https://www.fapjunk.com https://fapmeister.com

क्या पितरों को भोजन पहुंचता है, पितृ पक्ष में क्या नहीं खाना चाहिए

क्या पितरों को भोजन पहुंचता है – हिंदू धर्म में पितृ पक्ष को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध कर्म, पिंड दान और तर्पण आदि करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं। श्राद्ध कर्म के दौरान पितरों को भोग लगाया जाता है, यह भोजन पितरों तक पहुँचता है।

लेकिन क्या आप जानते है पितरों एक या भोजन कैसे पहुंचता है? अगर नहीं तो आज के इस लेख में आपको इसके बारे में जानकारी देने वाले है। तो आइये जानते है –

क्या पितरों को भोजन पहुंचता है (Kya Pitro Ko Bhojan Pahuchata Hai)

हाँ, पितरों को भोजन पहुंचता है। धार्मिक शास्त्रों में बताया गया है कि पितृ पक्ष के समय पितर धरती पर आते हैं और अर्पित की गई चीजों को स्वीकार भी करते हैं। इसके बाद पितर परिवार को अपना आशीर्वाद देते हैं और पितृ लोक में लौट जाते हैं। इससे श्राद्ध कर्म पूर्ण माना जाता है।

- Advertisement -

स्कंद पुराण के अनुसार देवता और पितर गंध और रस तत्व से भोजन ग्रहण करते हैं। पितृ पक्ष के दौरान परिवार के सदस्यों द्वारा बनाया गया श्राद्ध भोजन अग्नि को समर्पित करना चाहिए। इस अन्न के सार तत्व से पितर भोजन ग्रहण करते हैं और शेष सामग्री अग्निकुंड में रह जाती है।

वहीं, शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि श्राद्ध में निकाले गए भोजन को पूर्वज सीधे ग्रहण नहीं करते है। यह भोजन उन्हें पितृ देवताओं के माध्यम से प्राप्त होता है।

- Advertisement -

दरअसल, शास्त्रों में विश्वेदेव और अग्निश्रवा नाम के दो दिव्य पूर्वजों का उल्लेख मिलता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, भोजन को ये दोनों पितृ देव ही नाम गोत्र की मदद से परिवार के पितरों तक भेजते हैं।

यदि पितृ देव योनि में हों तो उनके लिए निकाला गया भोजन अमृत के रूप में उन तक पहुंचता है और उन्हें तृप्त करता है।

वहीं, जब पितर मनुष्य योनि में होते हो तो उनके लिए बनाया गया भोजन अन्न के रूप में प्राप्त होता है और उन्हें तृप्ति मिलती है।

निकाला गया भोजन पशु योनि में घास के रूप में, सर्प योनि में वायु के रूप में और यक्ष योनि में पान के रूप में पितरों तक पहुंचता है।

पितरों को भोजन अर्पित करने के लिए गाय के उपले पर गुड़ और घी डालकर सुगंध पैदा की जाती है। जिस व्यक्ति का श्राद्ध करना होता है उसके निमित्त मंत्रोच्चारण के साथ भोजन कराया जाता है। दिव्य पितर हवन किए गए पदार्थ को हमारे पितरों तक पहुंचाते हैं।

पंचबलि भोग से भी पितर प्रसन्न होते हैं। गाय, कुत्ते, कौवे, देवता और चींटियों के लिए एक पत्तल में पंचबलि अर्पित करना चाहिए। मान्यता है कि इन भोग को ग्रहण करने से पितरों को भोजन मिल जाता है।

पितृ पक्ष में क्या नहीं खाना चाहिए (Pitra Paksha Me Kya Nahi Khana Chahiye)

आमतौर पर किसी भी पूजा या व्रत या त्योहार के दिन मांस-मदिरा का सेवन वर्जित होता है। क्योंकि मांस और शराब का सेवन करने से भगवान नाराज हो जाते हैं। वहीं, पितृ पक्ष के दौरान मांस और शराब के सेवन से दूर रहना चाहिए। इसके साथ ही इन चीजों को भी नहीं खाना चाहिए।

सब्जियों में कई ऐसी सब्जियां हैं. जो जमीन के नीचे उगती हैं, इन्हें कंद कहा जाता है। जैसे आलू, शकरकंद, मूली, गाजर, शलजम, चुकंदर, अरबी। पितृ पक्ष के दौरान इन सभी प्रकार की सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही श्राद्ध भोज के दौरान इन सब्जियों को न तो चढ़ाना चाहिए और न ही किसी ब्राह्मण को खिलाना चाहिए। ऐसा करने से पितर नाराज हो जाते हैं।

लहसुन और प्याज को तामसिक माना जाता है। पितृ पक्ष के समय पूरी सादगी से रहना चाहिए और खान-पान भी सादा होना चाहिए। इन दिनों लहसुन और प्याज का बिल्कुल त्याग कर देना चाहिए।

पितृ पक्ष के दौरान पितरों को चने से बनी चीजें, चने की दाल, चने का सत्तू, चने की मिठाई नहीं खिलानी चाहिए। इसलिए श्राद्ध के महीने में चने का सेवन नहीं करना चाहिए।

पितृ पक्ष के दौरान चने के साथ-साथ मसूर की दाल भी नहीं खानी चाहिए। इन्हें अशुभ माना जाता है. पितृ पक्ष के दौरान मसूर दाल और चने के अलावा कुछ भी कच्चा नहीं खाना चाहिए। इस समय पका हुआ भोजन ही करना चाहिए।

निष्कर्ष (Conclusion)

आज के इस लेख में हमने आपको क्या पितरों को भोजन पहुंचता है, पितृ पक्ष में क्या नहीं खाना चाहिए के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा, अगर आपको यह लेख क्या पितरों को भोजन पहुंचता है, पितृ पक्ष में क्या नहीं खाना चाहिए अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay in Touch

spot_img

Related Articles

You cannot copy content of this page