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[Short] डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवनी हिंदी में (Dr Sarvepalli Radhakrishnan Biography In Hindi) 

Dr Sarvepalli Radhakrishnan Ki Jivani: डॉ. राधाकृष्णन बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। वे शिक्षा को ज्यादा महत्व देते थे। यही कारण है कि वे इतने ज्ञानी विद्वान हुए। वह हमेशा कुछ नया पढ़ने और सीखने के लिए उत्सुक रहते थे। डॉ. राधाकृष्णन ने अपने लेखों और भाषणों से पूरी दुनिया को भारतीय दर्शन से परिचित कराने का प्रयास किया।

इतना ही नहीं वे स्वतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे। उनका नाम भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। वे एक प्रसिद्ध शिक्षक भी थे और यही कारण है कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में उनके जन्म दिवस (जन्मदिन) पर हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

आज के इस लेख में हम आपको डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन परिचय से अवगत कराने वाले है। इसलिए अगर आप डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में जानना चाहते है, तो इस लेख डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवनी को अंत तक अवश्य पढ़े, तो आइये जानते है –

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवनी संक्षिप्त (Dr Sarvepalli Radhakrishnan Ka Jivan Parichay In Hindi)

  • पूरा नाम – डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन
  • पत्नी का नाम – सिवाकमु राधाकृष्णन
  • पिता का नाम – सर्वपल्ली विरास्वामी
  • माता का नाम – सिताम्मा राधाकृष्णन
  • जन्म दिनांक – 5 सितम्बर 1888
  • जन्म स्थान – तिरुमनी गाँव, मद्रास
  • विवाह सन – 1904
  • संतान – 5 बेटी, 1 बेटा

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन परिचय (Dr Sarvepalli Radhakrishnan Jeevan Parichay In Hindi)

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डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के एक छोटे से गांव तिरुमनी में हुआ था। वे एक ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता का नाम सर्वपल्ली विरास्वामी (Sarvepalli Veeraswamy) और माता जी का नाम सिताम्मा राधाकृष्णन (Sarvepalli Veeraswamy) था।

राधाकृष्णन को बचपन से ही ज्यादा सुख सुविधा नहीं मिली। राधाकृष्णन ने 16 साल की उम्र में ही अपने दूर की चचेरी बहन सिवाकामु से शादी कर ली थी। इन दोनों से 5 बेटियाँ और 1 बेटा हुआ। उनके बेटे का नाम सर्वपल्ली गोपाल है, जो भारत के महान इतिहासकार हुए। राधाकृष्णन की पत्नी की मृत्यु 1956 में हो गई थी।

डॉ. राधाकृष्णन का बचपन और शिक्षा –

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डॉ. राधाकृष्णन का बचपन तिरुमनी गांव में ही बीता। वहीं से उन्होंने अपनी शिक्षा शुरू की और आगे की शिक्षा के लिए उनका दाखिला क्रिश्चियन मिशनरी इंस्टीट्यूट लूथरन मिशन स्कूल, तिरूपति में करा दिया गया। जहां उन्होंने 1896 से 1900 तक शिक्षा प्राप्त की।

वर्ष 1900 में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने वेल्लोर कॉलेज से शिक्षा ली। इसके बाद उन्होंने आगे की शिक्षा मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज, मद्रास से पूरी की। उन्होंने 1906 में दर्शनशास्त्र में एम.ए. किया। राधाकृष्णन जी को जीवन भर शिक्षा के क्षेत्र में छात्रवृत्ति मिलती रही।

डॉ. राधाकृष्णन का करियर –

1909 में, राधाकृष्णन को मद्रास प्रेसीडेंसी कॉलेज में दर्शनशास्त्र का शिक्षक बनाया गया। 1916 में, वह मद्रास रेजीडेंसी कॉलेज में दर्शनशास्त्र के सहायक प्रोफेसर बन गये। 1918 उन्हें मैसूर विश्वविद्यालय द्वारा दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर के रूप में चुना गया। इसके बाद वे इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भारतीय दर्शनशास्त्र के शिक्षक बन गये।

डॉ राधाकृष्णन का राजनीती में कदम –

जब भारत को स्वतंत्रता मिली, तो जवाहरलाल नेहरू ने राधाकृष्णन से एक विशेष राजदूत के रूप में सोवियत संघ के साथ राजनयिक कार्यों को पूरा करने का आग्रह किया।

नेहरूजी की बात मानकर डॉ. राधाकृष्णन ने 1947 से 1949 तक संविधान सभा के सदस्य के रूप में काम किया। संसद में सभी लोग उनके कार्य और व्यवहार की बहुत सराहना करते थे। उन्होंने बाद में राजनीति में कदम रखा।

वह 13 मई 1952 से 13 मई 1962 तक देश के उपराष्ट्रपति रहे। 13 मई 1962 को वह भारत के राष्ट्रपति चुने गए। राजेंद्र प्रसाद की तुलना में उनका कार्यकाल चुनौतियों से भरा था।

डॉ. राधाकृष्णन को प्राप्त सम्मान एवं पुरस्कार –

  • शिक्षा और राजनीति में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए – 1954 में भारत रत्न
  • राधाकृष्णन जी के सम्मान में उनके जन्म दिवस 5 सितम्बर को – 1962 से शिक्षक दिवस
  • डॉ. राधाकृष्णन को “ब्रिटिश एकेडमी” का सदस्य बनाया – 1962 से
  • पोप जॉन पाल ने भेट किया – गोल्डन स्पर
  • इंग्लैंड सरकार द्वारा प्राप्त सम्मान – आर्डर ऑफ़ मेंरिट

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की मृत्यु –

लंबी बीमारी के बाद 17 अप्रैल 1975 को डॉ. राधाकृष्णन का निधन हो गया। शिक्षा के क्षेत्र में उनके सराहनीय योगदान को हमेशा याद किया जाता है और 5 सितंबर को शिक्षक दिवस रूप में उनके प्रति सम्मान को व्यक्त किया जाता है।

राधाकृष्णन को मृत्यु के पश्चात 1975 में अमेरिकी सरकार द्वारा टेम्पलटन पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो धर्म के क्षेत्र में उत्थान के लिए दिया जाता है। वह यह पुरस्कार पाने वाले वह प्रथम गैर-ईसाई समुदाय के व्यक्ति थे।

FAQS

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म कब, कँहा और मृत्यु कब हुई थी?
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तिरुत्तानी, मद्रास प्रेसीडेंसी में और निधन 17 अप्रैल 1975 को हुआ था।

डॉ. राधाकृष्णन के जन्मदिन को किस रूप में मनाया जाता है?
डॉ. राधाकृष्णन के जन्मदिन (जन्मदिवस) को शिक्षक दिवस (टीचर डे) के रूप में मनाया जाता है।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का निधन कब हुआ था।
17 अप्रैल 1975 को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का निधन हुआ था।

क्या डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने शादी की थी?
हाँ, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने शादी की थी।

निष्कर्ष (Conclusion)

आज के इस लेख में हमने आपको डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन परिचय (Biography Of Dr Sarvepalli Radhakrishnan In Hindi) से अवगत कराया है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख लगा होगा। अगर आपको यह लेख डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन परिचय हिंदी में (Biography Of Dr Sarvepalli Radhakrishnan In Hindi) अच्छा लगा है, तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।

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