https://www.fapjunk.com https://fapmeister.com

एल्गोरिथम क्या है, कैसे काम करता है, प्रकार, फायदे और नुकसान – (Algorithm Kya Hai In Hindi)

What Is Algorithm Meaning In Hindi: आज के इस लेख में हम आपको एल्गोरिथम क्या है, एल्गोरिथम कैसे काम करता है, इसके उपयोग, फायदे और नुकसान क्या है। इसके बारे में जानकारी देने वाले है। एल्गोरिथम क्या है यह जानने के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े। तो चलिए, शुरू करते हैं –

एल्गोरिथम का मतलब क्या है? (Algorithm Meaning In Hindi)

किसी भी कार्य को चरणबद्ध तरीके से करने की प्रक्रिया एल्गोरिथम कहलाती है। या किसी भी कार्य या विशेष प्रकार के प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए निश्चित संख्या तथा स्पष्ट तरीके से लिखे गए सेट ऑफ़ इंट्रक्शन को एल्गोरिथम कहते हैं।

एल्गोरिथम क्या है? (What Is Algorithm In Hindi)

एल्गोरिथम निर्देशों का एक समूह है जिसके द्वारा किसी विशेष समस्या का समाधान किया जाता है। दूसरे शब्दों में, “एल्गोरिदम एक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से प्रोग्रामिंग में आने वाली समस्या का समाधान किया जाता है।

एल्गोरिथम नियमों का एक समूह होता है जिनका उपयोग किसी कार्य को चरण दर चरण (स्टेप बाय स्टेप) पूरा करने के लिए किया जाता है। गणित और कंप्यूटर विज्ञान में समस्याओं को हल करने के लिए एल्गोरिदम का उपयोग किया जाता है। यह जटिल कार्यों को करने में सक्षम है।

- Advertisement -

हम एल्गोरिथम को इनपुट देते हैं। एल्गोरिथम उस इनपुट को प्रोसेस करता है और हमें आउटपुट देता है। एल्गोरिथ्म को फ़्लोचार्ट का उपयोग करके प्रस्तुत किया जाता है। एल्गोरिथ्म का उपयोग हम किसी भी प्रोग्रामिंग भाषा जैसे- C, C++, Java, और Python आदि में कर सकते हैं।

हम नई रेसिपी बनाने का उदाहरण लेकर एल्गोरिथम को आसानी से समझ सकते हैं। जब हमें कोई नई डिश बनानी होती है तो उसके बनाने के तरीके को स्टेप बाय स्टेप समझते हैं। जिस क्रम में उनके स्टेप दिए गए हैं, उसी क्रम में इनका पालन करते हुए बनाते हैं तो हमारी नई डिश बनकर तैयार हो जाती है।

- Advertisement -

उसी तरह, एल्गोरिदम हमें कंप्यूटर विज्ञान में वांछित परिणाम प्राप्त करने में मदद करते हैं। जब किसी कार्य को पूरा करने के लिए कंप्यूटर प्रोग्राम लिखना होता है। फिर हम सबसे पहले इसका एल्गोरिदम लिखते हैं। एल्गोरिदम किसी भी कंप्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा पर आधारित नहीं हैं। हम इसे साधारण अंग्रेजी भाषा या अन्य बोलचाल की भाषा में लिखते हैं।

एक बार जब एल्गोरिथम लिखा लिया जाता है। तो इसे आसानी से किसी भी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के प्रोग्राम में बदल दिया जाता है।

एल्गोरिथम की परिभाषाएं (Definition Of Algorithm In Hindi)

1. किसी भी कार्य जैसे कोई मैथमेटिकल कम्प्यूटेशन, कोई लॉजिकल या विशेष प्रकार के प्रॉब्लम को सोल्वे करने के लिए निश्चित संख्या तथा स्पष्ट तरीके से लिखे गए सेट ऑफ़ इंस्ट्रक्शन को एल्गोरिथम कहते हैं।

2. दूसरे शब्दों में, एल्गोरिथ्म नियमों का एक समूह होता है जो चरण दर चरण (स्टेप बाय स्टेप) निर्धारित करता है कि वांछित परिणाम के लिए कोई विशेष कार्य कैसे संपादित किया जाएगा।

3. “एल्गोरिदम एक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से प्रोग्रामिंग में आने वाली समस्या का समाधान किया जाता है।

4. किसी भी कार्य या विशेष प्रकार के प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए निश्चित संख्या तथा स्पष्ट तरीके से लिखे गए सेट ऑफ़ इंट्रक्शन को एल्गोरिथम कहते हैं।

एल्गोरिथम के संस्थापक कौन है?

अबू अब्दुल्ला मुहम्मद इब्न मूसा अल-ख्वारिज्मी नामक 9वीं शताब्दी के फारसी गणितज्ञ को एल्गोरिदम के संस्थापक के रूप में माना जाता है और उन्हें बीजगणित का पिता भी कहा जाता है। एल्गोरिदम शब्द ‘एल्गोरिज्म’ से लिया गया था। इसका सीधा सा मतलब था किसी भी कार्य को चरणबद्ध तरीके से पूरा करना।

एल्गोरिदम कैसे काम करता है?

सबसे पहले, कोई भी मशीन जिसमें एल्गोरिथम का उपयोग किया जाता है, डेटा का इनपुट लेती है। उसके बाद वह डेटा को प्रोसेस करने के लिए एल्गोरिथम का उपयोग करती है। जैसा कि मैंने आपको पहले भी बताया है कि एल्गोरिथम में कुछ निर्देश होते हैं। मशीन इन निर्देशों का पालन करते हुए डेटा को प्रोसेस करती है। अब डाटा को प्रोसेस करने के बाद मशीन डाटा का आउटपुट देगी। प्रोसेसिंग में कई एल्गोरिदम का उपयोग किया जाता है।

हम यूट्यूब एल्गोरिदम का उदाहरण लेते हैं। एल्गोरिदम किसी के लिए भी तैयार किया जा रहा हो। इसमें सबसे पहले निर्देश तैयार किए जाते हैं। संपूर्ण एल्गोरिथम उन्हीं ही निर्देशों पर काम करता है।

अब यूट्यूब एल्गोरिदम को ही लें। कई बार हमने देखा होगा कि यूट्यूब हमारी रुचि के अनुसार वीडियो अपने आप हमारे सामने लाता रहता है। अगर कोई व्यक्ति यूट्यूब पर वीडियो डालता है, तो यूट्यूब उस व्यक्ति के वीडियो को लोगों को सुझाता है। आपत्तिजनक वीडियो को तुरंत हटा देता है। वीडियो ट्रेंडिंग पर अपने आप अपडेट हो जाते हैं। ऐसी और भी कई चीजे हैं। जो यूट्यूब के एल्गोरिथम के निर्माण के दौरान लिखा गयी है।

यूट्यूब एल्गोरिथम स्वचालित रूप से सब कुछ प्रबंधित करता है। क्योंकि ये सारी बाते यूट्यूब प्रोग्राम में लिखी होती हैं। इसी तरह, गूगल एल्गोरिदम, फेसबुक, ट्विटर सभी को अपने-अपने एल्गोरिथम निर्देश दिए गए हैं। जो अपने आप काम करते रहते हैं। ठीक इसी तरह एल्गोरिदम काम करता है।

एल्गोरिथम के प्रकार (Types Of Algorithms In Hindi)

एल्गोरिथम के प्रकारों को उन अवधारणाओं के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। जिनका उपयोग हम कार्य को पूरा करने के लिए करते हैं। वैसे तो कंप्यूटर एल्गोरिथम कई प्रकार के होते हैं। लेकिन यहां हम आपको सबसे फंडामेंटल प्रकार के बारे में बता रहे हैं –

  • Divide And Conquer Algorithms
  • Brute Force Algorithms
  • Randomized Algorithms
  • Greedy Algorithms
  • Recursive Algorithms
  • Backtracking Algorithms
  • Dynamic Programming Algorithms

डिवाइड एंड कॉन्कर एल्गोरिथम (Divide And Conquer Algorithms)

इस प्रकार के एल्गोरिदम में, एक बड़ी समस्या को छोटी समस्याओं में विभाजित किया जाता है और उन छोटी समस्याओं को हल किया जाता है। फिर उन्हें मूल समस्या का समाधान प्राप्त करने के लिए जोड़ा (संयोजित) जाता है। इस प्रकार का एल्गोरिदम काफी लोकप्रिय है।

ब्रूट फाॅर्स एल्गोरिथम (Brute Force Algorithms)

इस प्रकार का एल्गोरिदम संतोषजनक (सटिस्फैक्टरी) समाधान खोजने के लिए सभी संभावित समाधानों को आजमाने का प्रयास करता है।

राँडोमिज़ेड एल्गोरिथम (Randomized Algorithms)

जैसा कि नाम से पता चलता है, इस प्रकार के एल्गोरिथम में, समस्या का समाधान खोजने के लिए कम से कम एक बार यादृच्छिक संख्या (रैंडम नंबर) का उपयोग किया जाता है।

ग्रीडी एल्गोरिथम (Greedy Algorithms)

इस प्रकार के एल्गोरिथम में स्थानीय स्तर पर ऑप्टीमल सलूशन खोजने के इरादे से पूरी समस्या का ऑप्टीमल सलूशन खोजा जाता है।

रिकर्सिव एल्गोरिथम (Recursive Algorithms)

इस लोकप्रिय प्रकार के एल्गोरिथम में सबसे पहले किसी भी समस्या के निम्नतम और सरलतम संस्करण का समाधान ढूंढा जाता है। फिर उससे थोड़े जटिल संस्करण का समाधान निकाला जाता है। ऐसा करते समय मूल समस्या का समाधान मिलने तक समाधान निकालें जाते हैं।

बैकट्रैकिंग एल्गोरिथम (Backtracking Algorithms)

समस्या को उप-समस्याओं में विभाजित किया जाता है, जिसमें से प्रत्येक उप-समस्या का समाधान खोजने का प्रयास किया जाता है। हालाँकि, इस प्रकार के एल्गोरिथ्म में, यह वांछित समाधान मिलने तक पीछे की ओर जाता है, और जब समाधान पथ मिल जाता है, तो यह आगे जाकर समाधान ढूंढ लेता है।

डायनामिक प्रोग्रामिंग एल्गोरिथम (Dynamic Programming Algorithms)

इस प्रकार के एल्गोरिथम में जटिल समस्या को सरल उप-समस्याओं में विभाजित किया जाता है और फिर उन सभी उप-समस्याओं का समाधान ढूंढा जाता है। साथ ही उन उप-समस्याओं के समाधान भविष्य में उपयोग के लिए संग्रहीत किए जाते हैं, ताकि यदि भविष्य में भी यही समस्या आती है, तो समाधान पहले से ही तैयार हो।

इन सभी प्रकार के एल्गोरिदम का उपयोग कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में अलग-अलग जगहों पर किया जाता है।

एल्गोरिथम का उदाहरण (Example Of Algorithm In Hindi)

उदाहरण: बाल्टी में पानी उबालने का तरीका बताना।

कंप्यूटर को दिए गए निर्देश मित्र को दिए गए निर्देशों से भिन्न होते हैं। आइए उनके बीच के अंतर को देखें और जानें कि कंप्यूटर को निर्देश कैसे दिए जाते हैं और इसके लिए एल्गोरिदम कैसे लिखा जाता है।

मित्र के लिए निर्देश –

स्टेप 1: बाल्टी को पानी से भरें।
स्टेप 2: बाल्टी को स्टोव पर रखें और बर्नर चालू करें।
स्टेप 3: जब पानी में उबाल आने लगे तो बर्नर को बंद कर दें।

कंप्यूटर के लिए निर्देश –

स्टेप 1: बाल्टी को नल के नीचे रखें।
स्टेप 2: नल चालू करें।
स्टेप 3: जांचें कि बाल्टी 90% भरी हुई है या नहीं।
स्टेप 4: यदि नहीं, तो उपरोक्त स्टेप को दोहराएं।
स्टेप 5: नल बंद करें।
स्टेप 6: बाल्टी को बर्नर में रखें।
स्टेप 7: बर्नर चालू करें।
स्टेप 8: जांचें कि पानी 100 C है या नहीं
स्टेप 9: यदि नहीं, तो उपरोक्त स्टेप को दोहराएं।
स्टेप 10: बर्नर बंद कर दें।

उपरोक्त उदाहरण को ध्यान से देखें। इस उदाहरण में कंप्यूटर से कार्य कराने के लिए जो निर्देश या चरण दिए हैं, वही एल्गोरिथम है।

प्रोग्राम लिखने का प्रयास करने से पहले एल्गोरिथम को लिखना एक अच्छा अभ्यास माना जाता है। एल्गोरिथम का प्रत्येक चरण प्रोग्रामिंग भाषा में एक पंक्ति (लाइन) या पंक्तियों के समूह (सेट ऑफ़ लाइन्स) में परिवर्तित हो जाता है।

एल्गोरिथम की विशेषताएं (Characteristics Of Algorithm In Hindi)

इसकी विशेषताएं इस प्रकार हैं –

स्पष्ट – एल्गोरिथम स्पष्ट होना चाहिए, उसका हर स्टेप स्पष्ट होना चाहिए। प्रत्येक चरण का केवल एक ही अर्थ होना चाहिए। इसका मतलब है कि इसे हमें आसानी से समझ सके।

इनपुट – एल्गोरिथ्म के पास एक इनपुट होना चाहिए और यह इनपुट अच्छी तरह से परिभाषित होना चाहिए।

आउटपुट – एल्गोरिथम द्वारा कम से कम एक आउटपुट दिया जाना चाहिए।

परिमित – एल्गोरिथ्म परिमित होना चाहिए, यह अनंत (अपरिमित) नहीं होना चाहिए।

संभव – एल्गोरिथम फैसिबल होना चाहिए। अगर हम ऐसा एल्गोरिथम बना लें जो संभव नहीं है तो उसका कोई फायदा नहीं है।

स्वतंत्र – एल्गोरिथम स्वतंत्र होना चाहिए, यह किसी भी भाषा पर निर्भर नहीं होना चाहिए। यानी एल्गोरिथम का इस्तेमाल सभी भाषाओं में किया जा सकता हो ।

एल्गोरिथम के लाभ (Advantages Of Algorithm In Hindi)

  • एल्गोरिथम को समझना आसान होता है।
  • यह किसी समस्या को हल करने में मदद करता है।
  • एल्गोरिथम को वास्तविक प्रोग्राम में बदलना आसान है।
  • यह किसी समस्या को चरणबद्ध तरीके से हल करता है।
  • यह किसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज पर निर्भर नहीं होता है।
  • इसमें डिबगिंग करना आसान है।
  • एल्गोरिथम की मदद से हम बड़ी समस्याओं को छोटी समस्याओं में विभाजित कर सकते हैं।
  • यह प्रोग्राम के ब्लूप्रिंट की तरह काम करता है, इसलिए प्रोग्राम को लिखना बहुत आसान हो जाता है।

एल्गोरिथम नुकसान (Disadvantages Of Algorithm In Hindi)

  • एल्गोरिथम लिखने में काफी समय लगता है।
  • बड़े एल्गोरिदम बहुत जटिल होते हैं।
  • लूप स्टेटमेंट दिखाना मुश्किल है जैसे – व्हील लूप, फॉर लूप आदि।

एल्गोरिथम का उपयोग कहाँ होता है?

एल्गोरिथम किसी भी समस्या को आसानी से हल करने का सबसे महत्वपूर्ण समाधान है। इसका उपयोग हर छोटी और बड़ी समस्या को हल करने के लिए किया जाता है, दूसरी भाषा में हम इसे स्टेप बाय स्टेप प्रक्रिया कह सकते हैं।

गणित विज्ञान, कंप्यूटर प्रोग्राम, कृत्रिम बुद्धि, चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में एल्गोरिदम का अधिक उपयोग किया जाता है।

कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में प्रोग्राम को कोड करने के लिए एल्गोरिथम का उपयोग किया जाता है। अगर आप एक प्रोग्रामर हैं और आपको प्रोग्राम लिखना है तो अगर आप बिना किसी एल्गोरिथम के कोडिंग में बैठते हैं, तो आपको बहुत सारी एरर का सामना करना पड़ सकता है और अगर आप पहले से ही एल्गोरिथम बनाकर इसका समाधान निकल लेंगे तो आपका समय और त्रुटि दोनों से बच जाएंगे।

इसका इस्तेमाल किसी भी सॉफ्टवेयर में आने वाली समस्या को सुलझाने के लिए करते हैं। इससे उनका काम आसान हो जाता है और उन्हें ज्यादा समय भी नहीं देना पड़ता है।

आज हम जिस भी सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं जैसे – फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर आदि, वे सभी एल्गोरिथम द्वारा ही काम करते हैं।

आप सर्च इंजन जैसे – गूगल, बिंग आदि में जो कुछ भी सर्च करते हैं। वह सब आपके द्वारा सर्च की गई समस्या या विषय का सबसे अच्छा परिणाम देने के लिए केवल एल्गोरिथम का ही इस्तेमाल करते है।

एल्गोरिदम का उपयोग क्यों करते हैं?

जैसा कि आप हमें पहले ही बता चुके हैं कि एल्गोरिथम किसी भी समस्या को सुलझाने करने के लिए स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस है। असल जिंदगी में आपने देखा होगा कि जब कोई समस्या आती है तो हम परेशान हो जाते हैं। और कई बार हमें समझ नहीं आता कि उस काम को कैसे पूरा किया जाए और कहाँ से शुरू करें। लेकिन अगर हम इसके लिए स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस बना ले तो वह काम बहुत आसान हो जाता है। एल्गोरिथम के माध्यम से हम समस्या का समाधान स्टेप बाय स्टेप तरीके से दर्शाते हैं, फिर उन सभी को फॉलो करते हैं और समस्या का समाधान कर लेते हैं।

एल्गोरिथम का उद्देश्य किसी कार्य को निष्पादित करके आउटपुट प्राप्त करना है। इसमें समस्या के अनुसार कई निश्चित चरण होते हैं। जब तक सभी चरण 1 अनुक्रम में पुरे नहीं हो जाते, तब तक हमें आउटपुट नहीं मिलता है। इस प्रक्रिया के बीच में कुछ कंडिशन भी आ सकती हैं। उस स्टेप के अनुसार परिवर्तन भी हो सकता है। लेकिन ये सभी स्टेप पहले तैयार किए जाते हैं।

एल्गोरिदम शब्दावली 

  • सर्च – इस एल्गोरिथम का उपयोग किसी आइटम्स को खोजने के लिए किया जाता है।
  • सॉर्ट – इस एल्गोरिथ्म का उपयोग आइटम्स को एक विशिष्ट क्रम में क्रमबद्ध करने के लिए किया जाता है।
  • डिलीट – इस एल्गोरिथम का उपयोग आइटम्स को हटाने के लिए किया जाता है।
  • इन्सर्ट – इस एल्गोरिथम का उपयोग आइटम्स को सम्मिलित करने के लिए किया जाता है।
  • अपडेट – इस एल्गोरिथम का उपयोग पहले से मौजूद आइटम्स को अपडेट करने के लिए किया जाता है।

एल्गोरिथम की जटिलता (Complexity Of Algorithm In Hindi)

एल्गोरिथम की जटिलता को दो तरह से मापा जाता है –

1- Time Complexity
2- Space Complexity

टाइम कम्प्लेक्सिटी (Time Complexity)

एक एल्गोरिथम को निष्पादित होने में लगने वाले कुल समय को टाइम कोम्प्लेक्सिटी कहा जाता है। एल्गोरिथ्म की टाइम कोम्प्लेक्सिटी को बिग ओ नोटेशन का उपयोग करके प्रस्तुत किया जाता है।

स्पेस कम्प्लेक्सिटी (Space Complexity)

किसी समस्या को हल करने के लिए एल्गोरिथम द्वारा ली गई मेमोरी स्पेस की मात्रा को स्पेस कॉम्प्लेक्सिटी कहा जाता है। स्पेस कॉम्प्लेक्सिटी को बिग ओ (ओ (एन)) संकेतन द्वारा प्रस्तुत किया जाता है।

एल्गोरिथम के कारक (Factors Of Algorithm In Hindi)

किसी भी एल्गोरिथम को लिखने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

प्रतिरूपकता (Modularity) – दी गई समस्या को छोटे-छोटे चरणों में विभाजित करना मॉडुलरिटी कहलाता है।

शुद्धता (Correctness) – यदि दिए गए इनपुट से वांछित आउटपुट प्राप्त होता है, तो यह दर्शाता है कि एल्गोरिथम सही है।

रख-रखाव (Maintainability) – इसमें रखरखाव का मतलब है कि हमें एल्गोरिथम को बहुत ही सरल तरीके से लिखना चाहिए, ताकि बाद में हमें इसमें ज्यादा बदलाव न करने पड़े।

कार्यक्षमता (Functionality) – इसमें कई चरण शामिल हैं जो वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करते हैं।

मजबूती (Robustness) – यह एल्गोरिथम की क्षमता है जिसके द्वारा समस्या को सही ढंग से परिभाषित किया जाता है।

उपयोगकर्ता के अनुकूल (User Friendly) – एल्गोरिथ्म उपयोगकर्ता के अनुकूल होना चाहिए।

सरलता (Simplicity) – यदि एल्गोरिथम सरल है तो इसे समझना आसान होता है।

एक्स्टेंसिबिलिटी (Extensibility) – एल्गोरिदम एक्स्टेंसिबल होना चाहिए ताकि अन्य डिजाइनर और प्रोग्रामर भी इसका इस्तेमाल कर सकें।

एल्गोरिदम के एप्रोच (Approaches Of Algorithm In Hindi)

एल्गोरिथम को लिखने के कई अप्प्रोचेस हैं जो इस प्रकार हैं: –

डिवाइड एंड कॉन्कर (Divide And Conquer)

इस एप्रोच में, एक समस्या को छोटी उप-समस्याओं में विभाजित किया जाता है। फिर उसके बाद इन उप-समस्याओं को एक-एक करके हल किया जाता है।

ग्रीडी एप्रोच (Greedy Approach)

सभी एल्गोरिथम एप्रोच में से सबसे सरल और सबसे सीधा तरीका ग्रीडी एल्गोरिथम है। इस एप्रोच में, भविष्य की चिंता किए बिना वर्तमान में उपलब्ध जानकारी के आधार पर निर्णय लिए जाते हैं।

डायनेमिक प्रोग्रामिंग (Dynamic Programming)

डायनेमिक प्रोग्रामिंग एक बॉटम अप अप्रोच है, जिसमें हम सभी संभावित छोटी समस्याओं को हल करते हैं और फिर बड़ी समस्याओं का समाधान पाने के लिए उन्हें मिलाते हैं।

एल्गोरिथम और फ़्लोचार्ट के बीच अंतर (Algorithm Vs Flowchart)

  • एल्गोरिथम किसी समस्या को हल करने की एक प्रक्रिया है। फ़्लोचार्ट एक आरेख है जो डेटा के प्रवाह को दर्शाता है।
  • एल्गोरिदम को समझना मुश्किल है। फ़्लोचार्ट को समझना आसान है।
  • एल्गोरिदम में टेक्स्ट का प्रयोग किया गया है। फ़्लोचार्ट में प्रतीकों का प्रयोग किया जाता है।
  • एल्गोरिदम में डीबग करना आसान है। फ़्लोचार्ट में डिबग करना मुश्किल है।
  • एल्गोरिदम बनाना मुश्किल है। फ़्लोचार्ट बनाना आसान है।

FAQs

एल्गोरिथम क्या होती है?
एल्गोरिथम निर्देशों का एक समूह है जिसके द्वारा किसी विशेष समस्या का समाधान किया जाता है। दूसरे शब्दों में, “एल्गोरिदम एक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से प्रोग्रामिंग में आने वाली समस्या का समाधान किया जाता है।

एल्गोरिथम के प्रकार क्या हैं?
एल्गोरिथम के प्रकार है – डिवाइड एंड कॉन्कर एल्गोरिथम, ब्रूट फाॅर्स एल्गोरिथम, राँडोमिज़ेड एल्गोरिथम, ग्रीडी एल्गोरिथम, रिकर्सिव एल्गोरिथम, बैकट्रैकिंग एल्गोरिथम, डायनामिक प्रोग्रामिंग एल्गोरिथम।

एल्गोरिथम का उपयोग कहाँ होता है?
गणित विज्ञान, कंप्यूटर प्रोग्राम, कृत्रिम बुद्धि, चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में एल्गोरिदम का अधिक उपयोग किया जाता है।

एल्गोरिथम और फ्लोचार्ट में क्या अंतर है?
एल्गोरिथम किसी समस्या को हल करने की एक प्रक्रिया है। फ़्लोचार्ट एक आरेख है जो डेटा के प्रवाह को दर्शाता है।

यह भी पढ़ें –

निष्कर्ष

उम्मीद है की आपको यह जानकारी पसंद आयी होगी। अगर आपको यह लेख (What Is Algorithm Meaning In Hindi) मददगार लगा है तो आप इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। और अगर आपका इस लेख  से सम्बंधित कोई सवाल है तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।

लेख के अंत तक बने रहने के लिए आपका धन्यवाद

- Advertisement -

1 COMMENT

  1. बहुत कम शब्दों में सारभूत प्रस्तुतीकरण के लिए धन्यवाद। जीवन अपने आप में एक समस्या है। इसको बनाये रखने के लिये हर जीव अपने अपने तरीके अपनाता है, सफलता असफलता ही उसकी रेटिंग तय करती है। प्रकृति ने यदा कदा नहीं सर्वदा ही एल्गोरिदम की प्रक्रियात्मक बुद्धिकौश्लय हर जीव को दिया है।
    आपने सरल भाषा और सरसता से इस विहंगम विषय को समझाकर एक पुण्य कार्य किया है, आशा है पाठक इसका लाभ संवरण करेंगे ही।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay in Touch

spot_img

Related Articles

You cannot copy content of this page