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जामुन को इंग्लिश में क्या कहते हैं (Jamun Ko English Mein Kya Kahate Hain)

जामुन को इंग्लिश में क्या कहते हैं – जामुन गर्मियों में खाया जाने वाला एक स्वादिष्ट फल है। यह मई और जून के मौसम में उपलब्ध होता है। जामुन अपने मीठे स्वाद के साथ ही कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है। जामुन एक ऐसा फल है जिसे सभी ने बचपन में सभी ने जरूर खाया होगा। यह गहरे बैंगनी से काले रंग का एक छोटा फल है। इस बेरी का भीतरी भाग गुलाबी सफेद रंग का होता है। जो खाने में स्वादिष्ट और मीठा होता है। इस लेख में हम आपको जामुन कहाँ पाया जाता है और जामुन का इंग्लिश नाम क्या है के बारे में जानकारी देने वाले है, तो आइये जानते है जामुन फॉर इंग्लिश (Jamun For English) –

जामुन कंहा पाया जाता है (Jamun Kanha Paya Jata Hai)

जामुन मुख्य रूप से भारत, श्रीलंका व नेपाल जैसे दक्षिण एशियाई देशों में पाया जाता है। जामुन के फल में औषधीय गुण भी होते हैं, क्योंकि इसका उपयोग पेट दर्द से राहत, मधुमेह के इलाज और कैंसर को रोकने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही जामुन का फल त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

जामुन को अंग्रेजी में क्या कहते हैं (Jamun Ko English Mein Kya Kaha Jata Hai)

अंग्रेजी में जामुन को ब्लैक प्लम (Black Plum) कहते है, इसके अलावा जामुन के कई नाम हैं जैसे ब्लैकबेरी, जामली, जंबुल, जंबोलन, जावा प्लम, जाम्बस, काला जामुन, ब्लैक प्लम आदि।

जामुन के फायदे (Jamun Ke Fayde In Hindi)

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जामुन खाने के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। जामुन न केवल एक अच्छा स्वादिष्ट फल है बल्कि इसमें आपको भरपूर मात्रा में आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट भी मिलता है। मजे की बात यह है कि इसका फल ही नहीं बल्कि पेड़ की छाल, पत्ते और यहां तक कि इसकी गुठली भी बहुत फायदेमंद होती है। आ

जामुन में विटामिन सी होता है जो हमारे इम्यून सिस्टम के लिए बहुत फायदेमंद होता है। विटामिन सी ही हमारे शरीर को वायरस, बैक्टीरिया आदि के संक्रमण से लड़ने की शक्ति देता है। इसी वजह से यह इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करने का काम करता है।

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टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों के लिए जामुन एक स्वस्थ नाश्ता है। इसमें कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है और यह आपके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद करता है।

बवासीर एक ऐसी समस्या है जिसमें मल के साथ खून निकलता है और दर्द होता है। बवासीर होने पर जामुन के फूलों के 20 मिलीलीटर रस में थोड़ी-सी चीनी मिलाकर दिन में 3 बार सेवन करने से खून का बहना बंद हो जाता है। बवासीर के मरीजों को इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है।

जामुन की तासीर कसैली होती है। जामुन के रस का नियमित सेवन करने से गले के दर्द और अन्य समस्याओं से राहत मिलती है। इसके अलावा जामुन के पत्तों के रस से गरारे करने पर मुंह के छालों में राहत मिलती है।

कहते है पके जामुन के सेवन से पथरी गल जाती है और निकल जाती है। इस प्रकार यह पथरी के उपचार में भी सहायक होता है।

जामुन में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं उसी तरह इसमें ट्राइटरपेनॉयड्स नामक तत्व पाया जाता है जो कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकता है। इसलिए यह उन लोगों के लिए लाभदायक है जो लोग दिल की बीमारियों से पीड़ित हैं। यह मुख्य रूप से रक्त को वसा प्राप्त करने से रोकता है जिससे कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है।

जामुन में जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो पाचन की प्रक्रिया को मजबूत करने के साथ-साथ अल्सर और दस्त को भी ठीक करते हैं। अगर किसी को कब्ज की समस्या है तो उसमें भी यह काफी मदद करता है। इसलिए पेट संबंधी बीमारियों से बचने के लिए जामुन का जूस पीना चाहिए।

विटामिन सी और आयरन से भरपूर जामुन शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाता है। शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ने से ऑक्सीजन की वहन क्षमता बढ़ती है। इससे शरीर में खून की कमी पूर्ण होती है व आप स्वस्थ रहते हैं। इसमें मौजूद आयरन खून को साफ करने में सहायता करता है।

जामुन में कसैले गुण होते हैं, जो त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इसके इस्तेमाल से त्वचा पर एक्ने और पिंपल्स की समस्या कम हो जाती है। अगर आपकी स्किन ऑयली है तो जामुन जरूर खाएं। इससे त्वचा में ताजगी बनी रहेगी। जामुन त्वचा की समस्याओं को दूर कर त्वचा को साफ रखने में मदद करता है।

जामुन में भरपूर मात्रा में फाइबर और कैलोरी बहुत कम होती है। इसमें विटामिन सी, आयरन, फास्फोरस, मैग्नीशियम और फोलिक एसिड भी पाया जाता है। यह शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसके सेवन से पेट काफी देर तक भरा रहता है, जिससे आपको बार-बार भूख नहीं लगती है। इसके नियमित सेवन से बढ़ते वजन को कम करने में मदद मिलती है।

जामुन मसूड़ों व दांतों के लिए लाभदायक होता है। इसके पत्तों में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। जामुन के सेवन से मसूड़ों से खून आना बंद हो जाता है और संक्रमण फैलने से रोकता है। जामुन के पत्तों को सुखाकर टूथ पाउडर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें कसैले गुण होते हैं जो मुंह के छालों को ठीक करने में मदद करते हैं। इसके अलावा मुंह के छालों में जामुन की छाल का काढ़ा बनाकर पीने से लाभ होता है।

जामुन में एंटी बैक्टीरियल, एंटी इंफेक्शन और एंटी मलेरिया गुण होते हैं। जामुन में मैलिक एसिड, टैनिन, गैलिक एसिड, ऑक्सालिक एसिड और बेटुलिक एसिड भी होता है। इसके सेवन से शरीर सामान्य संक्रमणों से दूर रहता है।

जामुन को डायबिटीज में असरदार फल माना जाता है , यह मधुमेह में बार-बार पेशाब आने और अधिक प्यास लगने की समस्या को दूर करने में मदद करता है। इसमें लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो ब्लड शुगर लेवल को सामान्य रखता है। जामुन के पेड़ की छाल और पत्तियों का उपयोग मधुमेह के इलाज के लिए किया जाता है।

जामुन हीमोग्लोबिन के स्तर में सुधार करता है और इसमें मौजूद आयरन रक्त शुद्ध करने वाले एजेंट के रूप में काम करता है। यह त्वचा के लिए फायदेमंद होने के साथ-साथ आंखों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। जामुन में कई तरह के मिनरल्स, विटामिन सी और ए पाए जाते हैं।

FAQs For Jamun Ko English Mein Kya Kahate Hain

जामुन को अंग्रेजी में क्या कहा जाता हैं?
जामुन को अंग्रेजी में ब्लैक प्लम कहते है।

जामुन कंहा पाए जाते है?
जामुन मुख्य रूप से भारत, श्रीलंका व नेपाल जैसे दक्षिण एशियाई देशों में पाया जाता है।

अस्वीकरण: इंटरनेट पर उपलब्ध विभिन्न चिकित्सा वेबसाइटों पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर यह लेख लिखा गया है। इसमें शामिल हर तथ्य व जानकारी को केवल आपकी जागरूकता और जानकारी बढ़ाने के लिए भेजा गया है। कृपया इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

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