॉनिटर की तुलना में 50 प्रतिशत कम बिजली का उपयोग करते हैं। इस प्रकार के मॉनिटर को बनाने के लिए इलेक्ट्रॉन एमिटेड ऐरे और फॉस्फोरस की परत का उपयोग किया जाता है।

Plasma Monitor

मॉनिटर के कार्य उच्च कॉनट्रास्ट वाली स्क्रीन होती है जिसमें वाइब्रेंट कलर और ब्राइटनेस होती । यह प्लाज्मा डिस्चार्ज सिद्धांत पर काम करता है। प्लाज्मा डिस्प्ले CTR की तुलना में पतले और LCD की तुलना में चमकीले होते हैं। सस्ते दामों पर एलसीडी उपलब्ध होने के बाद धीरे-धीरे प्लाज्मा मॉनिटर के उपयोग में कमी आने लगी है।

रंग आधारित मॉनिटर के प्रकार

रंग के आधार पर मुख्यतः तीन प्रकार के मॉनिटर होते हैं –

  • Monochrome
  • Gray Scale
  • Color Monitor

मोनोक्रोम (Monochrome)

मोनोक्रोम मॉनिटर सिंगल कलर डिस्प्ले होते हैं, यह ब्लैक एंड व्हाइट के रूप में आउटपुट प्रदर्शित करता है।

ग्रे स्केल (Gray Scale)

ग्रे स्केल मोनोक्रोम के समान होते है, जो आउटपुट को ग्रे शेड्स में प्रदर्शित करता है।

रंगीन मॉनिटर (Color Monitor)

रंग मॉनिटर उच्च रिज़ॉल्यूशन में ग्राफिक्स प्रदर्शित करने में सक्षम होते हैं और आउटपुट को RBG (रेड ब्लू ग्रीन) विकिरण के समायोजन के रूप में प्रदर्शित करते हैं।

मॉनिटर की विशेषताएं (Feature Of Monitor In Hindi)

मॉनिटर की मुख्य विशेषताएं इस तरह हैं –

1 – रेजोल्यूशन (Resolution)

रेजोल्यूशन का मतलब है कि स्क्रीन पर पिक्सल कैसे पैक होता हैं। ग्राफिक छवि में पिक्सेल एक एकल बिंदु होता है। मॉनिटर पिक्चर को लाखों पिक्सेल में डिवाइड करके चित्रों को दिखाता है। जो पंक्ति और कॉलम में व्यवस्थित होते हैं।

2 – डॉट – पिच ( Dot – Pitch)

डॉट पिच एक प्रकार की मापन तकनीक है जो यह दर्शाती है कि दो पिक्सेल के बीच क्षैतिज दूरी कितनी है। इसे मिलीमीटर में मापा जाता है, यह मॉनिटर की क्वालिटी को प्रदर्शित करता है।

3 – आकार (साइज़)

मॉनिटर की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता इसका आकार है। मॉनिटर का आकार लम्बाई और चौड़ाई में मापा जाता है। कंप्यूटर सिस्टम का मॉनिटर टीवी स्क्रीन के जैसा ही होता है। मॉनिटर्स को डायलॉग इंच के संदर्भ में मापा जाता है।

4 – रिफ्रेश रेट (रिफ्रेश रेट)

मॉनिटर का रिफ्रेश रेट यह प्रदर्शित करता है कि प्रति सेकंड मॉनिटर को कितनी बार रिफ्रेश करना है। मॉनिटर के लिए प्रति मिनट रिफ्रेश रेट को आवर्ती में मापा जाता है।

मॉनिटर क्या काम करता है?

एक कंप्यूटर मॉनिटर एक प्रकार का डिस्प्ले एडेप्टर होता है जो कंप्यूटर के वीडियो कार्ड से संसाधित की गई जानकारी को प्रदर्शित करता है।

जब एक वीडियो कार्ड या ग्राफिक्स कार्ड बाइनरी इनफार्मेशन को 1s और 0s से छवियों में परिवर्तित करता है, तो छवियों को आसानी से और सीधे ही कनेक्टेड मॉनिटर में प्रदर्शित किया जा सकता है।

इसलिए, कंप्यूटर मॉनिटर का मुख्य कार्य वीडियो और ग्राफिकल जानकारी प्रदर्शित करना है जो कंप्यूटर के ग्राफिक्स एडेप्टर से उत्पन्न होता है। इससे यह यूजर को कंप्यूटर के साथ इंटरैक्ट करने की सुविधा प्रदान करता है।

इसे आउटपुट डिवाइस के अनुसार वर्गीकृत किया गया है। एक मॉनिटर पूरे कंप्यूटर सिस्टम का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे वीडियो डिस्प्ले यूनिट (वीडीयू) भी कहा जाता है।

मॉनिटर्स का इतिहास

  • 1964 में यूनिस्कोप 300 मशीन में बिल्ट-इन सीआरटी तकनीक जोड़ी गई, जो कि वास्तविक कंप्यूटर मॉनीटर नहीं था।
  • इसके बाद 1965 में ए जॉनसन ने टच स्क्रीन तकनीक का आविष्कार किया।
  • 1 मार्च 1973 को ज़ेरॉक्स ऑल्टो कंप्यूटर लॉन्च किया गया था, जिसमें पहला कंप्यूटर मॉनिटर था। मोनोक्रोम डिस्प्ले और सीआरटी तकनीक को इस मॉनिटर में जोड़ा या इस्तेमाल किया गया था।
  • इसके बाद 1975 में जॉर्ज सैमुअल हर्स्ट ने पहला प्रतिरोधक (रेसिस्टिव) टच स्क्रीन डिस्प्ले बनाया, जो 1982 से पहले इस्तेमाल किया जाता था।
  • 1976 में Apple I और Sol-20 कंप्यूटर सिस्टम लॉन्च किए गए। इस प्रणाली के अंदर कंप्यूटर से जुड़ा एक वीडियो पोर्ट था, जो वीडियो स्क्रीन को कंप्यूटर मॉनीटर पर चलाने की अनुमति देता था। 1977 में, जेम्स पी मिशेल ने एलईडी डिस्प्ले तकनीक का आविष्कार किया। लेकिन यह मॉनिटर अगले 30 सालों तक बाजार में खरीदने के लिए उपलब्ध नहीं था।
  • जून 1977 में, Apple II को लॉन्च किया गया, जिससे CRT मॉनिटर पर रंगीन डिस्प्ले की अनुमति मिली।
  • इसके बाद 1987 में IBM ने पहला VGA मॉनिटर IBM 8513 लॉन्च किया।
  • Eizo Nanao ने 1990 के दशक के मध्य में लॉन्च किए गए पहले LCD कंप्यूटर मॉनीटर, Eizo L66 का निर्माण किया।
  • इसके बाद 1997 में IBM, Viewsonic और Apple ने रंगीन LCD मॉनिटर बनाना शुरू किया। यह CRT मॉनिटर की तुलना में उच्च गुणवत्ता और रिज़ॉल्यूशन प्रदान करता है।
  • 1998 में, Apple द्वारा पहला रंगीन LCD मॉनिटर बनाया गया था।
  • बाद में 2003 में LCD मॉनिटर के कारण CRT मॉनिटर की बिक्री बंद हो गई।
  • 2006 में जेफ हान ने TED में पहला इंटरफ़ेस फ्री और टच डिपेंडेंट मॉनिटर जारी किया।
  • 2009 में, NEC कंपनी ने LCD मॉनिटर MultiSync EA222WMe जारी किया, जो NEC का पहला मॉनिटर था।

मॉनिटर के लाभ (Advantage Of Monitor In Hindi)

मॉनिटर के कई फायदे हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं –

  • आधुनिक एलसीडी मॉनिटर सीटीआर मॉनिटर की तुलना में कम बिजली की खपत करते हैं।
  • पुराने मॉनिटर में कैथोड रे ट्यूब का उपयोग किया जाता था लेकिन आधुनिक मॉनिटर में LED बैकलाइटिंग, लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले का उपयोग किया जाता है।
  • मॉनिटर सूचना को ग्राफिकल रूप में प्रदर्शित करता है जिसे उपयोगकर्ता आसानी से समझ सकता है।
  • एलसीडी मॉनिटर की हर इमेज में शार्पनेस होती है।
  • लागत प्रभावी होने के साथ मॉनिटर अधिक किफायती होते हैं।
  • टचस्क्रीन माउस और ट्रैकबॉल से तेज होते है।

मॉनिटर के नुकसान (Disadvantage Of Monitor In Hindi))

  • मॉनिटर के जहां एक ओर बहुत सारे फायदे हैं वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं, जैसे –
  • मॉनिटर थोड़े महंगे हो सकते हैं।
  • CTR मॉनिटर अधिक जगह घेरते हैं और भारी भी होते हैं जिसके कारण इन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से नहीं ले जाया जा सकता है।

टीवी और मॉनिटर में अंतर 

कंप्यूटर की स्क्रीन यानी मॉनिटर दिखने में टीवी जैसा ही होता है। लेकिन असल में दोनों में बहुत अंतर है। लोग अक्सर टीवी को कंप्यूटर स्क्रीन की तरह इस्तेमाल करते हैं। लेकिन सच तो यह है कि टीवी कंप्यूटर स्क्रीन के लिए नहीं बना होता है। तो यहाँ हमने टीवी और मॉनिटर के बीच के अंतर को स्पष्ट किया है। नीचे बताए गए पॉइंट्स को पढ़कर आप टीवी और मॉनिटर के बीच के अंतर को समझ सकते हैं। तो आइए जानते हैं।

  • टीवी विभिन्न आकारों में आते हैं। वहीँ एक मॉनिटर छोटे आकार का होता है।
  • टीवी का रेजोल्यूशन मॉनिटर की तुलना में कम होता है। यानी मॉनिटर का रेजोल्यूशन ज्यादा होता है।
  • टीवी का व्यूइंग एंगल 160 डिग्री है। जबकि मॉनिटर का व्यूइंग एंगल 110° है।
  • मॉनिटर की पिक्चर क्वालिटी टीवी से बेहतर और क्लियर होती है।
  • टीवी की तुलना में मॉनिटर में अधिक इनपुट जैक या कनेक्टर होते हैं।
  • टीवी में ट्यूनर और स्पीकर होता है। जबकि मॉनिटर में यह सब नहीं होता है।
  • मॉनिटर का रिफ्रेश रेट टीवी से बेहतर होता है।

सार –

  • मॉनिटर एक आउटपुट डिवाइस है और इसे विजुअल डिस्प्ले यूनिट भी कहा जाता है।
  • कंप्यूटर मॉनिटर के बिना अधूरा है।
  • मोनोक्रोम शब्द मोनो (एकल) और क्रोम (रंग) दो शब्दों से मिलकर बना है, इसलिए इसे सिंगल कलर डिस्प्ले कहते हैं।
  • सीआरटी का फुल फॉर्म कैथोड रे ट्यूब होता है।
  • कैथोड रे ट्यूब मॉनिटर सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले आउटपुट डिवाइस हैं, जिन्हें विज़ुअल डिस्प्ले यूनिट के रूप में भी जाना जाता है।
  • एलसीडी का फुल फॉर्म लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले होता है।
  • LED का पूरा नाम लाइट एमिटिंग डायोड होता है।
  • मॉनिटर आउटपुट डिवाइस के रूप में कार्य करता है।
  • आप कंप्यूटर मॉनीटर पर तस्वीरें और टेक्स्ट देख और पढ़ सकते हैं।
  • आज कई मॉनिटर लागत प्रभावी होने के साथ-साथ अधिक किफायती भी हैं।
  • LCD मॉनिटर ऊर्जा कुशल होते हैं क्योंकि वे CTR मॉनिटर की तुलना में बहुत कम ऊर्जा की खपत करते हैं।
  • LCD मॉनिटर गर्मी उत्पन्न करते समय कम विकिरण उत्पन्न करते हैं।

FAQs

मॉनिटर के जनक कौन थे?
मॉनिटर के जनक जर्मन वैज्ञानिक कार्ल फर्डिनेंड ब्रौन है।

मॉनिटर को इंग्लिश में क्या कहा जाता है?
मॉनिटर को इंग्लिश में मॉनिटर ही कहा जाता है।

मॉनिटर को क्या कहते है?
मॉनिटर को स्क्रीन या डिस्प्ले भी कहा जाता है।

मॉनिटर का दूसरा नाम क्या है?
मॉनिटर को विजुअल डिस्प्ले यूनिट भी कहा जाता है।

मॉनिटर देखने में कैसा होता है?
मॉनिटर देखने में टीवी जैसा होता है।

मॉनिटर किस तरह का डिवाइस है?
मॉनिटर आउटपुट डिवाइस है।

मॉनिटर का कार्य क्या है ?
मॉनिटर का मुख्य कार्य कंप्यूटर को दिए गए निर्देशों को स्क्रीन में प्रदर्शित करना है।

मॉनिटर का पूरा नाम क्या है ?
मॉनिटर का पूरा नाम मशीन आउटपुट नंबर ऑफ इंफॉर्मेशन टू आर्गेनाइज रिपोर्ट है।

एलईडी का फुल फॉर्म नाम क्या है?
एलईडी का पूरा नाम लाइट एमिटिंग डायोड होता है।

एलसीडी का फुल फॉर्म नाम क्या है?
एलसीडी का फुल फॉर्म लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले होता है।

यह भी पढ़ें –

निष्कर्ष

उम्मीद है की आपको यह जानकारी पसंद आयी होगी। अगर आपको यह लेख मॉनिटर क्या है, प्रकार, फायदे और नुकसान मददगार लगा है तो आप इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। और अगर आपका इस लेख (What Is Monitor In Hindi) से सम्बंधित कोई सवाल है तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।

लेख के अंत तक बने रहने के लिए आपका धन्यवाद

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