नीट करने के फायदे – हर माता-पिता का सपना होता है कि उनका बेटा या बेटी बड़े होकर डॉक्टर-इंजीनियर बने। माता-पिता हमेशा कहते है उनका बेटा या बेटी बड़ा होकर डॉक्टर-इंजीनियर बनेगा। कुछ बच्चे माता-पिता के इस सपने को हकीकत में भी बदल देते हैं।
डॉक्टर या मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाने के लिए नीट एक महत्वपूर्ण चरण है। इस परीक्षा को पास करने के बाद ही छात्र मेडिकल क्षेत्र में करियर बना पाते है। जहां कई छात्र मेडिकल क्षेत्र में काम करना पसंद करते हैं, वहीं छात्र कई ऐसे भी हैं जो एमबीबीएस के बाद वैकल्पिक करियर विकल्प भी चुनते हैं।
आज के इस लेख में हम आपको नीट करने के फायदे (नीट क्लियर करने के फायदे) आदि के बारे में देने वाले है। तो आइये जानते है –
नीट क्लियर करने के फायदे (Neet Clear Karne Ke Fayde Hindi Mein)
नीट करके आप एक अच्छे डॉक्टर बन सकते हैं।
नीट परीक्षा सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान करती है।
नीट परीक्षा एकमात्र प्रवेश परीक्षा है जिसके माध्यम से आप एमबीबीएस जैसे कोर्स की पढ़ाई कर सकते हैं।
नीट करने से आपका भविष्य सुरक्षित हो जाता है, क्योंकि अगर आप आगे मेडिकल कोर्स करना चाहते हैं तो आराम से कर सकते हैं।
नीट परीक्षा का फायदा यह है कि अगर आप कोई अच्छा मेडिकल कोर्स करना चाहते हैं तो नीट परीक्षा पास देना अनिवार्य है।
नीट परीक्षा करियर के कई अवसरों के द्वार खोल सकती है। आप मेडिसिन, केमिस्ट्री, सर्जरी, नर्सिंग, रिसर्च आदि क्षेत्रों में अपना करियर बना सकते हैं। सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों या अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टरों को अच्छी सैलरी के साथ-साथ कई तरह की सुविधाएं भी मिलती हैं।
मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद विदेश में नौकरी पाने के कई अवसर मिलते हैं। आप दूसरे देशों के संगठनों और अस्पतालों के साथ सहयोग करके विदेश में काम कर सकते हैं। इसके साथ ही आप विभिन्न विशेषज्ञता वाले क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता विकसित कर सकते हैं। हर देश में अच्छे डॉक्टरों की मांग है। सबसे खास बात यह है कि भारतीय एमबीबीएस डिग्री की मांग लगभग सभी देशों में है।
नीट के करियर विकल्प (NEET Career Options In Hindi)
1) बीडीएस – नीट के बाद आप न सिर्फ एमबीबीएस में करियर बना सकते हैं, बल्कि बीडीएस कोर्स की डिग्री हासिल कर डेंटिस्ट भी बन सकते हैं। इस क्षेत्र में भी विकल्प केवल सार्वजनिक क्लीनिकों तक ही सीमित नहीं हैं, डेंटिस्ट अपना क्लीनिक शुरू करके अच्छा करियर बना सकते हैं।
2) एमडी, एमएस व डिप्लोमा – NEET के बाद एमडी, एमएस और डिप्लोमा एमबीबीएस के बाद सबसे ज्यादा चुने जाने वाले विकल्पों में से एक है, जो छात्र अपना मेडिकल करियर जारी रखना चाहते हैं वे एमडी या एमएस या डिप्लोमा डॉक्टर जैसे स्नातकोत्तर कोर्स करते हैं, यह कोर्स छात्रों को उनकी पसंद के क्षेत्र में मदद करता है।
3) एमबीए का कोर्स – आज के समय में लोग डॉक्टर की डिग्री हासिल करने के साथ-साथ मैनेजमेंट की डिग्री भी हासिल करना चाहते हैं, ऐसे लोगों के लिए एमबीए एक बेहतर विकल्प है।
4) एमएससी कोर्स – एमबीबीएस के बाद, छात्रों के पास एमएससी करने का एक अच्छा विकल्प है, एमबीबीएस स्नातक निम्नलिखित में से किसी भी क्षेत्र में मास्टर डिग्री प्राप्त कर सकते हैं, एयरोस्पेस मेडिसिन, बायोकैमिस्ट्री, एनाटॉमी, एनेस्थीसिया, डर्मेटोलॉजी, वेनेरोलॉजी एंड लेप्रोसी, जेरियाट्रिक, फॉरेंसिक मेडिसन, ईएनटी के अतिरकीकत कई अन्य क्षेत्र हैं।
4) डीएनबी कोर्स – एमबीबीएस के अलावा दूसरा विकल्प डीएनबी कोर्स करना है। डीएनबी पाठ्यक्रम राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड द्वारा प्रस्तावित एक स्नातकोत्तर डिग्री पाठ्यक्रम है, यह एमसीआई द्वारा मान्यता प्राप्त है।
5) क्लीनिकल रिसर्च – जब रिसर्च के क्षेत्र की बात आती है, तो भारत अभी भी बढ़ रहा है और विकसित हो रहा है। इसके लिए क्लिनिकल रिसर्च की बहुत जरूरत है। रिसर्च के अवसर प्रदान करने वाले विभिन्न संस्थान इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च, सीसीएमबी, सेंट जॉन्स रिसर्च इंस्टीट्यूट, डब्ल्यूएचओ हैं। इसके अलावा एम्स, पीजीआई, एनआईएमएचएएनएस, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च जैसे कई संस्थान पीएचडी डिग्री प्रदान करते हैं।
नीट के बारे में (About Neet In Hindi)
नीट का फुल फॉर्म नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (National Eligibility Cum Entrance Test) होता है, जिसे हिंदी में राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा कहा जाता है।
नीट परीक्षा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाती है, जो उम्मीदवार इस परीक्षा में सफल होते हैं वे मेडिकल कोर्स करने के लिए पात्र होते हैं। NEET का आयोजन राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा किया जाता है, जो परीक्षा आयोजित करती है।
नीट मेडिकल क्षेत्र की एक प्रवेश परीक्षा है, जो राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है। यह परीक्षा NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) द्वारा आयोजित की जाती है। नीट परीक्षा का मुख्य उद्देश्य छात्रों को मेडिकल कोर्स में प्रवेश दिलाना है। अगर आप बीडीएस, एमबीबीएस जैसे कोर्सेज में एडमिशन लेना चाहते हैं तो नीट परीक्षा पास देना अनिवार्य है।
नीट परीक्षा की शुरुआत साल 2016 में हुई थी। इसे पहले AIPMT (ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट) के नाम से जाना जाता था, लेकिन इसका नाम बदलकर नीट कर दिया गया है।
नीट परीक्षा में शामिल होने के लिए 50% अंकों के साथ 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है। 12वीं कक्षा में साइंस स्ट्रीम से पीसीबी (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी) ग्रुप चुनना अनिवार्य है, तभी आप NEET परीक्षा के लिए पात्र होंगे। नीट के लिए न्यूनतम उम्र 17 वर्ष होनी चाहिए तथा अधिकतम आयु सीमा निर्धारित नहीं है।
निष्कर्ष (Conclusion)
आज के इस लेख में हमने आपको नीट करने के फायदे (नीट क्लियर करने के फायदे) आदि के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख नीट करने के फायदे ( Neet Karne Ke Fayde) अच्छा लगा हैं तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।