Panchkula family suicide – पंचकूला में एक ही परिवार के सात सदस्यों की सामूहिक आत्महत्या के मामले में अब बच्चों के स्कूलों से भावनात्मक प्रतिक्रियाएं आई हैं। सेक्टर-28 और सेक्टर-22 के सरकारी मॉडल स्कूलों के शिक्षकों ने मृतकों में शामिल बच्चों हार्दिक मित्तल, ध्रुविका और दलीशा मित्तल के बारे में अपनी आखिरी यादें साझा की हैं। इसमें उन्होंने बताया कि बच्चों या उनके अभिभावकों में कोई तनाव नहीं दिखा।
सेक्टर-28 के सरकारी मॉडल स्कूल में कक्षा 9वीं के सी सेक्शन के इंचार्ज मुकेश ने बताया कि हार्दिक मित्तल का उनके स्कूल में 28 अप्रैल को एडमिशन हुआ था। हार्दिक 28 अप्रैल से 22 मई तक स्कूल का छात्र था। मुकेश ने बताया कि इस बारे में कभी कोई शिकायत नहीं थी और वह एक दिन भी अनुपस्थित नहीं रहा।
उन्होंने बताया कि एडमिशन के समय बच्चों के अभिभावकों से भी बात की गई थी, लेकिन वे किसी तरह से तनाव में नहीं दिखे। जब उनसे पूछा गया कि बच्चा पहले कहां था, तो उन्होंने बताया कि वह स्कूल 38 में था और अब वे यहां शिफ्ट हो गए हैं, इसलिए बच्चे का एडमिशन यहां हुआ है। स्कूल में सीटें नहीं होने के बावजूद हार्दिक का एडमिशन हुआ। वह एक महीने तक स्कूल में रहा और टेस्ट भी दिए। हार्दिक के अभिभावक 22 मई को पीटीएम (पैरेंट्स-टीचर्स मीटिंग) के लिए भी स्कूल आए थे। दो बार 15-15 मिनट बच्चों के पिता से बात की गई, पर हर बार व्यवहार अच्छा रहा। दोनों लड़कियां पढ़ाई में अच्छी थीं, गणित में अच्छे अंक मिले ध्रुविका और दलीशा मित्तल सेक्टर-22 के सरकारी मॉडल स्कूल में कक्षा 6 की छात्रा थीं। वे भी एक महीने से ही स्कूल आ रही थीं।
शिक्षकों ने बताया कि दोनों लड़कियों का पिछला रिकॉर्ड काफी अच्छा था और वे पढ़ाई में भी अच्छी थीं। उन्होंने बताया कि पूरे महीने में उनमें से किसी की अनुपस्थिति नहीं रही और यूनिट टेस्ट में भी उनके अच्छे अंक आए थे, खास तौर पर गणित में दोनों के अच्छे अंक आए थे। शिक्षकों ने बताया कि 22 मई को उनके पिता भी स्कूल आए थे और उन्होंने शिक्षकों से पूछा था कि लड़कियों का स्कूल में मन लग रहा है या नहीं।
शिक्षकों ने बताया कि पिता को देखकर ऐसा नहीं लग रहा था कि वह किसी तनाव में थे। उन्होंने घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि दोनों लड़कियों का इस तरह से चले जाना बेहद दुखद है।
फाइनेंसर के दबाव में फॅमिली ने की है आत्महत्या
पंचकूला के सेक्टर-27 में सोमवार रात एक ही परिवार के सात सदस्यों ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। मृतक प्रवीण मित्तल के ससुर राकेश गुप्ता का कहना है कि वह करोड़ों के कर्ज के कारण परेशान थे। फाइनेंसर परिवार को जान से मारने की धमकी देता था। पुलिस को दो सुसाइड नोट मिले हैं, जिन्हें पुलिस ने फोरेंसिक लैब में भेज दिया है। मृतकों में प्रवीण मित्तल (42), पत्नी रीना (38), मां विमला (71), पिता देशराज (72), जुड़वां बेटियां ध्रुविका व दलीशा (11) और बेटा हार्दिक (14) शामिल हैं।
एक करोड़ रुपये का लिया था कर्ज
प्रवीण के ससुर राकेश गुप्ता ने बताया कि प्रवीण हिसार के बरवाला का रहने वाला है। उसने करीब 10 साल पहले कारोबार के लिए एक करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। इसके बाद वह अपने फॅमिली के साथ देहरादून चला गया। वहां टूर एंड ट्रैवल्स का कारोबार शुरू किया, पर घाटा हो गया। प्रवीण और उसका परिवार 10 साल से संपर्क में नहीं था।
वहीं, उसकी भाभी राखी गुप्ता ने आरोप लगाया कि प्रवीण की लगातार मदद की गई, लेकिन वह घाटे से उबर नहीं पाया और अपने परिवार को मौत के घाट उतारने के बाद खुद भी मौत को गले लगा लिया।