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महिला नसबंदी के बाद सावधानी – महिला नसबंदी के बाद क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए

महिला नसबंदी के बाद क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए – बच्चे हर किसी को पसंद होते हैं, लेकिन बच्चों के साथ ढेर सारी जिम्मेदारियां और खर्चे भी आते हैं। माता-पिता पर बहुत सारी ज़िम्मेदारियाँ आ जाती हैं जैसे बच्चों को सही शिक्षा देना, सही जीवनशैली देना और फिर विवाह की व्यवस्था करना आदि। इसलिए जितने कम बच्चे होंगे, उनकी परवरिश उतनी ही बेहतर हो सकेगी।

लोग अब परिवार नियोजन के बारे में पहले से ज्यादा सोचने लगे हैं। अब ज्यादातर लोगों के 1 या 2 ही बच्चे हैं और सरकार का नारा भी ‘हम दो हमारे दो’ है। वैसे तो परिवार नियोजन के कई तरीके हैं लेकिन सबसे लोकप्रिय और स्थायी तरीका नसबंदी है।

महिलाओं में नसबंदी का तरीका बेहद आसान और सुरक्षित है। कोई भी महिला तब गर्भवती होती है जब उसके अंडाशय में बनने वाला अंडा गर्भाशय तक पहुंचता है और फिर पुरुष के शुक्राणु के संपर्क में आता है। अंडाणु अंडाशय से फैलोपियन ट्यूब के माध्यम से गर्भाशय तक जाता है। नसबंदी के दौरान संबंधित फैलोपियन ट्यूब को काट दिया जाता है या बंद कर दिया जाता है। ऐसा करने से महिला के अंडाशय में अंडा तो बनता है, लेकिन वह गर्भाशय तक नहीं पहुंच पाता है।

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लेकिन क्या आप जानती है नसबंदी के बाद महिलाओं को क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए। अगर नहीं तो आइये जानते है –

महिला नसबंदी के बाद क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए – महिला नसबंदी के बाद सावधानी

नसबंदी प्रक्रिया और उसके बाद के दुष्प्रभावों के बारे में अपने डॉक्टर से पहले ही पूछ लें।

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यदि सर्जरी के जरिए नसबंदी की गई है तो संक्रमण का खतरा कुछ दिनों तक बना रहता है, इसलिए इस दौरान साफ-सफाई का ध्यान रखें।

किसी भी प्रकार की नसबंदी के बाद कुछ दिनों तक आराम करना चाहिए और भारी सामान आदि नहीं उठाना चाहिए।

नसबंदी के बाद महिला को कम से कम 15-20 दिनों तक संभोग नहीं करना चाहिए।

नहाते समय घाव को ढककर रखें और गीला होने से बचाएं। घाव पूरी तरह ठीक हो जाने के बाद आप काम पर जा सकती हैं।

घाव ठीक होने के बाद जब महिला शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ महसूस करे तो वह शारीरिक संबंध बना सकती है। कुछ महिलाओं के लिए यह समय एक सप्ताह तक भी रहता है। बेहतर होगा कि आप सेक्स करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ले लें।

यदि किसी महिला को पेट में तेज दर्द होता है, पहले दिन के बाद भी योनि से रक्तस्राव जारी रहता है, 100 डिग्री से अधिक बुखार होता है, सांस लेने में दिक्कत, चक्कर आना, उल्टी या मतली जैसी समस्याएं होती हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

कोई भी समस्या होने की स्तिथि में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। समय-समय पर अपने डॉक्टर से सलाह लेते रहें।

महिला नसबंदी के नुकसान इन हिंदी (Mahila Nasbandhi Ke Nuksna In Hindi)

हर चीज के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं। इसी तरह महिला नसबंदी के भी कुछ नुकसान हो सकते हैं। चूंकि यह गर्भधारण रोकने की एक स्थायी प्रक्रिया है, इसलिए इस ऑपरेशन के बाद महिलाएं मां नहीं बन सकती हैं। कहीं नसबंदी के बाद पछताना न पड़े।

यदि कोई महिला नसबंदी के बाद भी गर्भवती हो जाती है, तो एक्टोपिक गर्भावस्था का खतरा बहुत अधिक होता है।

नसबंदी एक स्थायी प्रक्रिया है और इसे बदलना कठिन है। कुछ महिलाओं को भविष्य में ऑपरेशन कराने पर पछतावा हो सकता है, खासकर अगर उनकी परिस्थितियाँ बदल जाएँ।

महिला नसबंदी के लाभ इन हिंदी (Mahila Nasbandhi Ke Labha In Hindi)

महिला नसबंदी उन महिलाओं के लिए एक प्रभावी और अच्छा विकल्प है जो गर्भ नियंत्रण का स्थायी तरीका चाहती हैं। यह अधिकांश महिलाओं के लिए सुरक्षित है और इसकी विफलता दर बहुत कम है।

नसबंदी के अन्य गर्भनिरोधक तरीकों जैसे गर्भनिरोधक गोलियाँ, गर्भनिरोधक इंजेक्शन आदि के समान दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। उदाहरण के लिए, यह प्रक्रिया आपके हार्मोन, मासिक धर्म और कामेच्छा को प्रभावित नहीं करती है।

महिला नसबंदी कैसे होती है (Mahila Nasbandhi Kaise Hoti Hai In Hindi)

यह गर्भधारण रोकने की एक स्थायी प्रक्रिया है। इसमें फैलोपियन ट्यूब को ब्लॉक कर दिया जाता है ताकि महिला गर्भधारण न कर सके। 40 से 44 वर्ष की महिलाएं नसबंदी कराती हैं। इसमें नसबंदी दो तरह से की जाती है – सर्जिकल और नॉन-सर्जिकल।

नसबंदी से पहले डॉक्टर पेट और पेल्विक एरिया की जांच करते हैं कि महिला को पीसीओडी जैसी कोई समस्या तो नहीं है। इसका इलाज होने तक सर्जरी को टाला जा सकता है।

ट्यूबेक्टॉमी में, नाभि के चारों ओर एक छोटा सा कट लगाया जाता है और फिर एक पतली छड़ी पर लगा कैमरा कट के माध्यम से अंदर डाला जाता है। इस उपकरण को लैप्रोस्कोप कहते है।

इस स्टिक पर लगा कैमरा डॉक्टर को फैलोपियन ट्यूब देखने में मदद करता है। डॉक्टर फैलोपियन ट्यूब को आधा काटकर दोनों सिरों से एक साथ बांध सकते हैं। फैलोपियन ट्यूबों को एक क्लिप का उपयोग करके एक साथ बांधकर ब्‍लॉक किया जा सकता है। कुछ स्थितियों में, डॉक्टर पूरी फैलोपियन ट्यूब को हटा या निकाल सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

आज के इस लेख में हमने आपको महिला नसबंदी के बाद सावधानी – Mahila Nasbandhi Ke Baad Savdhani के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा, अगर आपको यह लेख महिला नसबंदी के बाद क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।

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