शनि शमी का पेड़ की पहचान – शमी का पेड़ कैसा होता है, और शमी का पेड़ कितने प्रकार का होता है?

शनि शमी का पेड़ की पहचान – शमी का पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर होता है। शमी के पौधे का उपयोग कई बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। इसकी लकड़ी का उपयोग हवन आदि करने में भी किया जाता है। शमी के पेड़ को पूजनीय माना जाता है। इसीलिए विजयादशमी के दिन शमी वृक्ष की पूजा की जाती है।

यदि कुंडली में शनि से संबंधित कोई दोष हो तो शमी का पौधा घर में लगाने और प्रतिदिन उसकी पूजा करने से शनि की पीड़ा समाप्त हो जाती है। ऐसा माना जाता है कि शमी का पेड़ घर में रखने से घर पर जादू-टोने और नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव नहीं पड़ता है। शमी वृक्ष का महत्व रामायण में भी मिलता है।

आज के इस लेख में हम आपको शनि शमी का पेड़ की पहचान कैसे करे, शमी का पेड़ कैसा होता है, शमी का पेड़ कितने प्रकार का होता है, और शमी का पेड़ कहां लगाना चाहिए आदि के बारे में जानकारी देने वाले है। तो आइये जानते है –

शनि शमी का पेड़ की पहचान कैसे करे / शमी का पेड़ कैसा होता है?

शमी का पेड़ मध्यमकारा (मध्यम आकर) में उगता है और 10 से 20 मीटर ऊंचा होता है। यह वृक्ष हरी पत्तियों से सदैव हरा-भरा रहता है। इस पेड़ की शाखाएँ जुकी हुई और भूरे रंग की होती हैं। इस पेड़ में आपको कांटे भी नजर आएंगे। शमी वृक्ष के पौधे की पत्तियाँ मोटी होती हैं। शमी का पेड़ किसी भी मौसम में हरा-भरा रहता है।

शमी का पेड़ कितने प्रकार का होता है (Shami Ka Ped Kitne Prakar Ka Hota Hai)

शमी का पेड़ एक ही प्रकार का होता है, जो मध्यम आकर और 10 से 20 मीटर ऊंचा होता है।

शमी का बीज कैसा होता है और शमी का फूल कैसा होता है?

शमी के फूल बहुत छोटे और क्रीमी तथा पीले रंग के होते हैं। शमी के फूल सूखकर बीज बन जाते हैं। जो पीले रंग के होते हैं। शमी के बीज सूखने के बाद उड़ जाते हैं, या फिर इन्हें पशु-पक्षी खा जाते हैं। वही शमी के फूल आकार में छोटे और क्रीमी, भूरे या पीले रंग के होते हैं।

शमी का फल कैसा होता है (Shami Ka Fal Kaisa Hota Hai)

कुछ लोगों द्वारा यह माना जाता है कि शमी के पेड़ पर फल लगते हैं। लेकिन शमी के पेड़ पर कभी फल नहीं लगते। एक और पेड़ है जिसका नाम है छुईमुई। यह बिल्कुल शमी के पेड़ जैसा दिखता है, और यही पेड़ छुईमुई फल देता है।

शमी का पेड़ कहां लगाना चाहिए (Shami Ka Ped Kahan Lagana Chahiye)

शमी का पौधा शनिवार के दिन गमले में या सीधे कच्ची जमीन में लगाया जा सकता है। इसे आप घर के मुख्य द्वार के पास लगा सकते हैं। शमी का पौधा घर के अंदर नहीं लगाना चाहिए। इसे विजयादशमी के दिन लगाना सर्वोत्तम माना जाता है। विजयादशमी का शुभ दिन उन्नति का प्रतीक है और इस दिन शमी का पेड़ लगाने से आपकी किस्मत भी चमकने लगती है।

शमी का पेड़ आपको अपने घर के बाहर ऐसी दिशा में लगाना चाहिए कि जब भी आप घर से बाहर जाएं तो वह आपके दाहिनी ओर हो। अगर आपके घर के बाहर इस प्रकार की जगह नहीं है तो आप इसे घर की छत पर भी लगा सकते हैं। अगर आप इसे छत पर रखते हैं तो दक्षिण दिशा में रखें और अगर यहां धूप नहीं आती है तो आप इसे पूर्व दिशा या उत्तर-पूर्व दिशा में भी रख सकते हैं।

शमी का पौधा ऐसे स्थान पर लगाना चाहिए जो बिल्कुल साफ-सुथरा हो। यानी यहां नाली का पानी या कूड़ा-कचरा नहीं होना चाहिए। यह भी ध्यान रखें कि शमी के पेड़ की पूजा की जाती है इसलिए यहां किसी को नहीं थूकना चाहिए। शमी का पौधा लगाने के लिए साफ मिट्टी का उपयोग करना चाहिए। यानी यह मिट्टी नाले के आसपास या किसी अन्य गंदी जगह की नहीं होनी चाहिए।

FAQs

शमी का पेड़ घर में क्यों लगाया जाता है?
शमी का पेड़ घर में लगाने से सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है।

शमी का दूसरा नाम क्या है?
शमी को चिकुर और खेजड़ी भी कहा जाता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

आज के इस लेख में हमने आपको शनि शमी का पेड़ की पहचान कैसे करे, शमी का पेड़ कैसा होता है, शमी का पेड़ कितने प्रकार का होता है, और शमी का पेड़ कहां लगाना चाहिए आदि के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख शनि शमी का पेड़ की पहचान कैसे करे (Shani Shami Ka Ped Ki Pahchan Kaise Kare) अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।

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