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सबसे पहले रामायण किसने लिखी है, सबसे पहले रामायण किसने लिखी थी और कब – Ramayan Kisne Likhi Hai

Sabse Pahle Ramayan Kisne Likhi Thi: हिंदू धर्मग्रंथ रामायण के बारे में तो हर कोई जानता है, लेकिन आप में से शायद ही कोई जानता होगा कि भगवान राम को समर्पित रामायण किसने लिखी है, सबसे पहले रामायण किसने लिखी थी?

आज के इस लेख में हम आपको सबसे पहले रामायण किसने लिखी है, सबसे पहले रामायण किसने लिखी थी के बारे में जानकारी देने वाले है, इसलिए इस लेख के अंत तक बने रहे, तो आइये जानते है –

रामायण किसने लिखी और कब लिखी (Ramayan Kisne Likhi Aur Kab Likhi)

रामायण वाल्मीकि जी ने लिखी थी, जिन्हे आदि कवि भी कहा जाता है। 31वीं सदी ईसा पूर्व वाल्मीकि रामायण की रचना हुई थी , जबकि वर्तमान के कुछ शोधकर्ताओं के अनुसार वाल्मीकि रामायण (Valmiki Ramayan) को 1400 ईसा पूर्व मे लिखा गया था।

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लेकिन क्या आप जानते है सबसे पहले रामायण किसने लिखी थी, आपको बता दे की वाल्मीकि जी से पहले भी रामायण लिखी जा चुकी थी। जिसके बारे में हम आपको आगे जानकारी दे रहे है।

ऐसा माना जाता है कि श्री राम की कथा सबसे पहले भगवान शंकर ने देवी पार्वती को सुनाई थी। वह कहानी एक कौवे ने भी सुनी, उसी कौए का पुनर्जन्म कागभुशुण्डि के रूप में हुआ। काकभुशुण्डि (Kakbhushundi) ने पूर्व जन्म में भगवान शिव शंकर के मुख से सुनी रामकथा (Ram Katha) पूरी याद थी।

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उन्होंने यह कहानी अपने शिष्यों को सुनाई। इस प्रकार रामकथा का प्रचार हुआ। भगवान शंकर के मुख से निकली श्रीराम की यह पवित्र कथा ‘अध्यात्म रामायण’ के नाम से प्रसिद्ध है।

हालाँकि, रामायण के बारे में एक और प्रचलित मत है और वह यह है कि रामायण सबसे पहले हनुमानजी ने लिखी थी, उसके बाद महर्षि वाल्मिकी ने संस्कृत महाकाव्य ‘रामायण’ की रचना की।

रामायण के पचात ही श्रीराम कथा (Shree Ram Katha) कई भाषाओं में रामायण (Ramayan) या रामायण के समकक्ष नामों से लिखी गई।

हनुमानजी ने इसे एक शिला पर लिखा था। हनुमानजी द्वारा यह रामकथा वाल्मिकी रामायण से भी पहले लिखी गयी थी और ‘हनुमन्नाटक’ के नाम से प्रसिद्ध है। इस तरह दुनिया की कई रामायणों में भगवान श्रीराम आज भी जीवित हैं, जो सदियों तक कायम रहेगी।

इस प्रकार समय-समय पर अनेक रामायणें लिखी गईं। इन सभी रामायणों में श्री राम की कथा में कुछ न कुछ परिवर्तन किया गया। इन सभी पवित्र रामायण ग्रंथों में श्रीराम के बारे में ऐसी घटनाएं मिलती हैं जो मूल वाल्मिकी रामायण में नहीं हैं, इसीलिए महर्षि वाल्मिकी रामायण को मूल रामायण माना जाता है।

वाल्मिकी रामायण और अन्य रामायणों में जो अंतर देखा जा सकता है वह यह है कि वाल्मिकी रामायण तथ्यों और घटनाओं के आधार पर लिखी गई थी, जबकि अन्य रामायण जनश्रुति के आधार पर लिखी गई थी।

उदाहरण के लिए, बुद्ध ने पूर्व जन्मों का वृत्तांत कहते हुए अपने शिष्यों को राम की कथा सुनाई थी। बुद्ध के बाद गोस्वामी तुलसीदास ने श्रीरामचरितमानस के नाम से अवधी में रामकथा लिखी। इसी प्रकार हर देश ने अपनी रामायण जनश्रुतियों के आधार पर लिखी है।

रामायण का अब तक अन्नामी, बाली, बंगाली, कम्बोडियन, चीनी, गुजराती, जावाई, कन्नड़, कश्मीरी, खोटानी, लाओसी, मलेशियाई, मराठी, उड़िया, प्राकृत, संस्कृत, संथाली, सिंहली, तमिल, तेलुगु, थाई, तिब्बती, कावी आदि भाषाओं में लिखी जा चुकी है।

हनुमान जी समुन्द्र में फेंक दी थी अपनी रामायण

भगवान राम को समर्पित एक रामायण स्वयं महाबली हनुमान ने लिखी थी, जिसे “हनुमद रामायण” के नाम से जाना जाता है। जी हां, ये बात तो सच है, लेकिन इसके साथ ही आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इस रामायण को खुद हनुमान जी ने समुद्र में फेंक दिया था।

शास्त्रों में बताया गया है कि रामायण सबसे पहले हनुमान जी ने लिखी थी। कहा जाता है कि यह रामायण एक पर्वत पर नाखूनों से लिखी गई थी। यह कथा वाल्मिकी जी द्वारा रामायण लिखने से भी पहले लिखी गयी थी और इसे “हनुमद रामायण” का नाम मिला। ऐसा कहा जाता है कि जब राम जी ने लंका पर विजय प्राप्त की और अपना राज्य संभालने के लिए वापस अयोध्या चले गए, इसी दौरान हनुमान जी ने रामायण लिखी।

काफी समय बीत जाने के बाद वाल्मिकी जी अपने द्वारा लिखी गई रामायण की पुष्टि करने के लिए भगवान शिव के पास गए और वहां उन्हें हनुमान जी द्वारा लिखी गई हनुमद रामायण के बारे में पता चला, तब उन्हें अपनी रामायण बहुत छोटी लगी और वे बहुत दुखी हुए। गया।

जब हनुमान जी को उनके दुःख के बारे में पता चला तो उन्होंने कहा कि मैं स्वयं निस्वार्थ भाव से अपने राम की भक्ति के मार्ग पर चलने वाला हूँ और आज से आपकी रामायण ही दुनिया में जानी जाएगी। इतना कहकर वह “हनुमद रामायण” उठाकर समुद्र में फेंक देते है।

हनुमान जी के इतने महान त्याग को देखकर वाल्मिकी जी ने कहा कि आपसे बड़ा कोई राम भक्त नहीं है, न ही आपसे बड़ा कोई दानी है। आप महान से भी ऊपर हैं, आपकी प्रशंसा करने के लिए मुझे कलयुग में एक और जन्म लेना होगा

ऐसा माना जाता है कि रामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास को वाल्मिकी का दूसरा जन्म माना जाता है। हनुमान जी की सहायता से ही उन्होंने यह महाकाव्य कार्य पूरा किया और आज भी रामचरितमानस में वर्णित सुंदरकांड और हनुमान चालीसा लोगों की जुबान पर हैं।

FAQs

रामायण किसने लिखी?
रामायण वाल्मीकि जी ने लिखी थी।

रामायण पहले वाल्मीकि या हनुमान किसने लिखी थी?
रामायण पहले हनुमान जी ने लिखी थी।

क्या हनुमान ने रामायण लिखी थी?
हाँ, सबसे पहले हनुमान जी ने ही रामायण लिखी थी।

निष्कर्ष

आज के इस लेख में हमने आपको सबसे पहले रामायण किसने लिखी है (Sabse Pahle Ramayan Kisne Likhi Hai) के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख सबसे पहले रामायण किसने लिखा थी (Sabse Pahle Ramayan Kisne Likha Tha) अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।

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