बिल्ली और बंदर की कहानी हिंदी में (Billi Aur Bandar Ki Kahani)

Billi Aur Bandar Ki Kahani: बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में दो बिल्लियाँ रहती थीं। एक का नाम रीना और दूसरे का नाम मीना था। दोनों एक साथ रहती थी और एक साथ खेलती थी।

एक दिन उन्हें बहुत भूख लगी। दोनों ने साथ में खाना ढूढ़ने का फैसला किया। जब वे खाना खोजने के लिए जाते है तो उनके एक घर दिखाई देता है, जिसकी खिड़की खुली होती है। उस खिड़की के सहारे दोनों घर की रसोई में घुस जाते हैं। घर की रसोई में घुस जाने के बाद दोनों काफी तलाश करते हैं, लेकिन खाने के लिए उन्हें कुछ नहीं मिलता। इस दौरान उनसे गलती से एक बर्तन टूट जाता है, जिसकी आवाज से घर में सो रहा बूढ़ा जाग जाता है।

बूढ़े को जागता देख दोनों बिल्लियों डरकर वहां से भाग जाती है। और निराश हो जाती हैं क्योंकि उन्हें बहुत भूख लग रही थी और इतनी मेहनत करने के बाद भी उन्हें खाने को कुछ नहीं मिला।

थोड़ा सा आगे जाने पर उन्हें एक और घर दिखाई देता है, उस घर में कोई नहीं होता है। मौका देखकर दोनों बिल्लियां उस घर के किचन में घुस जाती हैं और काफी खोजबीन के बाद उन्हें मुश्किल से एक रोटी मिलती है।

वे उस रोटी को लेकर घर के बाहर आ जाती है। लेकिन समस्या यह थी की वे तो दो थी, और रोटी एक। अब चुकी दोनों को भूख भी बहुत लग रही थी। इसलिए दोनों उस रोटी को लेकर झगड़ने लगे की रोटी को कौन खायेगा।

रीना कहती है कि उसकी नजर रोटी पर पहले पड़ी थी, इसलिए वह खाएगी। लेकिन मीना कहती है कि वह रोटी को चुराकर लेकर आयी है, इसलिए वह खाएगी। रोटी को लेकर दोनों के बीच हाथापाई शुरू हो जाती है।

और यह सब पेड़ पर बैठा एक बन्दर देख रहा था। बंदर बहुत लालची होने के साथ भूखा था और उसकी भी इच्छा उस रोटी को खाने की थी। इसलिए उसने इस मौके का फायदा उठाया।

बंदर अपनी चतुर योजना लेकर बिल्लियों के पास जाता है और उनका झगड़ा बंद कराता है। और उनसे कहता है कि मै रोटी को दो बराबर भागों में बांट देता हूँ, फिर आप दोनों इसे आधा-आधा खा लेना। दोनों बिल्लियाँ बंदर की बात मान लेती है और बंदर उस रोटी के दो टुकड़े कर देता है।

दो टुकड़े करने के बाद बन्दर उन्हें एक तराजू के दोनों पलड़ो में डाल देता है। तराजू में डालने के बाद एक तरफ का पलड़ा थोड़ा सा झुक जाता है। यह देख बन्दर कहता है इस तरफ रोटी थोड़ी ज्यादा है, इसलिए दोनों को बराबर करने के लिए उसमे से थोड़ी सी रोटी खा लेता है।

थोड़ी सी रोटी खा लेने बाद बन्दर फिर देखता है की अब दूसरी तरफ का पलड़ा झुक गया है। तो फिर बन्दर इस पलड़े में से भी थोड़ी रोटी खा लेता है। ऐसा बंदर बन्दर बार बार करता रहता है।

बिल्लियाँ कुछ समझ नहीं पातीं की यह क्या हो रहा है। ऐसा करते करते बंदर पूरी रोटी खा जाता है। और भागकर पेड़ पर चढ़ जाता है। और बेचारी बिल्लियाँ अपनी मूर्खता के कारण भूखी ही रह जाती हैं।

शिक्षा – बिल्ली और बंदर की कहानी से यह शिक्षा मिलती है की लड़ने के बजाय शांतिपूर्वक उस समस्या का हल निकालना चाहिए। और दूसरों से सहायता मांगने से पूर्व अपनी समस्यायों का समाधान खुद करने की कोशिश करनी चाहिए।

FAQs For Billi Aur Bandar Ki Kahani

दोनों बिल्लियाँ झगड़ा क्यों कर रही थी?
दोनों बिल्लियाँ एक रोटी के लिए झगड़ा कर रही थी।

दोनों बिल्लियो में से रोटी किसने खाई?
दोनों में से किसी ने नहीं, क्योकि रोटी को बन्दर चट कर गया था।

दोनों बिल्लियो की लड़ाई का फायदा किसने उठाया?
दोनों बिल्लियो की लड़ाई का फायदा बन्दर ने उठाया।

बन्दर ने बिल्लियो के साथ क्या किया?
बन्दर उनकी चुराई हुई रोटी खा गया।

निष्कर्ष

आज के इस लेख में हमने आपको एक शिक्षाप्रद कहानी – बिल्ली और बंदर की कहानी (Billi Aur Bandar Ki Kahani) – बताई है। हमे उम्मीद है आपको यह कहानी अच्छी लगी होगी। अगर आपको यह कहानी – बिल्ली और बंदर की कहानी अच्छी लगी है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।

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