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कलश के नारियल का क्या करना चाहिए, कलश पर नारियल कैसे रखना चाहिए

कलश के नारियल का क्या करना चाहिए – धार्मिक और शुभ कार्यों, जैसे की पूजा-पाठ, अनुष्ठान, गृह प्रवेश में नारियल का विशेष महत्व है। इन शुभ अवसरों पर कलश स्थापना की जाती है और कलश के ऊपर नारियल जरूर रखा जाता है। खासकर नवरात्रि के मौके पर कलश स्थापना का महत्व और भी बढ़ जाता है। नवरात्रि के दौरान सभी घरों में कलश स्थापना की जाती है। हिंदू धर्म में कलश स्थापना को बहुत शुभ माना जाता है। किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य की शुरुआत में कलश की स्थापना की जाती है।

लेकिन क्या आप जानते है पूजा के बाद कलश के नारियल का क्या करना चाहिए? अगर नहीं तो आज के इस लेख को अंत तक अवश्य पडे। आज के इस लेख में हम आपको बताने जा रहे है की कलश के नारियल का क्या करना चाहिए, कलश पर नारियल कैसे रखना चाहिए –

कलश के नारियल का क्या करना चाहिए (कलश पर रखे नारियल का क्या करना चाहिए)

सनातन हिन्दू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। इस दौरान कलश भी स्थापित करते है। नवरात्रि हो या फिर कोई अन्य त्योहार पूजा करते वक्त कलश स्थापित किया जाता है। बिना नारियल-कलश के पूजा करने का फल प्राप्त नहीं होता है।

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पूजा-पाठ समाप्ति के बाद कलश नारियल को कलश से उतार लेना चाहिए और लाल कपड़े में लपेटकर पूजा स्थल के पास रख देना चाहिए।

पूजा करने के बाद कलश नारियल को उतारकर बहते जल में प्रवाहित कर दे। ऐसा करने से माता गंगा प्रसन्न रहती है, साथ ही उनका आशीर्वाद भी मिलता है।

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कलश के नारियल को पूजा खत्म होने के बाद प्रसाद के रूप में भी वितरण किया जाता है। वहीं, कलश वाले नारियल को प्रसाद में शामिल किया जा सकता है।

कलश के नारियल के अलावा कई बार पूजा के बाद भी सामग्री बचीजाती है। इन सामग्रियों को बहते जल में प्रवाहित कर दे, ऐसा करने से पूजा का पूर्ण फल मिलता है।

अगर आप व्यापार में बढ़ोत्तरी की कामना रखते हैं तो पूजा में उपयोग किये गए नारियल का लाल कपड़े में लपेटकर ऑफिस या दुकान में रख दें। ऐसा करने से धन प्राप्ति के योग बनने लगते हैं।

कलश के नारियल के जल का पूरे घर में छिड़काव देना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होने लगती है, साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

नवरात्रि कलश के नारियल का क्या करें (Nvratri Kalash Nariyal Ka Kya Kare)

नवरात्रि कलश पर रखें नारियल को आप नदी में प्रवाहित कर सकते हैं।

कन्या पूजन के दौरान नवरात्रि कलश नारियल को कन्याओं में बांट सकते हैं, साथ ही परिवार के सदस्यों को नारियल का प्रसाद भी दे सकते हैं।

इसके अलावा नवदुर्गा की पूजा के बाद नारियल को लाल कपड़े में बांधकर पूजा स्थान पर रख सकते हैं। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और वर्ष भर अपनी कृपा बनाए रखती हैं।

कलश को नवरात्रि के बाद हटाते समय उसके नीचे रखे चावल व पूजा सामग्री को नदी में प्रवाहित किया जा सकता है। इससे कोई दोष नहीं लगता, साथ ही पूजा का पूरा फल मिलता है।

नवरात्रि के बाद कलश में रखे जल का पूरे घर में आम के पत्तों से छिड़काव और बचा हुआ जल तुलसी या या फिर शमी की जड़ में डाल दें। घर के हर कोने में जल छिड़कें, लेकिन बाथरूम और टॉयलेट में न छिड़कें।

कलश स्थापना के दौरान कलश में डाले गए सिक्के और सुपारी को अपनी तिजोरी और पर्स में रखें। मान्यता है कि ऐसा करने से पैसों की तंगी दूर हो जाती है और घर में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है।

कलश उतारने से पहले माता दुर्गा की विधि-विधान पूर्वक पूजा करें, इसके बाद पूजा के दौरान जाने-अनजाने में हुई गलती के लिए माफी मांगें, फिर कलश के जल को घर में छिड़कना शुरू करें।

नवरात्रि के बाद कलश हटाते समय कलश पर बंधा कलावा खोलकर अपने हाथों में बांध लें। ऐसा करने से देवी भगवती प्रसन्न होती हैं और भक्तों पर सदैव दयालु रहती हैं।

कलश विसर्जन से पहले कन्या पूजन अवश्य करें। कन्या पूजन के बिना नवरात्रि व्रत अधूरा माना जाता है। इसलिए कन्या पूजन के बाद ही कलश को उठाना चाहिए।

नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर घर के मुख्य द्वार पर बांध सकते हैं, फिर अगले नवरात्रि के बाद पहले से बंधे हुए नारियल को नदी में प्रवाहित कर दें और उसके स्थान पर उसी प्रक्रिया के साथ कलश से निकाले गए नारियल को बांध दें।

अगर आप व्यापारी हैं तो उस नारियल को अपने व्यापार स्थल पर भी रख सकते हैं। इससे व्यापार में समृद्धि बनी रहती है।

नवरात्रि के दौरान पारण पर कलश निकालने के बाद नारियल का प्रसाद परिवार के सदस्यों में भी बांटा जा सकता है या कलश से नारियल को नदी में प्रवाहित किया जा सकता है। कन्या पूजन में नारियल का प्रसाद भी बांटा जा सकता है।

कलश पर नारियल कैसे रखना चाहिए (कलश पर नारियल कैसे रखा जाता है)

कलश स्थापना में नारियल रखते समय इस बात का ध्यान रखें कि नारियल का मुख पूजा करने वाले व्यक्ति की ओर होना चाहिए। जिस तरफ नारियल पेड़ की टहनी से जुड़ा होता है उसका मुख व्यक्ति की ओर होना चाहिए। नारियल का मुख कभी भी नीचे की ओर नहीं होना चाहिए। विधि-विधान और सही नियम के अनुसार कलश पर नारियल रखकर कलश स्थापित करने से ही पूजा सफल होती है।

कलश स्थापित करते समय नारियल पर कलावा अवश्य बांधें। इसके अलावा कलश में आम या अशोक के पत्ते रखना न भूलें। कलश स्थापित करने से पहले उसमें कुछ चीजें डालना बहुत जरूरी है। इसमें जल, सिक्का, फूल, गंगाजल, आम के पत्ते आदि डालें और फिर नारियल को ऊपर रख दें, लेकिन भूलकर भी नारियल का मुख नीचे की ओर नहीं रखना चाहिए।

निष्कर्ष (Conclusion)

आज के इस लेख में हमने आपको कलश के नारियल का क्या करना चाहिए, कलश पर नारियल कैसे रखना चाहिए के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख कलश के नारियल का क्या करना चाहिए (Kalash Ke Nariyal Ka Kya Karna Chahiye) अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।

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