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हिंदी में स्वर कितने होते है, स्वर कितने प्रकार के होते है (Swar Kitne Prakar Ke Hote Hain)

Hindi Me Swar Kitne Hote Hain – हिंदी सीखने के लिए स्वर और व्यंजन का ज्ञान होना जरुरी है। आज के इस लेख में हम आपको हिंदी में स्वर कितने होते है, स्वर कितने प्रकार के होते है आदि के बारे में जानकारी देने वाले है। अगर आप निम्नलिखित जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो आज के इस लेख हिंदी में स्वर कितने होते है को अंत तक पूरा अवश्य पढ़े। तो आइये जानते है –

स्वर की परिभाषा (Definition Of Vowel In Hindi)

जिन वर्णों के उच्चारण के लिए किसी अन्य वर्ण की सहायता की आवश्यकता नहीं होती, उन्हें स्वर कहते हैं। दुसरो शब्दों में – जो वर्ण स्वतंत्र रूप से बोले जा सकते हैं उन्हें स्वर कहा जा सकता है।

हिंदी में स्वर कितने होते है (How Many Swar In Hindi)

स्वतंत्र रूप से बोले जाने वाले वर्ण स्वर कहलाते हैं। हिन्दी भाषा में मूलतः ग्यारह (11) स्वर होते हैं। ये ग्यारह स्वर है – अ, आ, ई, ई, उ, ऊ, छ, ए, आ, ओ, औ। हिंदी भाषा में ऋ को आधा स्वर (अर्धस्वर) माना जाता है, इसलिए इसे स्वर में शामिल किया गया है।

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भारत सरकार द्वारा स्वीकृत मानक हिन्दी वर्णमाला में स्वरों की संख्या ग्यारह है। बता दे की अं और अः की गिनती न तो स्वर में होती है और न ही व्यंजन में ।

हिंदी में स्वर कितने प्रकार के होते है (Hindi Mein Swar Kitne Prakar Ke Hote Hain)

हिंदी में स्वर तीन प्रकार के होते है – ह्रस्व स्वर (एकमात्रिक), दीर्घ स्वर (द्विमात्रिक) और प्लुत स्वर (त्रिमात्रिक)।

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1) ह्रस्व स्वर (एकमात्रिक)

जिन स्वरों को बोलने में अन्य स्वरों की तुलना में कम समय लगता है, उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं। ह्रस्व स्वरों की संख्या 4 है – अ, इ, उ, ऋ । इन्हें मूल स्वर भी कहा जाता है। इनका उच्चारण करने में एक निश्चित समय लगता है। यह एकमात्रिक स्वर है।

2) दीर्घ स्वर (द्विमात्रिक)

जीन स्वरों को बोलने में ह्रस्व स्वरों की तुलना में अधिक समय लगता है, उन्हें दीर्घ स्वर कहा जाता है। दीर्घ स्वरों की संख्या 7 है- आ, ई, ऊ, ए,ऐ,ओ,औ। इनके उच्चारण में एक मात्रा से दोगुना समय लगता है, इसलिए इन्हें द्विस्वर भी कहा जाता है।

3) प्लुत स्वर (त्रिमात्रिक)

जिन स्वरों के उच्चारण में दीर्घ स्वरों की तुलना में अधिक समय लगता है, उन्हें प्लुत स्वर कहते हैं। इनके उच्चारण में एक मात्रा का तीन गुना समय लगता है, इसलिए इसे त्रिमात्रिक स्वर भी कहा जाता है।

FAQs

स्वर की परिभाषा क्या है?
जिन वर्णों के उच्चारण के लिए किसी अन्य वर्ण की सहायता की आवश्यकता नहीं होती, उन्हें स्वर कहते हैं। दुसरो शब्दों में – जो वर्ण स्वतंत्र रूप से बोले जा सकते हैं उन्हें स्वर कहा जा सकता है।

11 हिंदी स्वर कौन से हैं?
11 हिंदी स्वर है – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ।

स्वर व्यंजन कितने होते हैं?
11 स्वर होते हैं।

11 हिंदी स्वर के नाम क्या है?
11 हिंदी स्वर के नाम अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ है।

हिंदी में स्वर के कितने प्रकार है?
हिंदी में स्वर के तीन प्रकार है – ह्रस्व स्वर (एकमात्रिक), दीर्घ स्वर (द्विमात्रिक) और प्लुत स्वर (त्रिमात्रिक)।

स्वर की संख्या कितनी है?
स्वर की संख्या 11 (अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ )है।

अर्धस्वर किसे माना जाता है?
हिंदी भाषा में ऋ को आधा स्वर (अर्धस्वर) माना जाता है, इसलिए इसे स्वर में शामिल किया गया है।

निष्कर्ष (Conclusion)

आज के इस लेख में हमने आपको हिंदी में स्वर कितने होते है, स्वर कितने प्रकार के होते है (Hindi Me Swar Kitne Hote Hain) आदि के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख स्वर कितने प्रकार के होते है (Swar Kitne Prakar Ke Hote Hain) अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।

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