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कैमरे का आविष्कार किसने और कब किया, जाने कैमरा का आविष्कार और फोटोग्राफी का विकास

Camera Ka Avishkar Kisne Kiya | Camera Ki Khoj Kisne Ki: हम अपनी आँखों से जो कुछ भी देखते हैं। उसकी छाप हमारे मस्तिष्क में बनती जाती है। और समय बीतने के साथ ये छापें फीकी पड़ने लगती हैं। देखे गए दृश्यों को कुछ हद तक याद करके दोहराया जा सकता है, लेकिन अगर किसी और को उसी दृश्य के बारे में बताना हो तो शायद यह पूरी तरह से शब्दों के माध्यम से संभव नहीं होगा।

इस समस्या को हल करने के लिए पहले पेंटिंग का विकास किया गया। लेकिन, पेंटिंग के माध्यम से किसी विषय को उकेरना, यह बहुत समय लेने वाला और धैर्यवान काम है और यह आवश्यक नहीं है कि बनाया गया चित्र बिल्कुल उसके मॉडल जैसा हो। इन चुनौतियों से लड़ते हुए मनुष्य ने ‘कैमरे’ की खोज की। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कैमरे का आविष्कार किसने किया | कैमरे की खोज किसने की? महान फ्रांसीसी आविष्कारक जोसेफ नाइसफोर नीप्से ने 1824 में कैमरे के प्रारंभिक रूप का आविष्कार किया था। इस उपकरण से किसी भी वस्तु या दृश्य की एक सटीक प्रतिलिपि उकेरी जा थी है।

Camera Ka Avishkar Kisne Kiya

Included

  • कैमरा का आविष्कार और फोटोग्राफी का विकास
  • कैमरे के आविष्कार की कहानी
  • रंगीन कैमरे का आविष्कार किसने किया?
  • डिजिटल कैमरे का आविष्कार किसने किया था?
  • सीसीटीवी कैमरे का आविष्कार किसने किया था?
  • डीएसएलआर कैमरे का आविष्कार किसने किया?
  • मोबाइल कैमरा का आविष्कार किसने किया?
  • कितने प्रकार के होते हैं कैमरे?
  • प्रश्नोत्तरी

Camera Ka Avishkar Kisne Kiya | Camera Ki Khoj Kisne Ki

कैमरा का आविष्कार और फोटोग्राफी का विकास

इंसान ने फोटोग्राफी के विकास में कई प्रयोग किए हैं, तभी आज फोटोग्राफी (Photography) की सरल व विश्वसनीय तकनीक उपलब्ध हो पायी है। बहु-प्रतिभाशाली लिओनार्दो दा विंची ने सबसे पहले यह देखा कि एक अंधेरे कमरे में, अगर दीवार या दरवाजे के एक छोटे से छेद से प्रकाश आता है, तो छिद्र के सामने की दीवार पर छिद्र के बाहर की तरफ मौजूद वस्तु अथवा दृश्य का छोटा व उल्टा प्रतिबिम्ब बन जाता है।

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इस प्रकार विंची दीवार पर कागज रखकर पेंसिल से वस्तु का प्रतिबिम्ब बनाने में सफल हुए। इसकी खोज के आधार पर दुनिया का पहला कैमरा ‘कैमरा ऑब्स्क्योरा’ प्रकाशरोधी बॉक्स में एक छोटा सा छिद्र करके बनाया गया था।

लिओनार्दो दा विंची के इस प्रयोग को फोटोग्राफी के इतिहास में मील का पत्थर माना जाता है। बाद में, इसे छोटा और अधिक परिवहनीय योग्य बनाते हुए, इसमें एक उत्तल लेंस और 45 डिग्री के कोण पर एक समतल दर्पण लगाया गया। बाद में, और सुधारों के साथ, अधिक सुविधाजनक कैमरे बनाए गए।

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महान वैज्ञानिक J. H. Schulze (J. H. Shulze) ने धातु की प्लेट पर सिल्वर नाइट्रेट एवं कैल्शियम कार्बोनेट का लेप किया और उस पर कागज के अक्षरों को काटकर चिपका दिया। उन्होंने पाया कि धूप में रखने के बाद अक्षरों के नीचे की प्लेट सफेद रही लेकिन अन्य हिस्सा काला हो गया।

वैज्ञानिक गेबर ने देखा कि पारदर्शी बोतल में रखा सिल्वर क्लोराइड का घोल प्रकाश से अभिक्रिया कर काला हो जाता है, लेकिन गैबर को घोल के रंग में बदलाव का कारण नहीं पता चल सका।

वैज्ञानिक गैबर (Scientist Gabor) के प्रयोग की तरह, वैज्ञानिक चार्ल्स विलियम शील ने एक प्रयोग किया। अपने प्रयोग में उन्होंने अलग-अलग रंग के प्रकाश का प्रभाव सिल्वर क्लोराइड के घोल पर देखा।। उन्होंने पाया कि लाल रंग का प्रकाश विलयन को काला करने में असफल रही, लेकिन अन्य सभी प्रकार के रंगों के प्रकाश में घोल काला हो गया। इस प्रकार, फोटोग्राफी के क्षेत्र में लाल रंग के प्रकाश के रूप में सुरक्षित प्रकाश की खोज की गई। जिसका उपयोग डिजिटल कैमरों के आगमन से पूर्व अंधेरे कमरों (डार्क रूम | Dark Room) में काले व सफेद ( श्वेत-श्याम) चित्रों (Printing) की छपाई के दौरान किया जाता था।

1824 में, महान फ्रांसीसी आविष्कारक जोसेफ नाइसफ्रे नीप्से ने एक कांच की प्लेट पर बिटुमेन और लैवेंडर के तेल के मिश्रण का लेप लगाया और इसे धूप में रखा और कई घंटों तक धूप में रखने के बाद प्लेट को क्रमशः लैवेंडर के तेल और अम्ल से धोया। नतीजतन, कांच पर एक नकारात्मक प्राप्त हुई । उन्होंने इसे ‘हेलियोग्राफी’ कहा, जिसका अर्थ है सूर्य की उपस्थिति में चित्रण। बाद में इसे ‘फोटोग्राफी’ कहा जाने लगा।

फोटोग्राफी में इस्तेमाल होने वाले डेवलपर की खोज तो अचानक ही हो गई। हुआ यूं कि 1839 में वैज्ञानिक लुईस जेक्यूज मन्डे डागुरे (Louis Jaeques Mande Dagurre) ने एक धातु की प्लेट पर सिल्वर आयोडाइड का लेप लगाया और उसे कई घंटों तक धूप में रखा। उन्होंने पाया कि प्लेट पर बना प्रतिबिम्ब बहुत कमजोर है। उन्होंने इस प्लेट को अलमारी में रख दिया। अगले दिन वे यह देखकर चकित रह गए कि प्लेट पर एक स्पष्ट प्रतिबिम्ब बना हुआ था। खोज करने पर पाया कि जिस अलमारी में उन्होंने थाली रखी थी, उसके बगल में पारा भी रखा हुआ था। उन्होंने पाया कि छवि का निर्माण अलमारी में मौजूद पारा के वाष्पों के कारण हुआ।

उसके बाद, 1840 में, विलियम हेनरी फॉक्स टैलबोट ने एक डेवलपर का आविष्कार किया और “द पेंसिल ऑफ नेचर” नामक एक पुस्तक लिखी। यह किताब दुनिया की पहली फोटोग्राफिक किताब थी।

इतनी यात्रा करने के बाद, रोल फिल्मों का निर्माण वर्ष 1888 में शुरू हुआ और उसी वर्ष ईस्टमैन कोडक ने पहला कोडक रोल फिल्म कैमरा पेश किया। कैमरे और फोटोग्राफी के क्षेत्र में आज भी गहन शोध चल रहे है। आज कई प्रकार के कैमरे विकसित ही गए हैं जैसे डिजिटल, सीसीटीवी आदि। वर्तमान में इनका क्षेत्र इतना विस्तृत हो गया है कि इसकी कई शाखाएँ एक दूसरे से बिल्कुल अलग लगती हैं जबकि उनके मूल्य में कैमरा (Camera) और फोटोग्राफी (Photography) ही है, जैसे कि एक्स-रे और इन्फ्रारेड फोटोग्राफी आदि।

कैमरे के आविष्कार की कहानी

पहला कैमरा 1685 में जोहान ज़हान (Johann Zahn) द्वारा डिजाइन किया गया था। इसके बाद, वर्ष 1814 में, जोसेफ नाइसफोर नीप्से (Joseph Nicephore Niepce) ने सबसे पहले कैमरा से फोटो खिंचा था। आपको बता दें कि कुछ हजार वर्ष पूर्व 1021 में इराक के एक गणितज्ञ इब्न अल-हेथम ने एक किताब में कैमरे का जिक्र किया था। जिसका नाम किताब अल मनाज़ीर था। सिर्फ जिक्र हुआ था तब कैमरा नहीं बना।

नाइसफोर नीप्स ने कैमरा ऑब्स्क्योरा की मदद से पहली तस्वीर ली, लेकिन उस समय कैमरा ऑब्स्क्योरा में कई समस्याएं थीं, जैसे कि फोटो लेने में काफी समय लगता था और फोटो लेने के बाद कुछ ही देर में खिचा हुआ फोटो गायब हो जाता था। इस समस्या को ठीक करने के लिए, लुइस डॉगेर ने जोसेफ नाइसफोर नीप्से के साथ काम करना शुरू किया। जिसके बाद 1829 में लुइस डॉगेर ने एक सफल व्यावहारिक कैमरे का आविष्कार किया। उस कैमरे का नाम लुइस डॉगेर ने अपने नाम से “देग्युरोटाइप” (Daguerreotype) रखा।

वर्ष 1839 में, नाइसफोर नीप्से और लुइस डॉगेर दोनों के बेटों ने फ्रांसीसी सरकार को देग्युरोटाइप बेच दिया। लेकिन इस देग्युरोटाइप की एक समस्या थी कि इससे फोटो खींचने के बाद निगेटिव तस्वीरें नहीं मिलती था। इस समस्या को ठीक करने के लिए साल 1840 में विलियम हेनरी फॉक्स ने कैलोटाइप (Calotype ) नाम के कैमरे का आविष्कार किया था, इस कैलोटाइप से निगेटिव फोटोज मिलते थे।

रंगीन कैमरे का आविष्कार किसने किया?

अब तक सभी कैमरे केवल ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरें लेने में सक्षम थे। और इस कमी को दूर करने के लिए साल 1907 में ऑगस्ट और लुइस ने ऑटोक्रोम स्ट्रक्चर प्रोसेस से कलर फोटोज बनाकर इस प्रोसेस को अपने नाम पर पेटेंट करा लिया। तभी से रील फिल्म वाले रंगीन कैमरे बाजार में आने लगे।

फिर साल 1948 में अमेरिकी वैज्ञानिक एडविन लैंड ने पोलोराइड इंस्टेंट कैमरा बनाया, यह फोटो इंस्टेंट कैमरा एक मिनट से भी कम समय में फोटो लेता था और फोटो निकाल देता था। लेकिन अभी तक डिजिटल कैमरा का आविष्कार नहीं हुआ था।

डिजिटल कैमरे का आविष्कार किसने किया था?

पहले के जमाने में जो कैमरे होते थे। उन्हें हर कोई खरीद नहीं पाता था और न ही इस्तेमाल कर पता था। डिजिटल कैमरे के आविष्कार के बाद से ही सभी ने कैमरे का उपयोग करना शुरू कर दिया है। आपको बता दें कि डिजिटल कैमरा का आविष्कार स्टीवन सैसन (Steven Sasson) ने वर्ष 1975 में किया था। उस डिजिटल कैमरे में केवल 0.01 मेगापिक्सेल उपयोग किया गया था और उस कैमरे से केवल ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरें ली जा सकती थीं और एक तस्वीर को कैप्चर करने में लगभग 23 सेकंड का समय लगता था। इसके बाद साल 1990 में पहली बार डिजिटल कैमरा बेचा गया और उस कैमरे का नाम Dycam Model 1 था उस वक्त इस कैमरे की कीमत 600 डॉलर थी।

सीसीटीवी कैमरे का आविष्कार किसने किया था?

सीसीटीवी तकनीक का पहला प्रयोग 1942 में जर्मनी में हुआ था। सीसीटीवी प्रणाली को इंजीनियर वाल्टर ब्रुच द्वारा डिजाइन किया गया था और इसे वी-2 रॉकेट की निगरानी के लिए स्थापित किया गया था। व्यावसायिक उपयोग इस तकनीक का 1949 से शुरू हुआ।

डीएसएलआर कैमरे का आविष्कार किसने किया?

जापानी कंपनी निकोला ने सबसे पहले इसके डीएसएलआर कैमरे का आविष्कार किया और उन्होंने इस कैमरे का नाम डीएसएलआर रखा। जब डीएसएलआर बाजार में आया तो सभी कैमरों को पीछे छोड़ दिया और आपको बता दें कि डीएसएलआर कैमरा इमेज कॉलिटी बहुत अधिक है। इस कैमरे का उपयोग मूवी शूटिंग के लिए भी किया जाता है।

मोबाइल कैमरा का आविष्कार किसने किया?

साल 2000 में पहली बार मोबाइल में लगे कैमरे का इस्तेमाल जापानी फोन निर्माता कंपनी ने किया था। इस मोबाइल का नाम Sharp J-SH04 था। उस मोबाइल में 0.1 मेगापिक्सल का कैमरा इस्तेमाल किया गया था। उसी वर्ष सैमसंग ने SCH-V200 नामक एक कैमरा फोन लॉन्च किया।

कितने प्रकार के होते हैं कैमरे?

कैमरे 5 प्रकार के होते हैं।

• डोम सीसीटीवी कैमरा | Dome CCTV Camera

• बुलेट कैमरा | Bullet Camera

• बॉक्स टाइप कैमरा | Box Type Camera

• पीटीजेड कैमरा | PTZ Camera

प्रश्नोत्तरी

पहले कैमरे का डिजाइन किसने किया था?
पहला कैमरा 1685 में जोहान ज़हान ने डिजाइन किया था।

सबसे पहले कैमरे से फोटो किसने खिंचवाई।
जोसेफ नाइसफोर नीप्से ने सबसे पहले कैमरे से फोटो खिंचवाई।

रंगीन कैमरे का आविष्कार किसने किया?
साल 1907 में ऑगस्ट और लुइस ने ऑटोक्रोम स्ट्रक्चर प्रोसेस से कलर फोटोज बनाकर इस प्रोसेस को अपने नाम पर पेटेंट करा लिया।

डिजिटल कैमरे का आविष्कार किसने किया?
डिजिटल कैमरा का आविष्कार स्टीवन सैसन (Steven Sasson) ने वर्ष 1975 में किया था।

सीसीटीवी कैमरे का आविष्कार किसने किया?
सीसीटीवी प्रणाली को इंजीनियर वाल्टर ब्रुच द्वारा डिजाइन किया गया था।

डीएसएलआर कैमरे का आविष्कार किसने किया?
साल 2000 में पहली बार मोबाइल में लगे कैमरे का इस्तेमाल जापानी फोन निर्माता कंपनी ने किया था।

निष्कर्ष

उम्मीद है की आपको यह जानकारी (Camera Ka Avishkar Kisne Kiya | Camera Ki Khoj Kisne Ki) पसंद आयी होगी। अगर आपको यह लेख (Camera Ka Avishkar Kisne Kiya | Camera Ki Khoj Kisne Ki) मददगार लगा है तो आप इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें । और अगर आपका इस आर्टिकल (Camera Ka Avishkar Kisne Kiya | Camera Ki Khoj Kisne Ki) से सम्बंधित कोई सवाल है तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।

लेख के अंत तक बने रहने के लिए आपका धन्यवाद

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