रावण के पिता का नाम क्या था, रावण की माता का नाम क्या था – Ravan Ke Pitaji Ka Kya Naam Tha

Ravan Ke Pita Ka Naam Kya Tha: दशहरे के दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाते हुए रावण और रावण के साथ उसके भाई कुम्भकरण और पुत्र मेघनाद का भी पुतला जलाया जाता हैं। मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम और रावण के बीच हुए युद्ध में रावण के भाई विभीषण को छोड़कर परिवार के सभी सदस्य मारे गए। लेकिन रावण के परिवार के विषय में बहुत ही कम लोग जानते हैं।

आज के इस लेख में हम आपको रावण के परिवार के बारे में बताने वाले है, जिसमे आप यह भी जानेंगे की रावण के पिता का नाम क्या था, रावण की माता का नाम क्या था, तो अगर आप यह सभी जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो इस लेख को पूरा अवश्य पढ़े, तो आइये जानते है –

रावण के पिता का क्या नाम था (Ravan Ke Pita Ka Kya Naam Tha In Hindi)

रावण के पिता का नाम ऋषि विश्वश्रवा (Rishi Vishwasrava) था। ऋषि विश्वश्रवा की दो पत्नियां थी, पहली इलाविडा और दूसरी कैकसी थी।

रावण की माता का क्या नाम था (Ravan Ki Mata Ka Kya Naam Tha)

रावण की माता का नाम कैकसी (Kaikasi) था। कैकसी ऋषि विश्वश्रवा की दूसरी पत्नी थीं। ऋषि विश्वश्रवा की पहली पत्नी इलाविडा थी, इलाविडा से कुबेर का जन्म हुआ था।

रावण के दादा-दादी और नाना-नानी का क्या नाम था?

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रावण के दादा ब्रह्मा के पुत्र महर्षि पुलस्त्य थें और रावण की दादी का नाम हविर्भुवा था। रावण के नाना का नाम सुमाली और रावण की नानी का नाम ताड़का था।

रावण के भाई-बहन का क्या नाम था (Ravan Ke Bhai Bahan Ka Kya Naam Tha)

रावण के कुल 8 भाई-बहन थे। जिनके नाम है – कुम्भकरण, विभीषण, अहिरावण, खर, दूषण ये रावण के सगे भाई थे। रावण की सगी बहनें शूर्पणखा और कुंभिनी थीं। इसके अतिरिक्त रावण का सौतेला भाई (जो रावण से बड़े थे) कुबेर जी थे।

रावण की पत्नियां कितनी थी (Ravan Ki Patniya Kitni Thi)

रावण की तीन पत्नियाँ थीं। पहली पत्नी का नाम मंदोदरी, दूसरी पत्नी का नाम धन्यमालिनी और तीसरी पत्नी का नाम कोई नहीं जानता। रावण की पहली पत्नी मंदोदरी राजा मयासुर और अप्सरा हेमी की बेटी थी।

रावण के पुत्र कौन कौन थे (Ravan Ke Putra)

पौराणिक मान्यताओंं के मुताबिक रावण के पुत्र सात पुत्र थे। रावण के पुत्रों के नाम कुछ इस प्रकार है – इंद्रजीत, प्रहस्थ, अतिकाय, अक्षयकुमार, देवान्तक, नरान्तक और त्रिशिर।

रावण को लेकर कुछ बाते और बचपन

महर्षि वाल्मिकी द्वारा रचित रामायण महाकाव्य, श्रीमद्भागवत पुराण और पद एवं पद्म पुराण में लिखा है कि रावण और कुंभकर्ण दोनों ही भगवान विष्णु के परम भक्त थे और जब भगवान हरी नारायण ने राम के अवतार में धरती पर जन्म लिया तो उनके दोनों प्रिय भक्तों ने भी रावण व कुम्भकर्ण के रूप में जन्म लिया।

रावण और कुम्भकर्ण अगले जन्म में हिरण्याक्ष और हिरण्यकशिपु थे। रावण के जन्म के बारे में कई बातें बताई जाती हैं। जिसमें कहा गया है कि रावण और कुंभकर्ण भगवान राम के प्रिय भक्त होने के बावजूद गलत समय पर गर्भधारण करने के कारण एक भयंकर राक्षस के रूप में इस धरती पर पैदा हुए थे।

कुछ अन्य मान्यता के अनुसार तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस के माध्यम से बताया गया है कि रावण का जन्म एक श्राप के कारण हुआ था। रावण के जन्म की एक और मान्यता यह है कि रावण का जन्म नारद और प्रतापभानु के बीच हुए युद्ध के कारण हुआ था।

कैकसी ने अपने पति विश्वश्रवा से वरदान मांगा कि उन्हें एक ऐसा पुत्र मिले जो देवताओं से भी अधिक शक्तिशाली और बहुत ज्ञानी हो। उसके पास अद्भुत ज्ञान हो और वह एक अद्भुत बच्चा हो।

कुछ समय बाद कैकसी ने रावण को जन्म दिया। जन्म के समय रावण दस सिरों के साथ पैदा हुआ था। यह देखकर कैकसी ने अपने पति विश्वश्रवा से पूछा कि मुझे ऐसा पुत्र क्यों प्राप्त हुआ?

तो उनके पति ने जवाब दिया कि आपने एक अद्भुत बेटे की कामना की थी हैं, इसलिये दस सिर वाला यह अद्भुत पुत्र उत्पन्न हुआ है, जो बहुत ज्ञानी होगा। देवताओं से भी अधिक शक्तिशाली होगा।

रावण बचपन से ही बहुत ज्ञानी बालक था। रावण ने कम उम्र में ही शिक्षा और विद्या सीखना शुरू कर दिया था। रावण ने बहुत ही कम उम्र में चारों वेदों का ज्ञान प्राप्त कर लिया था। साथ ही रावण को तंत्र-विद्या, ज्योतिष, आयुर्वेद में भी महारत प्राप्त थी।

रावण बहुत ही कम उम्र में महान तपस्वी बन गया था। रावण अब अमर होना चाहता था, वह पहले ही तीनों लोकों का स्वामी बन चुका था। लेकिन अब वह अमर होना चाहता था, इसके लिएदशानंद रावण ने ब्रह्मा जी का कठोर तप भी किया।

ब्रह्मा जी ने कहा कि मैं तुम्हें अमर होने का वरदान तो नहीं दे सकता, लेकिन बदले में मैं तुम्हें बहुत सारी शक्तियां देता हूं, बहुत सारा ज्ञान देता हूं क्योंकि तुम पहले से ही बहुत ज्ञानी हो। तुम इस बात को अच्छे से समझ सकते हो।

इसके बाद रावण ने भगवान भोलेनाथ की कठोर तपस्या की। रावण ने भगवान भोलेनाथ की तपस्या करके उनसे कई शक्तियां प्राप्त की थीं। इस प्रकार रावण का बचपन अनेक वेदों और शास्त्रों का ज्ञान प्राप्त करने तथा तंत्र-विद्या सीखने में व्यतीत हुआ।

FAQs

रावण के दादा का नाम क्या था?
रावण के दादा का नाम पुलस्त्य था।

रावण की माता व पिता का नाम क्या था?
रावण की माता का नाम कैकसी और पिता का नाम ऋषि विश्वश्रवा था।

रावण की जाति क्या है?
रावण की जाति ब्राह्मण है।

रावण का गोत्र कौन सा है?
रावण का गोत्र कश्यप है।

रावण की पत्नी कितनी थी?
रावण की तीन पत्नी थी।

निष्कर्ष

आज के इस लेख में हमने आपको रावण के पिता का नाम क्या था (Ravan Ke Pita Ka Naam Kya Tha) के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा, अगर आपको यह लेख रावण की माता का नाम क्या था (Ravan Ki Mata Ka Naam Kya Tha) अच्छा लगा है, तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।

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