शनिदेव की प्रिय राशियां – शनिदेव की 4 राशियां उनकी पसंदीदा हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिदेव को कर्मफलदाता कहा जाता है। शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को सबसे शक्तिशाली ग्रह कहा गया है। अगर शनि किसी पर मेहरबान हो जाएं तो उसकी किस्मत पूरी तरह चमक जाती है। शनिदेव की 4 ऐसी पसंदीदा राशियां हैं जिन पर शनिदेव की हमेशा कृपा दृष्टि रहती है। साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान भी शनि इन राशियों को कम ही परेशान करते हैं। शनि जयंती पर शनि इन राशियों को लाभ पहुंचाने वाले हैं। आइए जानते हैं शनिदेव की पसंदीदा राशियां कौन सी हैं।
शनिदेव न्याय प्रिय देवता हैं। नौ ग्रहों में शनि ही एकमात्र ऐसे देवता हैं जो व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। शनि अगर किसी पर प्रसन्न हो जाएं तो राजा को रंक बना देते हैं और अगर किसी से नाराज हो जाएं तो उसके जीवन को परेशानियों से भर देते हैं। शनिदेव उन लोगों को आशीर्वाद देते हैं जो मेहनत, अनुशासन और ईमानदारी के रास्ते पर चलते हैं। शनि की नजर में सभी को एक समान बताया गया है। लेकिन, शनिदेव की कुछ प्रिय राशियां भी हैं। शनि जयंती पर 30 साल बाद ऐसा शुभ योग बना है, जिससे शनिदेव अपनी प्रिय राशियों को बंपर लाभ देने वाले हैं, सबसे पहले आपको बता दें कि इस बार शनि जयंती पर शनि 30 साल बाद मीन राशि में आए हैं। जो कि गुरु की राशि है और शनि और गुरु का सम संबंध है।
वृषभ राशि
पहली राशि वृषभ है, वृषभ राशि के स्वामी शुक्र हैं और शुक्र – शनि के बीच मित्रवत संबंध हैं। ऐसे में शनिदेव वृषभ राशि के जातकों को शुभ फल देते हैं। शनि देव इस राशि के जातकों को करियर में सफलता, समृद्धि और संतुलन प्रदान करते हैं। ऐसे में इस बार शनि जयंती पर शनि देव वृषभ राशि के जातकों के लिए दिव्य सौगात लेकर आए हैं। इस राशि के लोगों को करियर में उच्च पद और प्रतिष्ठा मिलने की संभावना है।
तुला
शनि देव की दूसरी पसंदीदा राशि तुला है। साथ ही तुला शनि देव की उच्च राशि है। इस राशि में शनि उच्च के होते हैं। साथ ही तुला राशि का स्वामी शुक्र है और शुक्र और शनि का मैत्री संबंध है, जिसका लाभ तुला राशि के जातकों को मिलता है। शनि के प्रभाव से तुला राशि के जातकों को करियर और व्यापार में सफलता मिलती है। साथ ही इन पर शनि की कृपा होने से इन्हें साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान भी ज्यादा संघर्ष नहीं करना पड़ता है।
मकर
शनि की तीसरी पसंदीदा राशि मकर है। मकर राशि शनि की अपनी राशि है। इसलिए शनि इस राशि के जातकों को मेहनती, अनुशासित बनाते हैं। शनि देव मकर राशि के जातकों को हर तरह का सुख प्रदान करते हैं। इस राशि के लोगों को काम में सफलता मिलती है। साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान भी शनिदेव ज्यादा परेशान नहीं करते हैं। इन राशियों के लोगों को शनि के सकारात्मक प्रभाव ही मिलते हैं।
कुंभ राशि
कुंभ राशि शनि की चौथी प्रिय राशि है। कुंभ राशि शनि की अपनी राशि है। इसके साथ ही कुंभ राशि शनि की मूल त्रिकोण राशि भी मानी जाती है। शनि कुंभ राशि के जातकों को स्वभाव से परोपकारी और सामाजिक बनाता है। अपनी राशि में विराजमान शनि व्यक्ति को जीवन में सफलता प्रदान करता है और उसे मेहनती और परिश्रमी बनाता है। कुंभ राशि के जातकों पर शनिदेव की विशेष कृपा होती है। इसके साथ ही व्यक्ति को धन, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।