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डिजिटल रुपया क्या है, इसके फायदे, नुकसान और कैसे कर सकते है इस्तेमाल – (Digital Rupee In Hindi)

What Is Digital Rupee In Hindi: जब से देश में डिजिटल लेन-देन का दौर शुरू हुआ है, तभी से लोगों में कैश रखने की आदत छूट गई है क्योंकि जब भी कहीं पेमेंट करना होता है तो लोग भीम यूपीआई, फ़ोन पे, गूगल पे का इस्तेमाल करते हैं। आपको बता दें 1 दिसंबर से भारतीयों के लिए डिजिटल रुपया आ गया। आरबीआई ने 1 दिसंबर से रिटेल डिजिटल रुपी को लॉन्च करने की घोषणा की है, जो रिटेल डिजिटल करेंसी के लिए पहला पायलट प्रोजेक्ट होगा।

फिलहाल इस डिजिटल करेंसी को 1 दिसंबर को मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में लॉन्च किया गया है। इसके बाद पहले चरण में इसे नौ दूसरे शहरों में भी इसकी खरीद बिक्री की जा सकेगी। आरबीआई ने इससे पहले 1 नवंबर 2022 को होलसेल सेगमेंट में डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया था।

ब्लॉकचेन आधारित डिजिटल रूपी (डिजिटल रुपया) को दो तरह से लॉन्च करने की योजना बनाई गई थी। इसके तहत पहला पायलट प्रोजेक्ट 1 नवंबर को थोक लेनदेन के लिए शुरू किया गया था और दूसरा 1 दिसंबर को आम जनता के लिए रिटेल में लॉन्च किया गया है।

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जेब में कैश लेकर चलना अब बीते दिनों की बात हो जाएगी। दरअसल, आम भारतीयों के पास अब डिजिटल रुपया आ गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 1 दिसंबर से रिटेल डिजिटल रुपये लॉन्च करने का ऐलान कर दिया गया है, जो रिटेल डिजिटल करेंसी के लिए पहला पायलट प्रोजेक्ट होगा । लेकिन क्या आप इसका इस्तेमाल करना जानते हैं? साथ ही डिजिटल रुपया के फायदे और नुकसान क्या हैं?

अगर नहीं, तो आज के इस लेख में हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देने वाले है तो चलिए शुरू करते है और जानते है की डिजिटल रूपी क्या है या डिजिटल रुपया क्या है –

डिजिटल रूपया क्या है? (Digital Rupee Kya Hai In Hindi)

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डिजिटल रूपया करेंसी नोटों का डिजिटल रूप है। डिजिटल रूपया ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी पर आधारित है। इसे 1 नवंबर 2022 को थोक लेनदेन (होलसेल ट्रांसैक्शन) के लिए शुरू किया गया था और 1 दिसंबर 2022 को आम जनता के लिए रिटेल में लॉन्च किया गया है।

इसे आप कैश के डिजिटल वर्जन के तौर पर समझ सकते हैं और इसे शुरुआत में रिटेल ट्रांजेक्शन के लिए पेश किया गया है। इसे खर्च करना अपने पर्स से पैसा खर्च करने जैसा ही होगा। हालाँकि, यह डिजिटल वॉलेट या यूपीआई से भी काफी अलग है। भविष्य में इसका उपयोग सभी निजी क्षेत्र, गैर-वित्तीय ग्राहक और व्यवसाय कर सकते हैं।

इसका सीधा नियंत्रण भारतीय रिजर्व बैंक के पास होगा। आसान भाषा में कहें तो आज के समय में आप जिस तरह से कैश का इस्तेमाल करते हैं, वह बिल्कुल वैसा ही रहेगा, लेकिन उसका रूप डिजिटल होगा। e₹-R डिजिटल टोकन के रूप में होगा और आप इन्हें सिक्कों और नोटों की तरह इस्तेमाल कर सकेंगे।

पार्टिसिपेटिंग बैंक के माध्यम से यूजर्स डिजिटल रुपये का उपयोग करने में सक्षम होंगे। इसका उपयोग व्यक्ति-से-व्यक्ति और व्यक्ति-से-मर्चेंट दोनों तरह के लेनदेन के में किया जा सकता है।

आरबीआई ने दो कैटेगरी में डिजिटल रुपया को लॉन्च किया है। बैंक ने इसे दो रूपों में पेश किया है – जनरल पर्पज (रिटेल) और थोक (होलसेल)।

कौन से बैंक शामिल हैं?

8 बैंक इस प्रोजेक्ट में शामिल होंगे। शुरुआत में चार बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक इस पायलट प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं। बाद में बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक भी इस प्रोजेक्ट से जुड़ेंगे।

CBDC क्या है? (What Is CBDC In Hindi)

CBDC का फुल फॉर्म सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency) है। यह नकदी या कैश का इलेक्ट्रॉनिक रूप है। जैसे आप नकद लेनदेन करते हैं, वैसे ही आप डिजिटल मुद्रा (डिजिटल करेंसी) का भी लेनदेन कर सकेंगे। सीबीडीसी कुछ हद तक क्रिप्टोकरेंसी (जैसे बिटकॉइन या ईथर) की तरह काम करती है।

रिटेल यूज के लिए किया जाएगा लॉन्च

1 नवंबर 2022 को केंद्रीय बैंक ने होलसेल ट्रांजैक्शन के लिए डिजिटल रुपये की शुरुआत की यानी डिजिटल रुपया लॉन्च किया था और अब केंद्रीय बैंक इस डिजिटल मुद्रा (CBDC) को रिटेल उपयोग के लिए पेश करने जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार आरबीआई ने कहा है कि रिटेल डिजिटल रुपया के पायलट प्रोजेक्ट के दौरान इसके वितरण और इस्तेमाल की पूरी प्रक्रिया का परीक्षण किया जाएगा। शुरुआत में इसका रोलआउट चुनिंदा लोकेशंस पर किया जाएगा।

ऐसे कर सकते हैं ई-रुपये का इस्तेमाल (How To Use Digital Rupee In Hindi)

इससे पहले इस संबंध में जानकारी आरबीआई ने साझा की थी। बताया गया कि CBDC (डिजिटल रुपया) एक पेमेंट का माध्यम होगा, जो सभी नागरिक, व्यवसाय, सरकार और अन्य लोगों के लिए एक कानूनी निविदा (लीगल टेंडर) होगा। इसकी वैल्यू सेफ स्टोर वाले लीगल टेंडर नोट (मौजूदा करेंसी) के बराबर ही होगी। देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद कैश को अपने पास रखने की जरूरत कम हो जाएगी, या फिर रखने की जरूरत ही नहीं रहेगी।

कैसे काम करेगा डिजिटल रुपया? (Digital Rupee Works In Hindi)

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित करेंसी होगी। जहां थोक डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल वित्तीय संस्थान (जैसे बैंक) करती हैं, वहीं आम आदमी रिटेल करेंसी का इस्तेमाल कर सकेगा। ई-रुपया भारतीय मुद्रा का डिजिटल रूप वर्तमान में चार बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाएगा। इन बैंकों से उपलब्ध ऐप्स में यह करेंसी सुरक्षित रहेगी। उपयोगकर्ता बैंकों द्वारा प्रदान किए गए ऐप, मोबाइल फोन और डिवाइस में संग्रहीत डिजिटल वॉलेट के माध्यम से ई-रुपये के साथ लेनदेन कर सकेंगे। इसे मोबाइल फोन से एक दूसरे को आसानी से भेजा जा सकेगा और हर तरह का सामान खरीदा जा सकेगा। डिजिटल रुपये को पूरी तरह से भारतीय रिजर्व बैंक रेग्युलेट करेगा।

डिजिटल वॉलेट के जरिए लेनदेन – डिजिटल रुपये को मोबाइल फोन और दूसरे डिवाइस में रखा जा सकेगा। इसका वितरण बैंकों के माध्यम से किया जाएगा। पायलट परीक्षण में शामिल होने वाले बैंकों द्वारा प्रदान जाने वाले डिजिटल वॉलेट के माध्यम से उपयोगकर्ता ई-रुपये में लेनदेन कर सकेंगे।

क्यूआर कोड भुगतान – ई-रुपये के माध्यम से, व्यक्ति-से-व्यक्ति (P2P) और व्यक्ति-से-मर्चेंट (P2M) दोनों के रूप में लेनदेन किए जा सकेगा। मर्चेंट के यंहा लगे क्यूआर कोड के जरिए भुगतान किया जा सकेगा।

कोई ब्याज नहीं – नकदी की तरह डिजिटल करेंसी पर भी धारक को कोई ब्याज नहीं मिलेगा। इसका उपयोग बैंकों के पास जमा के तौर पर किया जा सकता है।

डिजिटल रुपया कैसे काम करता है? (Digital Rupee Work In Hindi)

जैसे हम अपने बैंक खाते में डिजिटल रूप में कैश देखते हैं, वैसे ही हम वॉलेट में अपना बैलेंस चेक करते हैं। कुछ ऐसे ही डिजिटल रुपी को देख सकेंगे और रख सकेंगे। डिजिटल रुपी को दो तरह से लॉन्च किया गया है। पहला होलसेल ट्रांजैक्शन यानी बड़े ट्रांजैक्शन के लिए, जो 1 नवंबर से शुरू हो गया है। वहीं, दूसरा रिटेल में आम जनता के लिए होगा, जिसे 1 दिसंबर से लॉन्च किया गया है। CBDC ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा। इसका पेपर करेंसी की तरह लीगल टेंडर होगा। इससे आप जिसे भी पेमेंट करना चाहेंगे, कर सकेंगे और उसके खाते में यह पेमेंट पहुंच जाएगा।

CBDC अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक रूप में दिखाई होगा। CBDC को पेपर नोट से बदला जा सकेगा। कैश की तुलना में लेन-देन आसान और सुरक्षित होगा। यह बिल्कुल कैश की तरह काम करेगा, लेकिन ट्रांजैक्शन टेक्नोलॉजी के जरिए पूरा होगा। एक तरह से इसे इलेक्ट्रॉनिक कैश कहा जा सकता है।

करेंसी नोटों का डिजिटल प्रारूप (Digital Format Of Currency Notes)

ई-रुपया डिजिटल टोकन की तरह काम करेगा। दूसरे शब्दों में, CBDC, RBI की ओर से जारी किए जाने वाले करेंसी नोटों का डिजिटल स्वरूप ही है। इसका इस्तेमाल करेंसी की तरह ही ट्रांसक्शन के लिए किया जा सकता है। आरबीआई के मुताबिक ई-रुपये का डिस्ट्रीब्यूशन बैंकों के जरिए किया जाएगा। डिजिटल वॉलेट के माध्यम से व्यक्ति-से-व्यक्ति या व्यक्ति-से-मर्चेंट के मध्य ट्रांसक्शन किया जा सकता है। मोबाइल वॉलेट के जरिए डिजिटल रुपया से लेनदेन कर पाएंगे। क्यूआर कोड स्कैन करके भी पेमेंट किया जा सकता है।

डिजिटल रूपी के फायदे (Advantages Of Digital Rupee In Hindi)

  • डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायक होगा ।
  • लोगों को जेब में कैश लेकर चलने की जरूरत नहीं होगी।
  • इसमें मोबाइल वॉलेट की तरह ही पेमेंट करने की सुविधा होगी।
  • आप डिजिटल रुपये को आसानी से बैंक मनी और कैश में बदल सकेंगे।
  • विदेश में पैसे भेजने के खर्च में कमी आएगी।
  • इंटरनेट कनेक्शन न होने पर भी ई-रुपया काम करेगा।
  • ई-रुपया की वैल्यू भी मौजूदा करेंसी के बराबर ही होगा।
  • छपाई की लागत कम होगी।
  • अवैध मुद्रा की रोकथाम होगी।
  • टैक्स वसूली आसान होगी।
  • काले धन और मनी लॉन्ड्रिंग पर अंकुश लगेगा।
  • ई-रुपया विश्वास, सुरक्षा, अंतिम समाधान जैसी सुविधाओं से लैस है। ई-रुपया उसी मूल्य पर जारी किया जाएगा जिस मूल्य पर करेंसी नोट और सिक्के वर्तमान में जारी किए होते हैं।

डिजिटल रूपी के नुकसान (Disadvantages Of Digital Rupee In Hindi)

  • रिजर्व बैंक (RBI) की डिजिटल करेंसी ई-रुपये के नुकसान की बात करें तो इसका एक बड़ा नुकसान यह हो सकता है कि इससे पैसों के लेन-देन से जुड़ी प्राइवेसी लगभग खत्म हो जाएगी।
  • आम तौर पर कैश लेन-देन करने से पहचान गुप्त रहती है, लेकिन डिजिटल लेन-देन पर सरकार की नजर रहेगी।
  • इसके अलावा ई-रुपये पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा। आरबीआई के मुताबिक अगर डिजिटल रुपये पर ब्याज दिया जाता है तो इससे करेंसी मार्केट में अस्थिरता आ सकती है। इसका कारण यह है कि लोग अपने बचत खाते से पैसे निकालकर उसे डिजिटल करेंसी में बदलना शुरू कर देंगे।

डिजिटल रूपी का उद्देश्य (Purpose Of Digital Rupee In Hindi)

CBDC केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए करेंसी नोटों का एक डिजिटल रूप है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में वित्तीय वर्ष 2022-23 से ब्लॉक चेन आधारित डिजिटल रुपया की पेश करने की घोषणा की थी। पूर्व में, केंद्रीय बैंक की ओर से कहा गया था कि मुद्रा के मौजूदा रूपों को बदलने के बजाय, आरबीआई डिजिटल रुपया का उद्देश्य डिजिटल करेंसी को उनका पूरक बनाना है और यूज़र्स को भुगतान के लिए एक अतिरिक्त विकल्प देना है।

डिजिटल रुपया का इस्तमाल कैसे करे? 

इस डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल आप किसी को भी पेमेंट करने के लिए कर सकते हैं। सीबीडीसी खाते में इलेक्ट्रॉनिक रूप में दिखाई होगा और मुद्रा नोटों के साथ इसके बदला भी जा सकेगा। जिस तरह हम अपना बैंक अकाउंट बैलेंस ऑनलाइन चेक करते हैं या मोबाइल वॉलेट चेक करते हैं, उसी तरह से हम ई-रुपये का इस्तेमाल कर सकेंगे। डिजिटल रुपये को यूपीआई से भी जोड़ने की तैयारी है।

डिजिटल भुगतान डिजिटल रुपया से कैसे अलग है?

बहुत अलग है। आप सोच रहे होंगे कि डिजिटल लेन-देन तो बैंक ट्रांसफर, डिजिटल वॉलेट या कार्ड पेमेंट्स से हो ही रहे हैं, तो फिर डिजिटल मुद्रा अलग कैसे हो गई?

यह समझना महत्वपूर्ण है कि अधिकांश डिजिटल पेमेंट्स चेक की तरह काम करते हैं। आप बैंक को निर्देश देते है। वह आपके खाते में जमा राशि से ‘वास्तविक’ रुपये का पेमेंट या लेन-देन करता है। हर डिजिटल ट्रांजैक्शन में कई संस्थाएं, लोग शामिल होते हैं, जो इस प्रक्रिया को पूरा करते हैं।

उदाहरण – अगर आपने क्रेडिट कार्ड से पेमेंट किया तो क्या सामने वाले को तुरंत मिल गया? नहीं। डिजिटल पेमेंट प्राप्तकर्ता के खाते तक पहुंचने में एक मिनट से लेकर 48 घंटे तक का समय लेते हैं। यानी पेमेंट तुरंत नहीं होता, इसकी एक प्रक्रिया होती है।

जब आप डिजिटल रुपये की बात करते हैं, तो आपने भुगतान किया और दूसरे व्यक्ति यानी सामने वाले को मिल गया। यही इसकी विशेषता है। अभी जो डिजिटल लेन-देन हो रहे है, किसी बैंक के खाते में जमा रुपये का ट्रांसफर है। लेकिन सीबीडीसी करेंसी तो नोटों की जगह लेने जा रहा है।

डिजिटल रुपया बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी से कैसे होगा अलग?

डिजिटल करेंसी की अवधारणा नई नहीं है। यह बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी से आया है, जो 2009 में लॉन्च हुआ था। इसके बाद ईथर से लेकर डॉजकॉइन और पचासों क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च हो चुकी हैं। पिछले कुछ सालो में यह एक नए असेट क्लास के रूप में डेवेलोप हुई है, जिसमें लोग इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं।

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी प्राइवेट लोग या कंपनियों द्वारा जारी की जाती हैं। इसके चलते इसकी मॉनिटरिंग नहीं होती। लोग गुमनाम रूप से लेनदेन कर रहे हैं, जिसके कारण आतंकवादी घटनाओं और अवैध गतिविधियों में क्रिप्टोकरंसी का उपयोग हो रहा है। किसी भी केंद्रीय बैंक का उन्हें सपोर्ट नहीं है। यह मुद्रा लिमिटेड है, जिसके कारण इसकी कीमत आपूर्ति और मांग के अनुसार घटती-बढ़ती रहती है।

लेकिन जब प्रस्तावित डिजिटल रुपये की बात करते हैं तो रिजर्व बैंक इसे हमारे यहां लॉन्च कर रहा है। न तो क्वांटिटी की सीमा है और न ही वित्तीय और मौद्रिक स्थिरता का मुद्दा है। एक रुपये का सिक्का और डिजिटल रुपया बराबर ताकत रखता है। लेकिन डिजिटल रुपये पर नजर रहेगी और रिजर्व बैंक को पता होगा कि किसके पास कितने पैसे हैं।

अब तक किस देश ने डिजिटल करेंसी लॉन्च की है?

पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने अप्रैल 2020 में दो पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किए। ई-युआन लॉटरी सिस्टम से बांटे गए। e-CNY यानी डिजिटल युआन के वॉलेट जून 2021 तक 2.4 करोड़ लोगों और कंपनियों ने बना लिए थे।

चीन में यूटिलिटी बिल्स, रेस्टोरेंट और परिवहन में 3450 करोड़ डिजिटल युआन (40 हजार करोड़ रुपये) का लेनदेन हो चुका है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 तक, डिजिटल युआन की चीनी अर्थव्यवस्था में 9% तक हिस्सेदारी हो जाएगी। सफल होने पर, चीन केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी लॉन्च करने वाला दुनिया में पहला देश बन जाएगा।

जनवरी 2021 में, बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स ने बताया कि दुनिया भर के 86% केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा पर काम कर रहे हैं। बहामास ने सबसे पहले अक्टूबर 2020 में ‘सैंड डॉलर’ नाम से CBDC की शुरुआत की। जमैका, नाइजीरिया समेत 8 पूर्वी कैरेबियाई देशों में भी लॉन्च किया गया।

जापान, कनाडा, स्वीडन, स्विट्ज़रलैंड, यूके और यूनाइटेड स्टेट्स के साथ ही यूरोपीय यूनियन भी बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के साथ मिलकर डिजिटल करेंसी पर कार्य कर रहे हैं।

वर्तमान में 15 देश परीक्षण कर रहे हैं – घाना, रूस, चीन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, स्वीडन, दक्षिण कोरिया, हांगकांग, थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, यूक्रेन, कजाकिस्तान, द. अफ्रीका शामिल है। भारत समेत 26 देश अभी तक विकास के चरण में थे।

FAQs

डिजिटल रूपया क्या होता है?
डिजिटल रूपया करेंसी नोटों का डिजिटल रूप है।

डिजिटल रूपया किस टेक्‍नोलॉजी पर आधारित है?
डिजिटल रूपया ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी पर आधारित है।

डिजिटल करेंसी का दूसरा नाम क्या है?
रिजर्व बैंक नेडिजिटल करेंसी को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी का नाम दिया है।

डिजिटल रूपया कब लॉन्च किया गया था?
डिजिटल रूपया को 1 नवंबर 2022 को होलसेल ट्रांसैक्शन के लिए और 1 दिसंबर 2022 को आम जनता के लिए रिटेल में लॉन्च किया गया है।

डिजिटल रूपया का फायदा क्या है?
डिजिटल रूपया का सबसे बड़ा फायदा यह है की इससे आपको कैश रखने से छुटकारा मिल जाएगा।

क्या डिजिटल रूपया बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी काम करेगा?
हाँ डिजिटल रूपया बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी काम करेगा?

क्या डिजिटल रूपया का ऑफलाइन इस्तेमाल कर सकेंगे?
हाँ डिजिटल रूपया का ऑफलाइन इस्तेमाल कर सकेंगे?

डिजिटल रुपया के और नाम क्या है?
डिजिटल रुपया को डिजिटल रूपी, ई-रुपया, ई-रूपी भी कहा जाता है।

डिजिटल रुपया का नुकसान क्या है?
इसका एक बड़ा नुकसान यह हो सकता है कि इससे पैसों के लेन-देन से जुड़ी प्राइवेसी लगभग खत्म हो जाएगी। आम तौर पर कैश लेन-देन करने से पहचान गुप्त रहती है, लेकिन डिजिटल लेन-देन पर सरकार की नजर रहेगी।

CBDC का फुल फॉर्म क्या है?
CBDC का फुल फॉर्म सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी है।

यह भी पढ़ें –

निष्कर्ष

उम्मीद है आपको हमारा यह लेख डिजिटल रुपया क्या है (Digital Rupee Kya Hota Hai), डिजिटल रुपया के फायदे और नुकसान पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।

अगर इस लेख में हमसे कुछ गलती हुई हो तो कमेंट करके जरूर बताए। साथ ही अपनी बहुमूल्य राय देना भी भूले।

लेख के अंत तक बने रहने के लिए आपका धन्यवाद

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