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रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु कब हुई थी, रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु कैसे हुई थी, रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु कहाँ हुई थी?

रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु कब हुई थी – झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की वीरता का भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों में विशेष स्थान है। अपने जीवन के अंतिम युद्ध में रानी ने ऐसी वीरता दिखाई कि अंग्रेज भी उनके कायल हो गए थे। रानी लक्ष्मीबाई अपनी अंतिम सांस तक लड़ती रहीं।

आज के इस लेख में हम आपको रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु कब हुई थी, रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु कैसे हुई थी, लक्ष्मीबाई की मृत्यु कहाँ हुई थी के बारे में जानकारी देने वाले है। इसलिए इस लेख के अंत तक बने रहे, तो आइये जानते है रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु कब और कैसे हुई थी (Rani Lakshmi Bai Ki Mrityu Kab Aur Kaise Hui Thi) –

रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु कब हुई थी (Rani Lakshmi Bai Ki Mrityu Kab Hui Thi)

रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु 18 जून 1858 में हुई थी, रानी लक्ष्मीबाई अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए शहीद हो गई थीं। उन्होंने अंतिम सांस झांसी में नहीं बल्कि झांसी से कुछ दूर स्थित ग्वालियर में ली थी। अदम्य साहस की मूर्ति लक्ष्मीबाई ने न तो अंग्रेजों के सामने घुटने टेके और न ही शहीद होने के बाद अपने शव को छूने दिया।

रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु कहाँ हुई थी (Rani Lakshmi Bai Ki Mrityu Kaha Hui Thi)

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रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु झांसी से कुछ दूर स्थित ग्वालियर में हुई थी।

रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु कैसे हुई थी (Rani Lakshmi Bai Ki Mrityu Kaise Hui Thi)

17 जून को रानी लक्ष्मीबाई का अंतिम युद्ध शुरू हुआ। लेकिन उनकी मृत्यु को लेकर अलग-अलग मत हैं, जिनमें लॉर्ड कैनिंग की रिपोर्ट को सबसे विश्वसनीय माना जाता है। रानी लक्ष्मीबाई ह्यूरोज की घेराबंदी और संसाधनों की कमी के कारण घिर चुकी थी। ह्यूरोज ने एक पत्र लिखकर रानी को एक बार फिर आत्मसमर्पण करने के लिए कहा। लेकिन रानी अपनी सेना के साथ किला छोड़कर मैदान में आ गई। अंग्रेजो का इरादा तात्या की सेना को एक तरफ से और दूसरी ओर से रानी लक्ष्मी का ब्रिगेडियर स्मिथ की टुकड़ी को घेरेने का था। लेकिन तात्या वक्त पर नहीं पहुंच सके और रानी अकेली पड़ गई।

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कैनिंग की रिपोर्ट तथा अन्य सूत्रों के अनुसार कहा जाता है कि रानी को युद्ध करते समय गोली लगी थी, जिसके बाद वे विश्वस्त सिपाहियों के साथ ग्वालियर शहर के रामबाग तिराहे से नौगजा मार्ग पर आगे बढ़ते हुए स्वर्ण रेखा नदी की ओर चल पड़ीं। रानी का नया घोड़ा नदी के किनारे रुक गया। रानी ने दूसरी बार नदी पार करने की कोशिश की लेकिन घोड़ा वहीं अड़ा रहा। गोली लगने से पहले ही खून बह रहा था और वह बेहोश होने लगी।

इसी बीच एक तलवार से उनका सिर सहित एक आंख अलग हो गई और रानी शहीद हो गईं। कहा जाता है कि शरीर छोड़ने से पहले रानी लक्ष्मीबाई ने अपने साथियों से कहा था कि उनका शरीर अंग्रेजों के हाथ नहीं लगना चाहिए। उनके शरीर को बाबा गंगादास की शाला के साधु, झांसी की पठान सेना की सहायता से शाला में ले आए, जहाँ उनका अंतिम संस्कार तुरंत किया गया। रानी के पराक्रम को देखकर ह्यूरोज ने स्वयं लक्ष्मीबाई की प्रशंसा की है।

FAQs

रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु कितने वर्ष की आयु में हुई थी?
रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु 29 वर्ष की की उम्र में हुई थी।

रानी लक्ष्मी बाई की मृत्यु कैसे हुई?
रानी लक्ष्मी बाई की मृत्यु सि पर तलवार के वार से हुई थी।

मृत्यु के समय झांसी की रानी की आयु क्या थी?
मृत्यु के समय झांसी की रानी की उम्र 29 वर्ष थी।

रानी की मृत्यु कब हुई थी?
18 जून 1858 को रानी की मृत्यु हुई थी।

महारानी लक्ष्मीबाई ने मरने से पहले क्या कहा?
शरीर छोड़ने से पहले रानी लक्ष्मीबाई ने अपने साथियों से कहा था कि उनका शरीर अंग्रेजों के हाथ नहीं लगना चाहिए।

निष्कर्ष

आज इस लेख में हमने आपको रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु कब हुई थी, रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु कैसे हुई थी, रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु कहाँ हुई थी के बारे में जानकारी प्रदान की है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा, अगर आपको यह लेख रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु कब और कैसे हुई थी अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।

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