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माउस का फुल फॉर्म क्या है? | What Is Mouse Full Form In Hindi?

Mouse Ka Full Form Kya Hai | Mouse Full Form In Hindi: माउस का कोई ऑफिसियल फुल फॉर्म नहीं है क्योंकि माउस एक संक्षिप्त नाम नहीं है। इसके बजाय माउस एक हार्डवेयर डिवाइस है जिसका उपयोग कंप्यूटर सिस्टम में किया जाता है। हालाँकि, हार्डवेयर डिवाइस के रूप में उपयोग किए जाने वाले माउस शब्द के लिए कुछ पूर्ण रूप हैं।

Mouse Ka Full Form Kya Hai

  • माउस क्या है?
  • माउस की परिभाषा
  • माउस का फुल फॉर्म क्या है?
  • माउस का अविष्कार कब हुआ था?
  • ऐसे रखा गया था माउस का नाम
  • एक और दिलचस्प तथ्य
  • माउस के बारे में
  • माउस के प्रकार
  • कंप्यूटर माउस से जुड़ी कुछ रोचक बातें
  • माउस के कार्य
  • माउस के फायदे
  • माउस के नुकसान

माउस क्या है?

माउस एक इनपुट डिवाइस है, जिसका असली नाम पॉइंटिंग डिवाइस है। इसका उपयोग मुख्य रूप से कंप्यूटर स्क्रीन पर आइटम को चुनने, आगे बढ़ने और खोलने और बंद करने के लिए किया जाता है। उपयोगकर्ता माउस के माध्यम से कंप्यूटर को निर्देश देता है। इसके माध्यम से उपयोगकर्ता कंप्यूटर स्क्रीन पर कहीं भी पहुंच सकता है।

कंप्यूटर माउस का आविष्कार 1968 में द्वितीय विश्व युद्ध के सैनिक डगलस सी. एंगेलबर्ट ने किया था। एक साधारण कंप्यूटर माउस आमतौर पर एक असली माउस जैसा दिखता है। यह छोटा और आयताकार होता है, जो एक केबल द्वारा कंप्यूटर से जुड़ा होता है।

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एक साधारण माउस में आमतौर पर तीन बटन होते हैं। पहले और दूसरे बटन को क्रमशः प्राइमरी बटन (लेफ्ट बटन) और सेकेंडरी बटन (राइट बटन) के नाम से जाना जाता है। इन्हें आम भाषा में राइट क्लिक और लेफ्ट क्लिक कहा जाता है। और तीसरे बटन को स्क्रॉल व्हील या चक्री भी कहा जाता है। आधुनिक माउस में अब तीन से अधिक बटन आने लगे हैं, जिनका एक अलग कार्य है।

माउस की परिभाषा

माउस कंप्यूटर का एक ऐसा इनपुट डिवाइस है जिसका उपयोग उपयोगकर्ता कर्सर को इधर – उधर ले जाने के लिए करता है।

माउस का फुल फॉर्म क्या है? (Mouse Ka Full Form Kya Hai?)

माउस का फुल फॉर्म है – Manually operated user selection equipment (मैन्युअली ऑपरेटेड यूजर सिलेक्शन इक्विपमेंट)

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माउस शब्द एक संक्षिप्त रूप नहीं है क्योंकि यह इसके आकार से लिया गया एक नाम है। माउस का नाम चूहे से लिया गया है क्योंकि हार्डवेयर डिवाइस माउस का आकार चूहे के समान होता है।

माउस के अन्य फुल फॉर्म

  • Macintosh Originated User Sequential Enhancement (मैकिनटोश ओरिगिनटेड यूजर सेकेंटिअल एन्हांसमेंट)
  • Morse Operated User Symbolic Encoder (मोर्स ऑपरेटेड यूजर सिंबॉलिक एनकोडर)
  • Mechanically Operated User Serial Engine (मैकेनिकली ऑपरेटेड यूजर सीरियल इंजन)
  • Mechanically Operated User Signal Engine (मैकेनिकली ऑपरेटेड यूजर सिग्नल इंजन)

माउस का अविष्कार कब हुआ था?

सबसे पहले यह जान लेते हैं कि माउस का आविष्कार कब और किसने किया था। माउस का आविष्कार डगलस कार्ल एंगेलबर्ट ने 1960 के दशक में किया था। जब माउस का आविष्कार हुआ तो उस समय इसका नाम ‘पॉइंटर डिवाइस’ रखा गया था। सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि डगलस कार्ल एंगेलबर्ट ने लकड़ी से दुनिया का पहला माउस बनाया था। इसके अलावा इसमें 2 धातु के पहिये थे।

ऐसे रखा गया था माउस का नाम

जब माउस का अविष्कार हुआ तो उसके बाद उसका नामकरण करने की बात कही गई। लेकिन डिजाइनिंग के आधार पर देखा गया कि माउस एक छोटा सा उपकरण है, जिसे देखकर ऐसा लगता है कि कोई चूहा दुबक कर बैठा हो। साथ ही उसके पीछे से निकलने वाला तार चूहे की पूंछ जैसा था। इतना ही नहीं जैसे चूहा सारे काम जल्दी कर लेता है, ठीक उसी तरह माउस सारे काम करता था। यह सब देखने के बाद इस डिवाइस का नाम माउस रखा गया।

एक और दिलचस्प तथ्य

क्या आप माउस के बारे में एक और खास बात जानते हैं? अगर नहीं तो हम बता दें, इसे ‘माउस’ और ‘पॉइंटर डिवाइस’ के अलावा ‘टर्टल’ नाम भी दिया जा चूका है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस कंप्यूटर डिवाइस का शेल भी कछुए की तरह सख्त होता है और आकार भी मिलता-जुलता होता है, लेकिन कछुए की गति बहुत कम होती है, इसलिए इसका नाम माउस ही रखा गया

समय के साथ टेक्नोलॉजी में भी काफी बदलाव आया है। हर पुरानी चीज में कुछ न कुछ बदलाव आया है, जिससे हमारा काम पहले से ज्यादा आसान हो गया है। वायरलेस माउस बाजार में आ गया है, जो ब्लूटूथ के जरिए लैपटॉप या कंप्यूटर से कनेक्ट हो जाता है।

माउस के बारे में

माउस को कंप्यूटर माउस भी कहा जाता है। माउस एक हैंड हेल्ड पॉइंटिंग डिवाइस है। माउस एक सतह के सापेक्ष दो आयामी गति का पता लगाता है। इस गति को आमतौर पर स्क्रीन या मॉनिटर पर सूचक की गति में अनुवादित किया जाता है। यह कंप्यूटर के ग्राफिकल यूजर इंटरफेस के सुचारू नियंत्रण की अनुमति देता है।

1968 में कंप्यूटर सिस्टम को कण्ट्रोल करने वाले माउस की पहली सार्वजनिक लॉन्चिंग हुई। इन एमआईसीई ने मूल रूप से सतह पर गति को ट्रैक करने के लिए दो अलग-अलग पहियों का उपयोग किया था। इन दो पहियों में से एक एक्स-डायमेंशन में था और दूसरा व्हील वाई-डायमेंशन में था।

हालाँकि इस लॉन्च के बाद के वर्षों में माउस के लिए मानक डिज़ाइन को गति को नोटिस करने के लिए सतह पर एक रोलिंग बॉल का उपयोग करने के लिए स्थानांतरित कर दिया गया था।

इस माउस ने ऑप्टिकल सेंसर का इस्तेमाल किया था जिसमें कोई हिलने-डुलने वाले हिस्से नहीं थे और ये आधुनिक MICE थे। सभी MICE एक केबल द्वारा कंप्यूटर से जुड़े हुए थे। हालांकि ये नए माउस वायरलेस थे और कनेक्टेड सिस्टम के साथ केवल शॉर्ट-रेंज रेडियो संचार पर निर्भर थे।

कर्सर कंप्यूटर को ले जाने के लिए MOUSE में एक या अधिक बटन थे जो कंप्यूटर स्क्रीन पर मेनू आइटम के चयन के रूप में उनके संचालन की अनुमति देते थे।

इन एमआईसीई में ज्यादातर टच सरफेस और अन्य तत्व जैसे स्क्रॉल व्हील थे जो कंप्यूटर सिस्टम में अतिरिक्त नियंत्रण और आयामी इनपुट को सक्षम करते थे।

माउस के प्रकार | Types Of Copmuter Mouse In Hindi

माउस ने कई चरणों में अपनी यात्रा पूरी की है। इस दौरान इसके कई अलग-अलग रूप विकसित किए गए। जिसे हम मुख्य रूप से निम्नलिखित पांच प्रकारों में विभाजित कर सकते हैं।

  • Mechanical Mouse | मैकेनिकल माउस
  • Optical Mouse | ऑप्टिकल माउस
  • Wireless Mouse | वायरलेस माउस
  • Trackball Mouse | ट्रैकबॉल माउस
  • Stylus Mouse | स्टाइलस माउस

मैकेनिकल माउस | Mechanical Mouse

इस माउस का आविष्कार 1972 में बिल इंग्लिश ने किया था। यांत्रिक माउस ने निर्देशों के लिए एक गेंद का उपयोग किया। इसलिए इसे बॉल माउस भी कहा जाता है। इस गेंद को दाएं-बाएं और ऊपर-नीचे घुमाया जा सकता था।

ऑप्टिकल माउस | Optical Mouse

यह माउसएलईडी-लाइट एमिटिंग डायोड और डीएसपी-डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग तकनीक पर काम करता है। ऑप्टिकल माउस में कोई गेंद नहीं होती है। इसके स्थान पर एक छोटा बल्ब लगाया जाता है। इसलिए माउस को हिलाने पर पॉइंटर चलता है। और इसमें मौजूद बटन के माध्यम से हम कंप्यूटर को निर्देश देते हैं। आजकल इस प्रकार के माउस का प्रयोग किया जाता है। वे एक तार के माध्यम से कंप्यूटर से जुड़े होते हैं। जो इसे बिजली की आपूर्ति भी करता है। ऑप्टिकल माउस का उपयोग करना आसान है।

वायरलेस माउस | Wireless Mouse

वायरलेस माउस बिना तार के माउस को कहा जाता है। इसे कॉर्डलेस माउस भी कहा जाता है। यह माउस रेडियोफ्रीक्वेंसी (RF) तकनीक पर आधारित है। लेकिन इसकी बनावट एक ऑप्टिकल माउस की तरह होती है। इसलिए, इसका उपयोग करने के लिए एक ट्रांसमीटर और रिसीवर की आवश्यकता होती है। ट्रांसमीटर माउस में ही बनता है। और रिसीवर अलग से बनाया जाता है। जो कंप्यूटर में स्थापित है। इस माउस को चलाने के लिए बैटरी की आवश्यकता होती है। इसलिए हमें अलग से एक छोटी बैटरी भी खरीदनी पड़ती है।

ट्रैकबॉल माउस | Trackball Mouse

इस माउस की बनावट भी कुछ ऑप्टिकल माउस की तरह है। लेकिन इसमें कंट्रोल के लिए ट्रैकबॉल का इस्तेमाल किया जाता है। कंप्यूटर को निर्देश देने के लिए उपयोगकर्ता को अपनी उंगली या अंगूठे से बॉल को हिलाना होता है। यह माउस हमें ज्यादा कंट्रोल नहीं देता है। और इसे चलाने में भी समय लगता है।

स्टाइलस माउस | Stylus Mouse

इस प्रकार के माउस को gStick Mouse भी कहा जाता है। क्योंकि स्टाइलस माउस का आविष्कार गॉर्डन स्टीवर्ट ने किया था। इसलिए gStick में ‘g’ का मतलब गॉर्डन है।

कंप्यूटर माउस से जुड़ी कुछ रोचक बातें

  • द्वितीय विश्व युद्ध से जुड़े एक सैनिक ने 1968 में कंप्यूटर माउस का आविष्कार किया था। जिसका नाम डगलस सी. एंगेलब था।
  • कंप्यूटर माउस के आकार और तार के रूप में इसकी लंबी पूंछ के कारण इसका नाम चूहे के अंग्रेजी नाम से लिया गया है।
  • कंप्यूटर माउस के बिना कंप्यूटर हमेशा अधूरा होता है, इसलिए इसे एक तरह से कंप्यूटर का हैंड कहा जा सकता है।
  • माउस एक इनपुट डिवाइस है जिसका आविष्कार डगलस एंगेलवर्ट ने 1977 में किया था।
  • माउस के प्रयोग से हमें की-बोर्ड का कोई भी बटन याद रखने की आवश्यकता नहीं होती है।
  • माउस के नीचे एक रबर बॉल होती है जो माउस को सतह पर घुमाने में मदद करती है।
  • माउस के नीचे रखी स्लेट के आकार की वस्तु को माउस पैड कहते हैं।
  • माउस के मुख्य चार कार्य हैं क्लिक या लेफ्ट क्लिक, डबल क्लिक, राइट क्लिक, ड्रैग या ड्रॉप।
  • 1964 में डग एंगेलबर्ट द्वारा पहला कंप्यूटर माउस लकड़ी का बनाया गया था।
  • क्या आप जानते हैं कि आज पूरी दुनिया में कम से कम 1 अरब से ज्यादा माउस बिक ​​चुके हैं।
  • यह यूजर और कंप्यूटर के बीच इंटरफेस का काम करता है।
  • कंप्यूटर में ग्राफिक्स बनाने के लिए माउस का उपयोग किया जाता है, इस माउस में दो या तीन माउस बटन होते हैं, प्रत्येक बटन का अपना अलग कार्य होता है।
  • जब हम माउस को किसी भी दिशा में घुमाते हैं, तो उसके अंदर सेंसर लगे होते हैं, जो माउस की गति का पता लगाते हैं या पकड़ लेते हैं।
  • आपको बता दें कि माउस के ऊपर एक पहिया होता है, जो किसी भी पेज को ऊपर-नीचे खिसका कर ऊपर-नीचे कर सकता है, इस प्रक्रिया को स्क्रॉलिंग कहते हैं।
  • माउस का उपयोग करके हम किसी भी फाइल या फोल्डर पर राइट क्लिक करके ओपन, कॉपी, कट, पेस्ट, रीनेम, प्रॉपर्टीज आदि को खोल सकते हैं।
  • माउस को समतल सतह पर घुमाकर आप कर्सर को किसी भी दिशा में ले जा सकते हैं। इसकी मदद से आप किसी भी फाइल को दो बार क्लिक करके खोल सकते हैं।

माउस के कार्य

  • कंप्यूटर में माउस के द्वारा बहुत सारे काम किए जा सकते हैं, माउस द्वारा किए गए कुछ काम इस प्रकार हैं।
  • आप कर्सर को कंप्यूटर स्क्रीन पर कहीं भी ले जा सकते हैं।
  • आप कंप्यूटर स्क्रीन पर फाइल का चयन कर सकते हैं, आप एक साथ कई फाइलों का चयन कर सकते हैं।
  • आप किसी फाइल को एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकते हैं।
  • आप कंप्यूटर स्क्रीन पर दिखाई देने वाली किसी भी फाइल को डबल क्लिक करके खोल सकते हैं।
  • आप कंप्यूटर स्क्रीन पर चल रहे किसी भी प्रोग्राम को बंद कर सकते हैं।
  • आप माउस में स्क्रॉल बटन के माध्यम से कंप्यूटर स्क्रीन को स्क्रॉल कर सकते हैं।
  • हम कंप्यूटर में माउस के माध्यम से ग्राफिक एडिटिंग कर सकते हैं।

माउस के फायदे

  • माउस की मदद से आप कंप्यूटर में बहुत सारे काम कर सकते हैं भले ही आपको की-बोर्ड की Key का ज्यादा ज्ञान न हो।
  • आप एक साथ कई फाइलों का चयन कर सकते हैं।
  • आप किसी फाइल या फोल्डर को एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकते हैं।
  • दस्तावेज़ बनाते समय, उसमें एक छवि जोड़ने पर इमेज के साइज को छोटा – बड़ा कर सकते हैं।
  • डबल क्लिक के द्वारा किसी भी फाइल या फोल्डर को कंप्यूटर स्क्रीन से ही खोला जा सकता है।
  • आप किसी भी वेबपेज या दस्तावेज़ को मिडिल व्हील बटन से स्क्रॉल कर सकते हैं।

माउस के नुकसान

  • माउस को किसी भी बेस में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। इसके लिए समतल आधार का होना आवश्यक है।
  • वायर्ड माउस में केबल होने के कारण माउस को ज्यादा दूर से इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
  • वायरलेस माउस में बैटरी खत्म होने की समस्या होती है।

निष्कर्ष

उम्मीद है की आपको यह जानकारी (Mouse Ka Full Form Kya Hai | What Is Mouse Full Form In Hindi) पसंद आयी होगी। अगर आपको यह लेख (Mouse Ka Full Form Kya Hai | What Is Mouse Full Form In Hindi) मददगार लगा है तो आप इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें । और अगर आपका इस आर्टिकल (Mouse Ka Full Form Kya Hai | What Is Mouse Full Form In Hindi) से सम्बंधित कोई सवाल है तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।

लेख के अंत तक बने रहने के लिए आपका धन्यवाद

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