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सूतक में लड्डू गोपाल की सेवा कैसे करें (Sutak Me Laduu Gopal Ki Seva Kaise Kare)

सूतक में लड्डू गोपाल की सेवा कैसे करें – हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार जब किसी घर में किसी का जन्म या होती है तो उससे होने वाली अशुद्धता या दोष को सूतक कहा जाता है। कुछ स्थानों पर जन्म के समय होने वाली इस अशुद्धता को सूतक और मृत्यु के बाद होने वाली अशुद्धता को पातक कहा जाता है।

इस दौरान पूजा-पाठ करने की मनाही होती है। धार्मिक कार्य करना वर्जित होता है। यह अशुभ समय होता है, इसलिए इस समय न तो भगवान पूजा की जाती है और न ही दर्शन किये जाते हैं। धार्मिक नियमों के अनुसार सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले और चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है, जिसके कारण मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं।

इसलिए आज के इस लेख में हम आपको सूतक में लड्डू गोपाल की सेवा कैसे करें के बारे में जानकारी देने वाले है। तो आइये जानते है –

सूतक में लड्डू गोपाल की सेवा कैसे करें (Sutak Me Laduu Gopal Ki Seva Kaise Kare)

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सूतक के समय मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं, और इस दौरान पूजा करने की भी मनाही होती है। ऐसे में सूतक में लड्डू गोपाल की सेवा कैसे करें? तो इसके लिए आप केवल एक तरीका अपना सकते है।

आप मन में लड्डू गोपाल का ध्यान करके उनका उनका स्मरण करके लड्डू गोपाल की सेवा कर सकते है। अपने मन को पूरी तरह से लड्डू गोपाल पर केंद्रित कर दे और फिर लड्डू गोपाल का स्मरण करते हुए ध्यान में मगन (लीन) हो जाएं। लड्डू गोपाल से संपर्क करने का प्रयास करे, अपना मन उनकी सेवा में लगाए। तो इस तरह सूतक के दौरान भी आप अपने नटखट लड्डू गोपाल की सेवा कर सकते हैं।

सूतक में लड्डू गोपाल की सेवा कैसे करें – नियमित वाली

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सूतक के दौरान पूजा करना और भगवान की मूर्ति को छूना, दीपक जलाना ये सब वर्जित है। लेकिन अगर घर में लड्डू गोपाल हैं तो उनकी सेवा नियमित होनी चाहिए।

ऐसे में कहा जाता है कि अगर आपकी कोई शादीशुदा बहन या बेटी है तो वह अपने घर ले जाकर कान्हा जी की सेवा और पूजा कर सकती है। अगर यह भी संभव नहीं है तो आप अपने किसी करीबी दोस्त या अपने अच्छे पड़ोसी की मदद ले सकते हैं। जब तक सूतक चल रहा है तब तक वह लड्डू गोपाल जी को अपने घर में रखकर उनकी पूजा-सेवा कर सकते हैं।

ध्यान देने वाली बात यह है कि जो व्यक्ति लड्डू गोपाल जी को अपने घर ले जा रहा है उसके मन में उनके प्रति सच्चा प्रेम और भक्ति होनी चाहिए। किसी से जबरदस्ती कान्हा जी की सेवा करने को न कहें। यदि इनमें से कुछ भी संभव न हो तो नियमित रूप से लड्डू गोपाल जी की मानसिक पूजा करें और उन्हें भोग लगाएं।

ध्यान रखें कि यह सब आपको केवल मानसिक रूप से करना है, क्योंकि भगवान भावनाओं (भाव) के भूखे हैं।

अगर घर में है लड्डू गोपालजी या ला रहे है लड्डू गोपालजी, तो इन बातों का रखे का ध्यान –

आमतौर पर सभी हिंदू घरों में प्रतिदिन लड्डू गोपालजी की पूजा की जाती है, उन्हें स्नान कराया जाता है, कपड़े पहनाए जाते हैं और भोग लगाया जाता है। भगवान की पूजा से जुड़े जितने भी नियम हैं। जिन घरों में लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है वहां इन नियमों का पालन करना जरूरी है।

1) अगर आप भी अपने घर में लड्डूगोपालजी ला रहे हैं तो सबसे पहले अपने मन में यह भावना बना लें कि अब यह आपका नहीं बल्कि लड्डूगोपालजी का घर है और अन्य लोगों की तरह वह भी इस घर के सदस्य हैं। इसके बाद सुबह उन्हें रोजाना की तरह नहलाएं और रोजाना उनके कपड़े बदलें। ध्यान रखें कि हमें लड्डूगोपालजी के लिए वही दिनचर्या अपनानी चाहिए, जो घर के अन्य सदस्य करते हैं। वह भी आपके घर का सदस्य है।

2) अगर आप बाहर से कोई खाने-पीने का सामान या अन्य सामान ला रहे हैं तो घर के सबसे छोटे सदस्य लड्डूगोपालजी को भोग अवश्य लगाना चाहिए। उन्हें घर का सबसे प्रिय और चहेता सदस्य माना जाता है। ऐसा मानकर सबसे पहले घर में बने सारे व्यंजन या खाने की सारी चीजें उन्हें अर्पित करें।

3) शाम के समय नियमित रूप से आरती करें और प्रतिदिन शाम को भोग लगाएं। लड्डू गोपाल जी की पूजा में एक भी दिन का अंतराल नहीं होना चाहिए। अगर आप किसी काम से घर से बाहर जा रहे हैं तो भी ध्यान रखें कि घर की एक चाबी लड्डू गोपाल को दें और प्रार्थना करें कि प्रभु आप इस घर की रक्षा करें। आप चाहें तो ऐसा भी कर सकते हैं कि लड्डू गोपालजी को किसी करीबी पड़ोसी को सौंप दें ताकि वह रोजाना उनका भोग लगा सके और पूजा कर सके।

4) जब आप बाजार जाएं तो जिस तरह अपने बच्चों के लिए खिलौने लाते हैं, उसी तरह लड्डू गोपाल जी के लिए भी नए-नए खिलौने लेकर आएं और खुद भी उनके साथ खेलने के लिए समय निकालें। यदि संभव हो तो समय-समय पर लड्डू गोपालजी को अपने साथ भ्रमण पर ले जाएं।

5) जिस प्रकार परिवार के बाकी सदस्य सुबह स्नान करने के बाद नाश्ता करते हैं, फिर दोपहर को भोजन करते हैं, और शाम को जलपान करते हैं और रात को भोजन करते हैं, उसी प्रकार लड्डू गोपालजी को कम से कम 4 बार भोग लगाना अनिवार्य है। ऐसा माना जाता है कि जिस तरह छोटे बच्चों को बार-बार भूख लगती है, उसी तरह लड्डू गोपालजी को भी भूख लगती है और उन्हें समय-समय पर खाना खिलाना जरूरी होता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

आज के इस लेख में हमने आपको सूतक में लड्डू गोपाल की सेवा कैसे करें, और उनसे संबधित किन बातों का ध्यान रखना चाहिए के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख सूतक में लड्डू गोपाल की सेवा कैसे करें अच्छा लगा है, तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।

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