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महाराज राजा दशरथ का असली नाम क्या था, राजा दशरथ का नाम दशरथ क्यों पड़ा?

महाराज राजा दशरथ का असली नाम – राजा दशरथ को कौन नहीं जानता। जिन लोगों ने रामायण देखी है वे राजा दशरथ को जरूर जानते होंगे। पुराणों में भी राजा दशरथ के बारे में बहुत कुछ बताया गया है।

राजा दशरथ अयोध्या के कौशल देश के राजा थे। वे प्रभु श्री राम जी के पिता थे। राजा दशरथ के बारे में आज हम आपको इस लेख के माध्यम से पूरी जानकारी प्रदान करने वाले है।

आज के लेख में हम आपको महाराज राजा दशरथ का असली नाम क्या था, राजा दशरथ का नाम दशरथ क्यों पड़ा? के बारे में जानकारी देने वाले है, इसके अलावा विषय से संबंधित अन्य जानकारी भी देने वाले हैं। तो आइये जानते है –

महाराज राजा दशरथ का असली नाम क्या था (Maharaja Dasarath Ka Asli Naam Kya Tha)

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अयोध्या महाराज दशरथ का असली यानी वास्तविक नाम मनु (Manu) था। महाराज दशरथ जो इक्ष्वाकु वंश के एक प्रतापी राजा थे, जिनका जन्म इक्ष्वाकु वंश में राजा अज और इंदुमती के पुत्र के रूप में हुआ था, उनका वास्तविक नाम मनु था।

जब वे मनु थे तब उन्होंने अपनी पत्नी शतरूपा के साथ कठोर तपस्या करके भगवान विष्णु को प्रसन्न किया। जिससे प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें दर्शन दिए और वरदान मांगने को कहा। उन्होंने भगवान विष्णु से कहा कि आपने दर्शन दिए हैं, यह सबसे बड़ा वरदान है, लेकिन यदि वरदान ही देना है तो किसी जन्म में हमारे पुत्र के रूप में जन्म लें। तब भगवान विष्णु ने उन्हें वरदान दिया और कहा कि मैं इक्ष्वाकु वंश राम के रूप में तुम्हारे पुत्र के रूप में जन्म लूंगा। आप उस वंश के राजा दशरथ के रूप में जन्म लेंगे।

राजा दशरथ का जन्म कहाँ हुआ था?

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कुछ प्राचीन पुराणों और ग्रंथों के अनुसार राजा दशरथ का जन्म त्रेतायुग में इक्ष्वाकु वंश में हुआ था।

दशरथ का जन्म कैसे हुआ था?

राजा दशरथ का जन्म उनकी माता इंदुमती (Indumati) के गर्भ से हुआ था।

राजा दशरथ के बारे में कुछ रोचक तथ्य (Interesting Facts About Dasaratha)

राजा दशरथ के चार पुत्र थे। राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुध्न। लेकिन उनकी दो बेटियां भी थीं। जिनके बारे में कोई नहीं जानता। राजा दशरथ की कुकबि और शांता नाम की दो बेटियाँ थीं। इन दोनों बेटियों के बारे में पुराने ग्रंथो में देखा जा सकता है।

ऐसा माना जाता है कि राजा दशरथ ने शनि स्तोत्र की रचना की थी। आज के समय में भी यह शनि स्तोत्र लोगों के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है।

ऐसा माना जाता है कि जो लोग शनि देव के दुष्प्रभाव से परेशान हैं और शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं। उन्हें राजा दशरथ द्वारा रचित शनि स्त्रोत्र का पाठ करना चाहिए। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और आपके जीवन की सभी परेशानियां समाप्त हो जाती हैं। इसके अलावा जीवन में खुशियां पाने और आर्थिक परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए भी आप इस शनि स्तोत्र (Shani Stotra) का पाठ कर सकते हैं।

FAQs

राजा दशरथ किसका अवतार थे?
राजा दशरथ पूर्व जन्म में मनु थे।

दशरथ जी के पिता का नाम क्या था?
दशरथ जी के पिता का नाम अज था।

दशरथ जी की माता जी का क्या नाम था?
दशरथ जी की माता जी का नाम इंदुमती था।

अयोध्या का सबसे पहला राजा कौन था?
अयोध्या का सबसे पहला राजा सम्राट रघु थे।

निष्कर्ष

आज के इस लेख में हमने आपको महाराज राजा दशरथ का असली नाम क्या था और राजा दशरथ का नाम दशरथ क्यों पड़ा के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा, अगर आपको यह लेख महाराज राजा दशरथ का असली नाम क्या था और राजा दशरथ का नाम दशरथ क्यों पड़ा अच्छा लगा है, तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।

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