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खाटू श्याम किसके पुत्र थे, खाटू श्याम कैसे बने, खाटू श्याम जी का धड़ कहां पर है?

खाटू श्याम मंदिर कहां है – राजस्थान के सीकर में स्थित खाटू श्याम का मंदिर भगवान श्री कृष्ण के मंदिरों में सबसे लोकप्रिय है। हिंदू धर्म में खाटू श्याम को कलियुग में श्रीकृष्ण का अवतार माना जाता है। इस लेख के माध्यम से आप खाटू श्याम मंदिर कहां पर है, खाटू श्याम मंदिर कहां पर स्तिथ है, खाटू श्याम किसके पुत्र थे, खाटू श्याम कैसे बने, खाटू श्याम जी का धड़ कहां पर है? के बारे में जानेंगे।

खाटू श्याम मंदिर कहां है (Khatu Shyam Mandir Kaha Hai)

बाबा खाटू श्याम का यह मंदिर राजस्थान राज्य के सीकर जिले के रीगस रींगस के पास में स्थित हैं। यह मंदिर हिन्दूओं के प्रमुख मंदिरों में से एक है।

खाटू श्याम मंदिर भारत के राजस्थान राज्य के सीकर जिले से लगभग 65 किमी दूर एक छोटे से गांव का एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। खाटू श्याम मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु खाटू श्याम के दर्शन करने आते हैं। भक्तों का मानना है कि खाटू श्याम के मंदिर में सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। खाटू श्याम मंदिर भगवान कृष्ण के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।

खाटू श्याम किसके पुत्र थे (Khatu Shyam Kiske Putra The)

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बर्बरीक गदाधारी भीम के पुत्र घटोत्कच और राक्षस मूर की पुत्री मोरवी के पुत्र थे। मतलब की खाटू श्याम घटोत्कच और मोरवी के पुत्र थे। बर्बरीक पांडुपुत्र भीम के पोते थे। कहा जाता है कि खाटू श्याम की शक्तियों और क्षमताओं से प्रसन्न होकर श्री कृष्ण ने बर्बरीक को कलियुग में उनके नाम से पूजे जाने का वरदान दिया था।

खाटू श्याम कैसे बने (Khatu Shyam Kaise Bane)

वनवास के दौरान जब पांडव अपनी जान बचाने की कोशिश में इधर-उधर घूम रहे थे, तब भीम का सामना हिडिम्बा से हुआ। हिडिम्बा ने भीम से एक पुत्र को जन्म दिया जिसका नाम घटोखा रखा गया। बर्बरीक घटोखा का पुत्र था। ये दोनों ही अपनी वीरता और शक्तियों के लिए जाने जाते थे। जब कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध होना था तो बर्बरीक ने युद्ध लड़ने का निश्चय किया था। जब श्रीकृष्ण ने उनसे पूछा कि वे युद्ध में किसके पक्ष में हैं तो उन्होंने कहा था कि वे हारने वाले पक्ष की ओर से लड़ेंगे। ऐसे में श्रीकृष्ण युद्ध का परिणाम जानते थे और उन्हें डर था कि यह कहीं पांडवों के लिए उल्टा न पड़ जाए। ऐसे में कृष्ण जी ने बर्बरीक को रोकने के लिए दान मांगा। दान में, उन्होंने अपना सिर मांगा। दान में बर्बरीक ने उन्हें सिर दे दिया, लेकिन अंत तक उन्होंने युद्ध को अपनी आँखों से देखने की इच्छा व्यक्त की। श्री कृष्ण ने उनकी इच्छा को स्वीकार कर लिया और युद्ध के स्थान पर एक पहाड़ी पर सिर रख दिया। युद्ध के बाद पांडव झगड़ने करने लगे कि विजय का श्रेय किसे जाता है, इसमें बर्बरीक कहते हैं कि उन्हें श्री कृष्ण के कारण विजय मिली। श्री कृष्ण बर्बरीक के इस बलिदान से बहुत प्रसन्न हुए और बर्बरीक को कलियुग में श्याम के नाम से पूजे जाने का वरदान दिया।

खाटू श्याम जी का धड़ कहां पर है (Khatu Shyam Ji Ka Dhad Kaha Par Hai)

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खाटू श्याम जी का धड़ खाटू में दफ़नाया गया था। बाद में वंहा खाटू श्यामजी का मंदिर बनावाया गया। इसलिए हम कह सकते है की खाटू श्याम जी का धड़ खाटू में ही है।

विद्वानों के अनुसार खाटू श्याम जी का सिर खाटू में दफनाया गया था और बाद में वहां सफेद संगमरमर का मंदिर बनाया गया था। एक बार एक गाय आकर अपने स्तनों से दुग्ध की धारा स्वतः ही बहा रही थी, बाद में खोदने पर वंहा सिर प्रकट हुआ, जिसे कुछ दिनों के लिए एक ब्राह्मण को सौंप दिया गया।

बाद में खाटू के राजा को सपने में मंदिर बनवाने और मंदिर में सिर सुशोभित करने के लिये प्रेरित किया गया। बाद में उस स्थान पर एक मंदिर का निर्माण किया गया और कार्तिक महीने की एकादशी को शीश मंदिर में सुशोभित गया, जिसे बाबा श्याम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। खाटू श्याम जी का मुख्य मंदिर राजस्थान के सीकर जिले के खाटू गांव में बना हुआ है।

FAQs For Khatu Shyam Mandir Kaha Hai

खाटू श्याम मंदिर कहां पर स्तिथ है?
खाटू श्याम मंदिर राजस्थान राज्य के सीकर जिले के रीगस रींगस के पास में स्थित हैं।

खाटू श्याम किसके पुत्र है?
खाटू श्याम घटोत्कच और मोरवी के पुत्र है।

निष्कर्ष

आज इस लेख के माध्यम से हमने आपको खाटू श्याम मंदिर कहां है, खाटू श्याम किसके पुत्र थे, खाटू श्याम कैसे बने, खाटू श्याम जी का धड़ कहां पर है? के बारे में जानकारी मुहैया कराइ है, हमे उम्मीद है आपको यह लेख जानकारी पूर्ण लगा होगा, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है है इसे खाटू भक्तों के साथ भी शेयर करे।

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